इस दर्द भरी खतरनाक बीमारी का इलाज करेगा आयुर्वेद दवा पर शुरू हुआ रिसर्च

आयुष मंत्रालय के अंतर्गत कैंसर की आयुर्वेदिक दवा पर रिसर्च किया जा रहा है. आने वाले दो तीन साल में इसके परिणाम आने की उम्‍मीद है.

इस दर्द भरी खतरनाक बीमारी का इलाज करेगा आयुर्वेद दवा पर शुरू हुआ रिसर्च
लाइफस्‍टाइल संबंधी बीमारियों से लेकर तमाम गंभीर बीमारियों का इलाज आजकल आयुर्वेद में मौजूद है. आने वाले समय में अब दर्द भरे कैंसर के इलाज की उम्‍मीद भी जाग गई है. हाल ही में कैंसर के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवा पर रिसर्च शुरू हुई है. अगर परिणाम सही रहे तो आने वाले कुछ साल में आयुर्वेद पद्धति से कैंसर का इलाज कर पाना बेहद आसान होगा. वैज्ञानिक प्रमाणिकता के साथ आयुर्वेद को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली में आयोजित हुए नौवें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मौके पर आयुमंथन 3.0 में एमिल हेल्थकेयर एंड रिसर्च सेंटर की निदेशक डॉ. नितिका कोहली ने कहा, ‘हम वैज्ञानिक प्रमाणों के साथ आयुर्वेद को आगे बढ़ा रहे हैं. इस पद्धति से कई लाइलाज बीमारियों का उपचार कर रहे हैं. इसी का परिणाम है कि आज सफेद दाग यानी विटिलिगो का 100 फीसदी सटीक आयुर्वेदिक उपचार उपलब्ध है. इस साल आयुर्वेद महज एक चिकित्सा नहीं बल्कि जीवन को स्वस्थ रहने की एक समग्र शैली है. ये भी पढ़ें तुरंत बंद कर दें मॉर्निंग वॉक! डॉक्‍टर ने दी वॉर्निंग, टहलने का है मन तो ये है सही समय इस दौरान एमिल फार्मास्यूटिकल्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. संचित शर्मा ने बताया कि एमिल और राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर ने आयुष मंत्रालय के साथ मिलकर कैंसर दवा पर शोध शुरू किया है और आगामी दो से तीन साल में इसके नतीजे आने की उम्मीद है. लिहाजा अगर शोध के परिणाम सकारात्‍मक आते हैं तो कैंसर के इलाज में बड़ा फायदा मिलेगा. बता दें कि इस कार्यक्रम में देश के कोने कोने से आए आयुर्वेद विशेषज्ञों ने पारंपरिक चिकित्सा और उसके प्रभावों के बारे में जानकारी साझा की. मुंबई से आए चर्चित आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. राज सातपुते ने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा खासतौर पर आयुर्वेद को ज्यादा असरदार बनाने के लिए भरोसा जरूरी है. डॉक्टर और मरीज दोनों ही अगर पूरे विश्वास के साथ इस पद्धति को अपनाते हैं तो रिकवरी के परिणाम परिवर्तनकारी होते हैं. अब तक 55 से भी ज्यादा देशों में आयुर्वेद का प्रतिनिधित्व करने वाले डॉ. सातपुते ने आयुष चिकित्सा छात्र और डॉक्टरों से बातचीत में कई ऐसे आयुर्वेद की केस स्टडी को साझा किया जिनकी चमत्कारी घटनाओं से तुलना की जा सकती है. डॉ. सातपुते ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा के हर क्षेत्र में पारंगत है लेकिन त्वचा रोग विज्ञान के मामले में इसका कोई तोड़ नहीं है. उन्होंने अब तक कई ऐसे परिवारों को देखा है जिनमें इन बीमारियों के चलते काफी अलगाव पैदा हुआ और वहां आयुर्वेद चिकित्सा ने इलाज के साथ साथ तनाव सहित कई पैमानों पर अपना असर दिखाया. वहीं एक और वक्ता डॉ. वैशाली शुक्ला ने कहा कि चिकित्सा में कई ऐसे असाध्य रोगों या फिर उनसे जुड़े मरीजों की कहानी हमारे सामने आती हैं जिनका इलाज काफी सीमित है. अब तक आयुर्वेद चिकित्सा ने ऐसे अगिनत मामलों में असर दिखाया है जिनके जीवन को एक संजीवनी मिली है. ये भी पढ़ें  ये छोटा हरा पत्‍ता सब्‍जी में डालें या कच्‍चा खा लें, 5 बीमारियों को जड़ से कर देगा खत्‍म Tags: Ayurveda Doctors, Breast Cancer Se Jung, Cancer Insurance, Cancer Survivor, Health News, Trending newsFIRST PUBLISHED : October 26, 2024, 19:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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