20 साल के लड़के-लड़कियों को हो रही 60 साल वाली ये बीमारी फ्री की दवा न लेना
20 साल के लड़के-लड़कियों को हो रही 60 साल वाली ये बीमारी फ्री की दवा न लेना
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में 20 से 40 साल के ऐसे युवा इलाज के लिए आ रहे हैं जो नई उम्र में रूमेटाइड अर्थराइटिस से जूझ रहे हैं. ऐसा होने के पीछे धूप का एक्सपोजर कम होने और विटामिन डी व कैल्शियम की कमी बड़ी वजह है.
आपने अपने आसपास ऐसे बहुत सारे लड़के और लड़कियां देखे होंगे जिन्हें घुटनों, कमर या अन्य जोड़ों में दर्द की परेशानी हो रही है. कोरोना के बाद से 20 साल के लड़के-लड़कियों में ज्वॉइंट पेन और सूजन की परेशानी तेजी से बढ़ रही है और आगे चलकर रूमेटाइड अर्थराइटिस बन रही है. डॉक्टरों की मानें तो कभी यह बीमारी बड़े-बुजुर्गों हो होती थी और 60 साल से ऊपर के लोगों में देखी जाती थी लेकिन अब यह बीमारी युवाओं को अपनी चपेट में ले रही है.
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद की ओपीडी में आने वाले मरीजों के आधार पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि रूमेटाइड अर्थराइटिस से सबसे ज्यादा प्रभावित लड़कियां और महिलाएं हो रही हैं. कई बार यह बीमारी इतनी ज्यादा प्रभावित करने लगती है कि हड्डियां तक खोखली होने की स्थिति में पहुंच जाती है और ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या बन जाती है. मरीज की ऊंचाई घट जाती है, हड्डियां खोखली हो जाती हैं और बिखरने लगती हैं.
एआईआईए में इंटरनल मेडिसिन विभाग में एडिशनल प्रोफेसर डॉ. आर के यादव बताते हैं कि आजकल युवाओं के घुटनों से लेकर कमर और अन्य जोड़ों में दर्द की परेशानी देखने को मिल रही है. इससे जोड़ों में सूजन और इन्फ्लेमेशन जैसी समस्या भी हो जाती है. बिना इलाज के लंबे समय तक सूजन रहने से जोड़ों को नुकसान भी पहुंच रहा है.
ये हैं रूमेटाइड अर्थराइटिस के बड़े कारण
डॉ. यादव कहते हैं कि युवाओं में और खासतौर पर नई उम्र में रूमेटाइड अर्थराइटिस होने के पीछे एक सबसे बड़ी वजह देखी जा रही है फ्री की रेमेडी को न लेना. सभी को सूरज से धूप मुफ्त में मिलती है लेकिन आजकल के युवा इसी से दूर हैं. अस्पताल में आने वाले 90 फीसदी मरीजों की यही परेशानी है कि उनके पास धूप में रोजाना कुछ देर बैठने के लिए समय ही नहीं है.
धूप का कम एक्सपोजर हड्डियों के लिए काफी खतरनाक हो रहा है. खासतौर पर महिलाएं घरों के अंदर रहने के कारण या फिर वर्किंग भी हैं तो भी वे पूरा समय ऑफिस में रहने के कारण धूप नहीं ले पातीं और इस वजह से विटामिन डी की कमी झेलती रहती हैं. यही हाल अन्य युवाओं का भी है जो बिजी लाइफस्टाइल में धूप नहीं ले पाते. भारत में ऐसी कई रिसर्च भी सामने आ चुकी हैं जिनमें यह बताया गया कि ज्यादातर फीमेल्स में विटामिन डी की कमी है. इसकी वजह से शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है और हड्डियां खोखली होने लगती हैं.
डॉ. यादव कहते हैं कि शरीर में जो भी कैल्शियम रहता है वह समय के साथ-साथ कम होता जाता है, ऐसे में शरीर को अतिरिक्त कैल्शियम की जरूरत रहती है. हालांकि इस ओर लोगों का ध्यान नहीं रहता और कैल्शियम की कमी से हड्डियां कम होती जाती हैं. यह भी अर्थराइटिस का एक बड़ा कारण है.
इसके अलावा लोगों के पास व्यायाम करने का भी समय नहीं है. जिसकी वजह से शरीर में धीरे-धीरे इम्यूनिटी गड़बड़ होने लगती है और रूमेटाइड अर्थराइटिस जैसी ऑटो इम्यून डिजीज पैदा हो जाती हैं. इसे पूरी तरह ठीक कर पाना भी काफी मुश्किल है. इसलिए युवाओं को सावधान होने की जरूरत है. वरना उम्र बढ़ने पर उन्हें उठने-बैठने में भी दिक्कतें होना शुरू हो जाएंगी.
क्या करें युवा
डॉ. कहते हैं कि रूमेटाइड अर्थराइटिस से बचने या इससे उबरने के लिए चार चीजें करना जरूरी है. पहला रोजाना सुबह धूप में थोड़ी देर बैठें. सुबह धूप नहीं मिल पा रही तो किसी भी वक्त आपको कम से कम 20 मिनट पीठ पर धूप लेना जरूरी है. इससे विटामिन डी आपके शरीर में मौजूद रहेगी. खानपान में कैल्शियम, विटामिन, खनिज, प्रोटीन आदि की पर्याप्त मात्रा का ध्यान रखें. जंक फूड को अवॉइड करें. संभव हो सके तो रोजाना व्यायाम करें और अगर ये नहीं हो पा रहा है तो रोजाना कुछ देर पैदल जरूर चलें. एक जगह घंटों बैठे रहकर कोई काम न करें, बीच-बीच में टहलें, शरीर को स्ट्रेच करें. तभी आप इस रोग से बच सकते हैं.
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Tags: Health News, Lifestyle, Trending newsFIRST PUBLISHED : April 30, 2024, 18:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed