हर कानून औरतों के लिए है मर्दों के लिए नहीं बेंगलुरु टेकी का 24 पेज का नोट
हर कानून औरतों के लिए है मर्दों के लिए नहीं बेंगलुरु टेकी का 24 पेज का नोट
Bengaluru Techie Atul Subhash: पुलिस ने बताया कि बेंगलुरु में एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले अतुल सुभाष ने सोमवार को खुदकुशी कर ली. पुलिस के अनुसार सुभाष ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी, उसके रिश्तेदारों और उत्तर प्रदेश की एक जज पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
परिवार ने आरोप लगाया कि भारतीय कानून महिलाओं के पक्ष में हैं और उसमें पुरुषों के लिए बहुत कम उम्मीद बाकी रह जाती हैं. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी न्याय की मांग की.
उत्तर प्रदेश के रहने वाले और बेंगलुरु में एक प्राइवेट फर्म में काम करने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष को उनके घर में लटका हुआ पाया. पीड़ित ने साथ में 24 पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ रखा था. उन्होंने अपनी जान लेने से पहले 90 मिनट का एक वीडियो भी शूट किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी अलग हो चुकी पत्नी ने उन पर झूठे आरोप लगाए, उन्हें परेशान किया और कई मामले दर्ज कराए.
परिवार ने क्या कहा?
पीड़ित के पिता, पवन कुमार ने अपने बेटे के दुर्भाग्यपूर्ण निधन के बारे में बताते हुए कहा कि अतुल निराश था लेकिन उसने कभी अपने परिवार को अपनी पीड़ा का एहसास नहीं होने दिया. उन्होंने कहा कि उनके बेटे की पत्नी ने उन पर एक के बाद एक कई आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा, “उसने (पीड़ित) हमसे कहा था कि मध्यस्थता अदालत में जो लोग हैं वे कानून के अनुसार काम नहीं करते हैं, यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट के नियमों के मुताबिक भी नहीं. उसे कम से कम 40 बार बेंगलुरु से जौनपुर जाना पड़ा. वह (मृतक की पत्नी) एक के बाद एक आरोप लगाती रहती थी. वह निराश हुआ होगा, लेकिन उसने हमें कभी इसका एहसास नहीं होने दिया.”
घटना के बारे में विस्तार से बताते हुए कुमार ने कहा कि परिवार को घटना की जानकारी तब मिली जब अतुल ने अपने छोटे भाई को दोपहर लगभग 1 बजे एक ईमेल भेजा. उन्होंने कहा, “यह 100% सच है (मृतक द्वारा अपनी पत्नी और उसके परिवार के खिलाफ लगाए गए आरोप)… हम बता नहीं सकते कि हमारा बेटा किस स्तर के तनाव में रहा होगा.”
आत्महत्या की घटना पर अतुल के भाई ने क्या कहा?
मृतक के भाई बिकास कुमार ने कहा कि भारत में कानून “महिलाओं के लिए हैं, पुरुषों के लिए नहीं”. उन्होंने कहा, “मेरे भाई की पत्नी ने उससे अलग होने के लगभग 8 महीने बाद, तलाक का मामला दायर किया और मेरे भाई और हमारे पूरे परिवार के खिलाफ विभिन्न अधिनियमों और धाराओं के तहत कई आरोप लगाए. भारत में हर कानून महिलाओं के लिए है, पुरुषों के लिए नहीं – मेरे भाई ने इसके लिए लड़ाई लड़ी, लेकिन उन्होंने हमारा साथ छोड़ दिया.” भाई ने आगे कहा कि अतुल ने अपनी पत्नी के लिए हर संभव कोशिश की और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने भाई को न्याय दिलाने का गुहार लगाई.
उन्होंने कहा, “यहां तक कि अपने सुसाइड नोट में भी उन्होंने लिखा है कि – ‘अगर मैं सिस्टम से जीत गया, तो मेरे पार्थिव शरीर को गंगा में प्रवाहित कर देना, अन्यथा कोर्ट के बाहर किसी नाले में’… मेरे भाई ने उसके लिए सब कुछ किया. जो कुछ भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था. अगर ऐसा होता तो कभी मुझसे या हमारे पिता से इस बारे में चर्चा की होती – हमने उसे इस स्थिति से बाहर निकलने में मदद की होती…” कुमार ने आगे कहा, “मैं भारत सरकार और राष्ट्रपति से अनुरोध करना चाहता हूं कि अगर मेरा भाई सच्चाई के साथ है तो उसे न्याय मिलना चाहिए अन्यथा मुझे यह दिखाने के लिए सबूत दें कि वह गलत है. मेरे भाई के सुसाइड नोट में जिस जज का नाम है, उसके खिलाफ उचित जांच होनी चाहिए…”
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Tags: Bengaluru City, Bengaluru policeFIRST PUBLISHED : December 11, 2024, 01:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed