भारतीय सेना में नेपाली गुरखा की भर्ती का मुद्दा क्या सुलझ जाएगा
भारतीय सेना में नेपाली गुरखा की भर्ती का मुद्दा क्या सुलझ जाएगा
NEPALI GURKHA ISSUE : 200 साल पुरानी गुरखा रेजिमेंट से नेपाली गुरखा हो रहे कम. आज़ादी से पहले तक गोरखा रेजिमेंट में करीब 90 फ़ीसदी गोरखा सैनिक नेपाल के होते थे और 10 फ़ीसदी भारतीय गोरखा, बाद में प्रतिशत 80:20 किया गया और अब ये 60:40 है, यानी की 60 फ़ीसदी नेपाली डोमेसाइल गुरखा और 40 फ़ीसदी भारतीय डोमेसाइल गुरखा …पहले सेना को भारतीय गुरखा नहीं मिल रहे थे और अब नेपाली से गुरखा नहीं
Nepal Gurkha issue :पहले कोरोना और फिर अग्निपथ योजना, नेपाल में होने वाली गुराखा सैनिकों की भर्ती बंद है. 2019 के बाद से भारतीय गुरखा रेजिमेंट में एक भी नेपाली गुरखा शामिल नहीं हुआ. लेकिन अब शायद आने वाले दिनों में भर्ती का मुद्दा आगे बढ़ सकता है. पहले भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने नेपाल का दौरा किया तो महज 15 दिन के अंदर नेपाल के सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल भारत के दौरे पर रहेंगे. माना जा रहा है कि इस दौरे का सबसे बड़ा मुद्दा अग्निपथ के तहत गुरखा की भर्ती का भी होगा. नेपाल के सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल का बुधवार 11 दिसंबर से भारत दौरा शुरू होगा जो कि 14 दिसंबर तक जारी रहेगा.
क्या है गुरखा सैनिकों का भर्ती विवाद –
गुरखा रेजिमेंट का इतिहास 200 साल पुराना है. दुनिया की इकलौती एसी रेजिमेंट है जो एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन देशों की सेना में अपनी बहादुरी के परचम लहरा रही है. सबसे ज़्यादा गुरखा भारतीय सेना का हिस्सा है. ढाई साल पहले भारतीय सेना ने भर्ती को अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती किए जाने का फैसला लिया. और इसकी वजह से नेपाल की सरकार ने भारतीय सेना में गुरखा को ना भेजने का फैसला लिया. नेपाल ने भारतीय सेना को एक भी भर्ती रैली आयोजित नहीं करने दी. 2019 से एक भी गुरखा भारतीय सेना के गुरखा रेजिमेंट को नहीं मिला और हर साल गुरखा सैनिक रिटायर हो रहे है. एसे में माना जा रहा है कि अगर एसा ही चलता रहा तो आने वाले 10-12 साल में भारतीय सेना की गुरखा रेजिमेंट में एक भी नेपाली गुरखा नहीं रहेगा. भारतीय सेना की 7 गुरखा रेजिमेंट की 43 बटालियन हैं और बटालियन में 150 से 200 नेपाली गुरखा कम हो गए हैं जिसकी भरपाई के लिए उत्तराखंड के कुमाउ और गढ़वाल के युवाओं को शामिल किया जा रहा है .
रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री से होगी मुलाकात
नेपाल के सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल नेपाल के थलसेना प्रमुख के बनने के बाद ये उनका पहला दौरा है. इस दौरे में नेपाल सेना प्रमुख को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भारत की मानद जनरल की उपाधि से भी नवाजेंगे. अमूमन अब तक इस तहर के दौरे बहुत सीमित होते थे, लेकिन बार ये भव्य है. जनरल अशोक राज सिगडेल अपने दौरे के दौरान भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से मुलाकात और कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे. खास बात तो ये है कि नेपाल आर्मी चीफ अपने दौरे में भारत के टॉप मंत्रियों से खास मुलाकात करेंगे जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, विदेश सचिव विक्रम मिस्री, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से भी मुलाकात होगी. इतनी लंबी मुलाक़ातों की फ़ेहरिस्त इस बात की तरफ़ इशार कर रही है की दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के साथ साथ अग्निपथ स्कीम के तहत नेपाली गुरखा की भारतीय सेना में भर्ती का मुद्दा भी उठ सकता है. हालाँकि ये मुद्दा दोनों देशों के सरकार के बीच का है लेकिन नेपाली सेना प्रमुख नेपाल की ओली सरकार के समने इस विवाद का हल निकलवा सकते है. अब सबकी आँखें उस पर टिकी होगी की जनरल अशोक राज सिगडेल के नेपाल वापसी के बाद क्या सूचना आती है.
Tags: India nepal, Indian army, Nepal NewsFIRST PUBLISHED : December 11, 2024, 24:28 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed