ICAR में 2700 साइंटिस्ट लेटरल एंट्री से भर्तियों का सिलसिला 2007 से जारी

Lateral Entry Controversy: देश में इस वक्त लेटरल एंट्री पर विवाद जोरों पर है. इस बीच एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि देश के सबसे बड़े कृषि विज्ञान संस्थान आईसीएआर में 2007 से अब तक 2,700 वैज्ञानिकों को लेटरल एंट्री के जरिये आरक्षण के नियमों को दरकिनार करते हुए भर्ती किया गया.

ICAR में 2700 साइंटिस्ट लेटरल एंट्री से भर्तियों का सिलसिला 2007 से जारी
नई दिल्ली. देश में इस वक्त सरकारी नौकरियों में लेटरल एंट्री को लागू किए जाने को लेकर विवाद जारी है. विपक्ष के लगातार हंगामा करने के बाद केंद्र सरकार ने इसे वापस लेते हुए कहा कि लेटरल एंट्री के जरिये होने वाली भर्तियों में भी आरक्षण के नियमों को लागू किया जाएगा. मगर ‘द हिंदू’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के बड़े विज्ञान संस्थानों में लेटरल एंट्री के जरिये सीनियर पदों पर भर्तियां मनमोहन सिंह सरकार के वक्त से हो रही हैं. एक रिकॉर्ड के मुताबिक देश के सबसे बड़े कृषि विज्ञान संस्थान आईसीएआर में 2007 से अधिकांश टॉप साइंटिस्टो की नियुक्ति लेटरल एंट्री के जरिये की गई है, जिसमें आरक्षण के नियमों को दरकिनार किया गया है. अब तक देश के सबसे बड़े कृषि विज्ञान संस्थान में विभागाध्यक्ष, एडीजी, डीडीजी सहित 2,700 से अधिक सीनियर साइंटिस्ट बगैर किसी आरक्षण के केवल इंटरव्यू के जरिये नियुक्त किए गए हैं. इसके कारण पहले से ही प्रतियोगी परीक्षा के जरिये भर्ती किए गए लोग लेटरल एंट्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि इससे आईसीएआर का वर्क कल्चर बिगड़ रहा है और संस्थान का विकास रुक रहा है. आईसीएआर में लगभग 3,750 वैज्ञानिकों के एक संघ- कृषि अनुसंधान सेवा वैज्ञानिक मंच (एआरएसएसएफ) के 29 जुलाई के प्रस्ताव में लेटरल एंट्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है. लेटरल एंट्री पर वैज्ञानिकों में विवाद संगठन के प्रस्ताव में कहा गया है कि लेटरल एंट्री सिस्टम से वैज्ञानिकों के इन दो समूहों के बीच संघर्ष पैदा होता है. आईसीएआर में कृषि वैज्ञानिक भर्ती परीक्षा के जरिए भर्ती किए गए और 25 साल से ज्यादा समय तक काम करने वाले वैज्ञानिकों को सेमी शोध प्रबंधन पद और शोध प्रबंधन पद नहीं मिल रहे हैं. क्योंकि लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती किए गए वैज्ञानिक उनके मौकों को कम कर रहे हैं. प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि आईसीएआर में लेटरल एंट्री सिस्टम में अनुसूचित जाति और जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षण नहीं है, जो संविधान का उल्लंघन है. लेटरल एंट्री से उन लोगों में निराशा है, जो परीक्षा प्रणाली के जरिए संस्थान में शामिल हुए हैं. RG Kar College: सेमिनार हॉल में लोगों की इतनी भीड़, कोलकाता डॉक्टर केस में क्राइम सीन बदला गया? वायरल तस्वीर पर हंगामा टॉप पदों के लिए सीधी नियुक्ति जुलाई 2020 के डेटा के मुताबिक आईसीएआर में 6,304 वैज्ञानिक काम कर रहे हैं. बहरहाल अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा और पृथ्वी विज्ञान जैसे सरकारी विभागों में वैज्ञानिकों की भर्ती भी आरक्षण मानदंडों से मुक्त है. कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया जटिल है, जिसके लिए विस्तृत स्पष्टीकरण की जरूरत है. जबकि आईसीएआर ने इस मुद्दे पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. Tags: Caste Reservation, OBC Reservation, Reservation news, SC ReservationFIRST PUBLISHED : August 31, 2024, 09:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed