मस्जिद विवादः 4 जिलों में रैलियां मंडी से लेकर चंबा तक फिर गरजे हिंदू संगठन

Himachal Masjid Controversy: हिमाचल प्रदेश में मस्जिद में अवैध निर्माण का मामला थमने के बाद फिर से उछला है. शिमला, मंडी, चंबा और सिरमौर में शनिवार को प्रदर्शन और रैलियां निकाली गई.

मस्जिद विवादः 4 जिलों में रैलियां मंडी से लेकर चंबा तक फिर गरजे हिंदू संगठन
मंडी शिमला. हिमाचल प्रदेश में मस्जिद में निर्माण को लेकर एक बार फिर से चार जिलों में रोष रैलियां निकाली गई. शिमला में शुक्रवार को सद्भावना मार्च के बाद अब मंडी, शिमला, चंबा और सिरमौर में हिंदू संगठनों हुंकार भरी और जागरुकता रैली निकाली. मंडी शहर में रैली में संत समाज से हुए लोग भी शामिल हुए और बिलासपुर से रूपेश्वर गिरी, पंडोह से विष्णु मोहन, कांगनीधार से भरत दास, सौली खड्ड से शिव दास त्यागी और हरिद्वार से आए हुए दो संतों ने भाग लिया. सभी पूरे शहर में एक जागरूकता रैली निकाली और उन गलियों में गए जहां पर प्रवासियों ने अपनी दुकानें चला रखी हैं. इस दौरान सभी प्रवासियों ने अपनी दुकानें बंद रखी. संत रूपेश्वर गिरी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जो हिमाचल का स्थायी मुस्लमान है, उसका कोई विरोध नहीं है, लेकिन प्रवासी के रूप में जो लोग यहां आ रहे हैं, वे यहां की डेमोग्राफी बदलने की कोशिश कर रहे हैं और  इसे किसी भी लिहाज में बर्दाशत नहीं किया जाएगा और इस बात को लेकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रवासी के रूप में चाहे कोई संत ही क्यों ना आ रहा हो, लेकिन उसे भी पंजीकरण के बाद ही यहां रहने दिया जाना चाहिए. जो बीना पंजीकरण के यहां आकर रह रहा है, वो चाहे हिंदू ही क्यों न हो, वो हमारा विरोधी है. मंडी में पुलिस बल की तैनाती. क्यों केवल महिलाओं के कपड़े ही सिलते हैं- रूपेश्वर गिरी रूपेश्वर गिरी ने मंडी शहर के भगवान मुहल्ले में लोगों को एक टेलर शॉप के बाहर संबोधित करते हुए पूछा कि यहां लोग सिर्फ महिलाओं के कपड़े सिलने ही क्यों आते हैं. हर जगह लेडीज टेलर क्यों बैठे हैं, क्या जेंट्स के कपड़े सिलना इन्हें नहीं आता है. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे चंद पैसों के लालच में महंगी दरों पर इन्हें दुकानें देना बंद करें, नहीं तो भविष्य के जम्मू कश्मीर और केरल की तरह यहां के लोगों को भी गंभीर हालात का सामना करना पड़ेगा. रूपेश्वर गिरी ने प्रदेश सरकारों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठाए. उन्होंने कहा कि जब 1954 में वक्फ बोर्ड का गठन हुआ तो वर्ष 1951 से शिमला में वक्फ बोर्ड के नाम पर जमीनें कैसे हो गई. इस बात की जानकारी खुद सीएम ने सदन में दी है. उन्होंने कहा कि मुजायरा एक्ट के बाद बहुत से हिमाचलियों की जमीनें चली गई, लेकिन वक्फ बोर्ड की जमीनों को आंच तक नहीं आई. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड के नाम पर हिमाचल प्रदेश की जमीनों को लुटाने का काम हो रहा है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाशत नहीं किया जाएगा. इस रैली के दौरान हिंदू संगठनों के लोगों ने तरह-तरह के जिहाद का जिक्र करते हुए उनके मुर्दाबाद के नारे लगाए और हिंदू धर्म की जयकारों से शहर को गुंजायमान कर दिया. इस दौरान पुलिस का भी कड़ा पहरा देखने को मिला और शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहा. जेल रोड़ में विवादित मस्जिद के पास भी पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रखे थे. हालांकि, हिंदू संगठनों ने वहां जाने की कोशिश नहीं की. मंडी के सेरी मंच पर एकत्र हुए लोग. चंबा, शिमला और सिरमौर में भी प्रदर्शन मंडी के अलावा, चंबा, शिमला और सिरमौर के नाहन में भी हिंदू सगंठनों ने कुछ इसी तरह की रैलियां निकाली और जागरुकता का संदेश दिया. इस दौरान सब कुछ शांत रहा. हालांकि, पुलिस की तैनाती भी की गई थी. शिमला में डीसी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया गया है. वहीं, चंबा शहर में रैली निकाली गई. Tags: Gyanvapi Mosque, Himachal pradesh news, Himachal Pradesh Politics, Shimla News TodayFIRST PUBLISHED : September 28, 2024, 14:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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