अयोध्या/सर्वेश श्रीवास्तव: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को बहुत क्रूर ग्रह माना जाता है. कहा जाता है जब शनि अपना राशि परिवर्तन करते हैं, तो देश-दुनिया समेत सभी 12 राशियों पर इसका असर देखने को मिलता है. शनि देव बुरे कर्मों का दंड भी देते हैं. शास्त्रों में शनि देव की पूजा के कई नियम बताए गए हैं . शनिदेव की दृष्टि जिस पर रहती है, उसका बुरा समय शुरू हो जाता है.शनि देव अभी कुंभ राशि में विराजमान हैं. 29 जून को शनि देव कुंभ राशि में वक्री होंगे. इसके बाद 15 नवंबर को मार्गी होंगे. शनि देव के वक्री अवस्था काफी खतरनाक होती है. आइए जानते हैं शनिदेव के वक्री होने पर क्या करना चाहिए.
शनिदेव के वक्री अवस्था
दरअसल अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि एक निश्चित अवधि पर सभी ग्रह मार्गी होते हैं. ग्रहों के वक्री होने का अर्थ होता है, उल्टी दिशा में गति करना. शनि देव 29 जून को कुंभ राशि में उल्टी चाल चलने वाले हैं. लगभग साढ़े चार महीने तक शनि देव ऐसे ही चाल चलते रहेंगे. ज्योतिष में इसे अशुभ माना जाता है. यह जरूरी नहीं की शनि का वक्री होना सभी के लिए अशुभ हो. यदि आपकी लग्न कुंडली में शनि शुभ स्थान पर रहते हैं, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. लेकिन वक्री अवस्था में कुछ कार्य करने चाहिए और कुछ नहीं.
शनिदेव के वक्री अवस्था में क्या करें
शनि देव के बकरी के दौरान पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें अपनी छवि देखें और फिर इस तेल को कटोरा सहित दान कर दें.
शनि के वक्री अवस्था के दौरान लोहा, सरसों का तेल, काली उड़द, काले तिल, काले वस्त्र और कंबल दान करना बेहद शुभ माना जाता है. इस अवधि में सुंदर कांड अथवा हनुमान चालीसा का पाठ भी करें.
भूलकर भी न करें ये काम
शनि देव न्याय प्रिय देवता माने जाते हैं. ऐसे में जब शनिदेव वक्री अवस्था में हूं, तब लोग लोभ लालच अधिक महत्वाकांक्षाओं से दूर रहना चाहिए. बुजुर्ग का अपमान नहीं करना चाहिए. इसके अलावा बॉडी पर नियंत्रण रखना चाहिए. वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए. कटु वचन बोलने वाले को शनिदेव हमेशा दंड ही देते हैं. इस दौरान पशु-पक्षी साधु संत माता-पिता आदि की सेवा आराधना इस दौरान पशु पक्षी साधु संत माता-पिता आदि की सेवा आराधना करना चाहिए.
Tags: Astrology, Ayodhya News, Local18FIRST PUBLISHED : June 21, 2024, 12:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed