अकबर ने बनवाया था यह अनोखा किला करोड़ों का आया था खर्च 400 साल है पुराना

Akbar Fort Prayagraj: प्रयागराज का एक किला 400 साल से भी ज्यादा पुराना है. किले की बनावट ऐसी है कि लोग देखते रह जाते हैं.

अकबर ने बनवाया था यह अनोखा किला करोड़ों का आया था खर्च 400 साल है पुराना
रजनीश यादव/प्रयागराज: वैसे तो प्रयागराज की कदम-कदम पर आपको इतिहास मिल जाएगा. लेकिन प्रयागराज ऐतिहासिक शहर के साथ ही मुख्यतः धार्मिक नगरी के रूप में जाना जाता है. एक तरफ प्रयागराज को तीर्थराज  के नाम से जाना जाता है. तो वहीं, इसी प्रयागराज में मुगलों के द्वारा स्थापित कुछ प्रमुख मकबरे एवं किले भी मौजूद हैं. इसमें खुसरो का बाग,अकबर का किला, हरित मस्जिद सहित अनेक मुगलकालीन स्थल मौजूद हैं. इन सब में अकबर का किला पर्यटन की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. तीन नदियों के बीच स्थित है यह किला प्रयागराज में गंगा यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम के मुहाने पर ही अकबर के द्वारा एक विशालकाय किले का निर्माण कराया गया था. इसकी नीव 1583 ईस्वी में स्वयं बादशाह अकबर के द्वारा रखी गई थी. इस किले की दीवारें आज भी इस किले की मजबूत बनाती हैं.यह किला यमुना नदी की लहरों से टकराता, है. शताब्दियों से यहां की कहानियों और परिवर्तनों को अपने अंदर समेटे हुए है. 30 हजार वर्ग फुट में बना यह किला लगभग 45 सालों में बनकर तैयार हुआ था. इसके निर्माण में कुल लागत 6 करोड़, 17 लाख, 20 हजार 214 रुपये आयी थी. पूर्वी राज्यों पर नियंत्रण के लिए अकबर ने बनवाया या किला इतिहासकार विमल चंद्र शुक्ला बताते हैं कि मुगल बादशाह अकबर की ओर से अपने विशाल साम्राज्य की रक्षा के लिए दिल्ली से दूर पूर्वी छोर पर एक विशालकाय किले का निर्माण इलाहाबाद के गंगा जमुना संगम के तट पर बनवाया. जहां सेवा बिहार उड़ीसा चुनार जैसे पूर्वी विद्रोही राज्यों से अपने साम्राज्य की सुरक्षा कर सके. बिहार के सासाराम में अफगानों ने कई बार मुगल साम्राज्य को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. इसको नियंत्रित करने के लिए इस विशाल किले की किलाबंदी कर दी गई. यहां मौजूद हैं मुख्य धार्मिक स्थल अकबर का किला चार हिस्सों में बंटा हुआ है, जिसके एक हिस्से में अक्षयवट मंदिर स्थित है, जो कि भगवान राम से संबंधित है. इसके अलावा आधे भाग पर लगभग भारतीय सैनिकों का नियंत्रण है. वहीं, मंदिर के अगले भाग में प्रसिद्ध शिव मनकामेश्वर मंदिर स्थित है. इसी मंदिर में एक अदृश्य सरस्वती को भी मौजूद है. अकबर के किले को प्रत्येक वर्ष कुंभ के दौरान खोला जाता है. बाकी दोनों या सुरक्षा की दृष्टि से भारतीय सैनिकों के द्वारा बंद कर दिया जाता है. Tags: Local18, Prayagraj NewsFIRST PUBLISHED : August 1, 2024, 17:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed