दरिंदे के पॉलीग्राफ टेस्ट में क्यों देरी CBI को किस बात की सता रही चिंता

Kolkata Doctor Murder Case: कोलकाता डॉक्टर हत्याकांड में अब तक आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफी टेस्ट नहीं हो पाया है. इसकी वजह है कि संजय का केस कोई वकील नहीं लड़ना चाह रहा है.

दरिंदे के पॉलीग्राफ टेस्ट में क्यों देरी CBI को किस बात की सता रही चिंता
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में लेडी ट्रेनी डॉक्टर के मर्डर मामले में अब तक सीबीआई को कामयाबी नहीं मिली है. सीबीआई एक ओर जहां संदीप घोष पर सवालों की बौछार कर रही है, दूसरी ओर संजय रॉय से सच उगलवाने में जुटी है. डॉक्टर बिटिया के कातिल दरिंदे संजय रॉय का अब पॉलीग्राफ टेस्ट होना है. सीबीआई को इसकी मंजूरी भी मिल गई है. मगर अब तक इसमें देरी हो रही है. दरअसल, आरोपी संजय रॉय पॉलीग्राफी टेस्ट में सीबीआई के सामने अब अजीबोगरीब स्थिति आ गई है. आरोपी संजय रॉय का केस लेने के लिए कोई वकील तैयार नहीं है. सीबीआई सूत्रों की मानें तो संजय रॉय का केस लड़ने के लिए एक भी वकील तैयार नहीं है. 33 साल का आरोपी संजय रॉय एक सिविक वॉलंटियर है. पुलिस का अस्थायी कर्मचारी होने की वजह से उसकी आरजी कर अस्पताल में अच्छी पहुंच थी. इसी आरजी कर अस्पताल में 9 अगस्त को एक ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था. इस वारदात के बाद से ही देशभर में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और एक गरमागरम राजनीतिक बहस छिड़ गई है. सीबीआई मंगलवार को ही संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट करना चाहती थी, मगर मंगलवार को वकील की गैरमौजूदगी में पॉलीग्राफ टेस्ट टालना पड़ा. कानूनी सहायता वकील को अब आरोपी संजय रॉय को टेस्ट के फिजिकल और मनोवैज्ञानिक पहलुओं के बारे में जानकारी देने के लिए नियुक्त किया गया है. यहां बताना जरूरी है कि आरोपी संजय रॉय की सहमति के बाद ही सीबीआई टेस्ट आगे बढ़ा सकती है. सीबीआई को किस बात का डर? सीबीआई सूत्रों ने न्यूज18 को बताया कि जांच एजेंसी आरोपी संजय रॉय की सुरक्षा को लेकर भी भी सतर्क है, क्योंकि जनता का गुस्सा सातवें आसमान पर है. घटना के कई दिन बीत जाने के बाद भी गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है. जांच एजेंसी को डर है कि अदालत में पेश करने के दौरान कहीं भीड़ के हाथ लगने पर संजय रॉय की मॉब लिंचिंग न हो जाए. उन्होंने कहा कि वे संभावित समाधानों पर गौर कर रहे हैं. सीबीआई संजय रॉय को अदालत में पेश करते समय कड़ी सुरक्षा के इंतजामों पर विचार कर रही है. क्यों पॉलीग्राफ टेस्ट जरूरी सियालदह जिला अदालत ने इसी हफ्ते की शुरुआत में संजय रॉय के पॉलीग्राफ टेस्ट की मंजूरी दे दी थी. जांच एजेंसी सीबीआई संजय रॉय के बयानों की पुष्टि करना चाहती है, जो इस मामले की जांच का एक अहम हिस्सा है. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि आरोपी संजय अपनी बातों से लगातार जांच एजेंसी को घुमा रहा है. पॉलीग्राफ टेस्ट को लाई डिटेक्टर टेस्ट भी कहते हैं. यह एक वैज्ञानिक तरीका है, जिसमें पूछे गए सवालों पर व्यक्ति की शारीरिक प्रतिक्रियाओं (दिल की धड़कन, सांस लेने में बदलाव, पसीना, रक्तचाप) को मापा जाता है. 9 अगस्त को मिला था शव दरअसल, संविधान के तहत हर व्यक्ति को कानूनी मदद पाने का हक है. चाहे उस पर कितना भी बड़ा इल्जाम क्यों न हो. कानूनी मदद के तहत वकील उन लोगों को दिए जाते हैं जो खुद के लिए वकील नहीं कर सकते या फिर जिनके हालात सामान्य न हों या फिर जिनका केस लड़ने से वकील इनकार करता हो. कोलकाता कांड ने फिलहाल देश को हिलाकर रख दिया है. अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष भी जांच के दायरे में है. बता दें कि आरजी कर अस्पताल में 9 अगस्त को लेडी डॉक्टर का सेमिनार हॉल में शव मिला था. Tags: Kolkata News, Kolkata Police, West bengalFIRST PUBLISHED : August 21, 2024, 13:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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