एक हजार साल पुराना मंदिरजहां पहाड़ियों के बीच बहता झरना और मिलती अलग सी शांति

Khodiyar Mata Temple: अमरेली जिले के धारी तालुका में स्थित खोडियार माता का मंदिर और खोडियार डेम, एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल है. यहां नदी, झरना, और पहाड़ी क्षेत्रों की सुंदरता है, जो पर्यटकों को आकर्षित करती है.

एक हजार साल पुराना मंदिरजहां पहाड़ियों के बीच बहता झरना और मिलती अलग सी शांति
अमरेली: सौराष्ट्र में बहुत से पर्यटन स्थल हैं. लोग यहां अपनी छुट्टियां बिताने आते हैं. पर्यटन स्थलों के साथ-साथ धार्मिक स्थल भी हैं. ये धार्मिक स्थल लोगों के विश्वास का केंद्र होते हैं. छुट्टियों के दौरान लोग ऐसे धार्मिक स्थलों पर जाते हैं और आनंद लेते हैं. खोडियार डेम अमरेली जिले के धारी में स्थित है. यहां गढ़धरा खोडियार माता का मंदिर भी है. खोडियार माता का मंदिर लोगों के विश्वास का केंद्र है और यह एक बेहतरीन पर्यटन स्थल भी है. खोडियार माता का मंदिर खोडियार माता का मंदिर अमरेली जिले के धारी तालुका के गढ़धरा खोडियार में स्थित है. यह मंदिर हजारों साल पुराना प्राचीन मंदिर है. यह मंदिर नदी के किनारे स्थित है, इस कारण यहां हजारों लोग आते हैं. यह एक ऐतिहासिक और पर्यटन स्थल के रूप में बहुत प्रसिद्ध है. लोकल 18 से बात करते हुए अहमदाबाद में रहने वाली भक्त Dakshaben ने कहा, “मैं भावनगर शहर में रहती हूं और अक्सर खोडियार माता के मंदिर दर्शन करने आती हूं. यह मंदिर पहाड़ियों के बीच स्थित है और यहां झरने बहते हैं. यहां खोडियार डेम भी है. यह स्थल धार्मिक और सुंदर है. यहां शांति का अनुभव होता है.” खोडियार डेम खोडियार डेम, जो अमरेली जिले की जीवनरेखा की तरह है, यहां स्थित है. इस डेम के नीचे एक बड़ा डेम भी है. इस डेम के किनारे खोडियार माता का मंदिर स्थित है. यहां एक झरना भी बहता है, जिसके कारण हजारों पर्यटक यहां आते हैं. वे माता जी की पूजा करते हैं. यह मंदिर पहाड़ियों के बीच घने गिर वन के मध्य स्थित है. शेत्रुंजी नदी इसके पास बहती है. यहां का दृश्य बहुत ही खूबसूरत है. यहां की प्राकृतिक सुंदरता लोगों को आकर्षित करती है. 500 साल पुराने मंदिर का रहस्य, जहां हनुमान जी ने स्वयं प्रकट होकर हल कर दिया था भक्तों का विवाद! अमरेली के ग्रामीण इलाकों में कई पर्यटन स्थल हैं इनमें से एक प्रमुख पर्यटन स्थल है खोडियार मंदिर, जो एक ऐतिहासिक और पौराणिक मंदिर है. साथ ही धारी क्षेत्र को गिर कांथा क्षेत्र भी कहा जाता है, जहां रात के समय शेर, तेंदुआ, हिरण और नीलगाय जैसे जानवर देखे जा सकते हैं. एक और पर्यटक ने कहा, “मैं खुद जूनागढ़ जिले के माणावदर में रहती हूं और दो महीने-चार महीने में खोडियार माता के मंदिर दर्शन करने आती हूं. खोडियार मंदिर के साथ-साथ यहां शेत्रुंजी नदी बहती है. इस नदी में एक झरना है, जो अब एक सेल्फी प्वाइंट बन चुका है. Tags: Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : December 26, 2024, 10:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed