राजस्थान में सामूहिक सुसाइड केस बढ़े देश में दूसरे पायदान पर पहुंचा पारिवारिक कलह है बड़ी वजह
राजस्थान में सामूहिक सुसाइड केस बढ़े देश में दूसरे पायदान पर पहुंचा पारिवारिक कलह है बड़ी वजह
Mass suicide cases 2021 NCRB Report: राजस्थान में सामूहिक आत्महत्या के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. हालात ये हो गये हैं कि राजस्थान (Rajasthan) इस मामले में देश में दूसरे पायदान पर पहुंच गया है. एनसीआरबी की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार आत्महत्या और सामूहिक आत्महत्या के लिये सबसे ज्यादा पारिवारिक कलह जिम्मेदार है. उसके बाद बीमारी और नशे से परेशान होकर लोग मौत को गले लगा रहे हैं. पढ़ें एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट.
विष्णु शर्मा.
जयपुर. राजस्थान में सामूहिक खुदकुशी (Mass suicide) के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं. सामूहिक आत्महत्या के मामले में राजस्थान देश में दूसरे नंबर पर आ गया है. नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (National Crime Record Bureau) की ओर से हाल ही में जारी किये गये आंकड़ों के मुताबिक सिंगल सुसाइड के मामलों में राजस्थान देश में 27वें नंबर पर है. वहीं सामूहिक खुदकुशी केस में राजस्थान देश में दूसरे पायदान पर है. राजस्थान में बीते वर्ष सामूहिक आत्महत्या के 22 प्रकरण दर्ज किये गये थे. इन प्रकरणों में कुल 67 लोगों की मौत हो गई थी.
बीते वर्ष सामूहिक खुदकुशी के सबसे ज्यादा 33 मामले दर्ज तमिलनाडू में किए गए थे. इसके बाद राजस्थान में सामूहिक आत्महत्या के 22 प्रकरण मामले सामने आये थे. राजस्थान में दर्ज हुये सामूहिक सुसाइड के मामलों में 67 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में तीसरे नंबर पर केरल राज्य है. वहां 12 प्रकरण दर्ज किये गये थे. वहीं चौथे नंबर पर कर्नाटक है, जहां सामूहिक खुदकुशी के कई केस सामने आए.
राजस्थान में बीते 2 बरसों में 11 हजार से ज्यादा लोगों ने खुदकुशी की
सुसाइड के मामले में राजस्थान देश में 27 वें नंबर पर है. यहां बीते 2 बरसों में 11 हजार से ज्यादा लोगों ने खुदकुशी की. इनमें वर्ष 2020 में 5546 और 2021 में 5593 लोगों ने खुद ही अपनी जान ले ली. एनसीआरबी के आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2021 में राजस्थान में प्रति एक लाख लोगों में से 7 लोगों सुसाइड का जैसा घातक कदम उठाया. प्रदेश में वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में मामूली सी बढ़ोतरी हुई है.
पारिवारिक कलह, बीमारी और नशा ले रहा है जान
एनसीआरबी की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार इसके लिये सबसे ज्यादा जिम्मेदार पारिवारिक कलह है. सामूहिक रूप से सुसाइड करने के मामलों में से करीब 33 फीसदी लोगों ने फैमिली प्रॉब्लम की वजह से खुदकुशी की. इसके बाद 18 फीसदी लोगों ने बीमारी के चलते खुदकुशी की है. जबकि 6.4 फीसदी लोगों ने नशे के कारण मौत को गले लगा लिया. वहीं 4.8 फीसदी लोगों ने वैवाहिक परेशानियों, 4.6 फीसदी ने लव अफेयर्स और 2 फीसदी लोगों ने बेरोजगारी से तंग आकर खुदकुशी की.
सुसाइड के 50 फीसदी केस देश के 5 राज्यों में हुये
एनसीआरबी के इन आंकड़ों में सामने आया कि भारत में प्रतिवर्ष 1.64 लाख मौतें सुसाइड की वजह से हो रही है. इनका औसत देखें तो औसतन करीब 450 लोग रोजाना भारत में मौत को गले लगा रहे हैं. वर्ष 2020 की तुलना में देखें तो देश में 7 फीसदी से ज्यादा सुसाइड केस बढ़े हैं. वर्ष 2021 में देश में सुसाइड की कुल 50 फीसदी घटनाएं सिर्फ पांच राज्यों में दर्ज की गई हैं. इनमें खुदकुशी की सबसे ज्यादा घटनाएं महाराष्ट्र में दर्ज की गई. वहां 22 हजार 207 लोगों ने आत्महत्या की. तमिलनाडु में 18 हजार 925, मध्यप्रदेश में 14, 956, पश्चिम बंगाल में 13,500 और कर्नाटक में 13 हजार 56 खुदकुशी के मामले सामने आए.
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Tags: Jaipur news, NCRB Report, Rajasthan news, Suicide CaseFIRST PUBLISHED : September 08, 2022, 14:44 IST