आईपीएस विनय कुमार के DGP बनते ही क्यों मची बिहार के थानों में खलबली

DGP Bihar Vinay Kumar News: बिहार के नए डीजीपी विनय कुमार के पुराने ट्रैक रिकॉर्ड बता रहे हैं कि आने वाले दिनों में राज्य में भ्रष्ट अधिकारियों चाहे वह आईपीएस ही क्यों न हो, उनको बख्शा नहीं जाएगा. पढ़ें यह रिपोर्ट...

आईपीएस विनय कुमार के DGP बनते ही क्यों मची बिहार के थानों में खलबली
पटना. बिहार के नए डीजीपी विनय कुमार के बारे में मीडिया में कई तरह की खबरें चल रही हैं. उनकी ईमानदारी के किस्से का तो हर कोई गुणगान कर रहा है. लेकिन, ज्यादातर लोगों को पता नहीं होगा कि कम बोलने वाले विनय कुमार की कलम जब बोलती है तो अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते हैं. विनय कुमार बिहार के जिन-जिन जिलों के एसपी रहे हैं, वहां के थाना प्रभारी, इंसपेक्टर और डीएसपी की नींद चौबीसों घंटे गायब रहा करती थी. विनय कुमार के साथ काम करने वाले पुलिस अधिकारी की मानें तो बिहार को काफी दिनों के बाद एक ईमानदार और संवेदनशील डीजीपी मिला है. घूसखोरी और काम में लापरवाही करने वाले अधिकारी चाहे वह आईपीएस ही क्यों न हों, अगले दो साल तक अब उनकी नींद गायब होने वाली है. विनय कुमार घूसखोर पुलिस अधिकारी को निलंबित नहीं करते, बल्कि, उनकी कलम बर्खास्तगी के पेपर पर साइन कर देती है. बिहार के नए डीजीपी कैसे काम करेंगे इसका एक उदाहरण रिटायर्ड डीएसपी भगवान प्रसाद गुप्ता न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में सुनाते हैं. गुप्ता कहते हैं, ‘ साल 2006 में मेरी नियुक्ति बेगूसराय के खोदाबंदपुर प्रखंड में थाना प्रभारी के रूप में हुई थी. इस ब्लॉक के सिरसी गांव में कुछ दिन पहले ही एक नाबालिग लड़की अनवरीन खातून की हत्या 14 गोली मारकर कर दी गई थी. इस हत्या में 16 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. मैं खोदाबंदपुर का थाना प्रभारी बना तो स्थानीय लोगों ने कहा कि इस हत्या में निर्दोष लोगों को फंसाया गया है. मेरी जांच में यह बात सच साबित हुई. लड़की के पिता ने ही 40 हजार लेकर लड़की का सौदा कर निर्दोष लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करा दिया. क्योंकि, एफआईआर दर्ज हो चुका था और डीएसपी ने उस केस को ट्रू कर दिया था. ऐसे में पुलिस के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई कि निर्दोष लोगों को कैसे बचाया जाए?’ कैसे अधिकारी हैं आईपीएस विनय कुमार गुप्ता आगे कहते हैं, ‘बेगुसराय के एसपी विनय कुमार सर से भी स्थानीय लोग मिलकर इस बारे में बता चुके थे. एसपी साहब का एक दिन फोन आया कि भगवान मैं परसों आ रहा हूं. सर, उस दिन खोदाबंदपुर थाना पहुंचे तो डीएसपी जोगिंदर सिंह भी वहां मौजूद थे. सर ने डीएसपी साहब से बोला तुम अपने ऑफिस जाओ. मेरे साथ भगवान चलेगा. सर को लेकर मैं सिरसी गांव पानी और कीचड़ में पैदल चलते हुए पहुंचा. सर उस बसबिट्टी में भी गए जहां लड़की की हत्या की गई थी. फिर हत्या के बाद लाश को बेड पर सुला दिया गया था. सर ने दूरी, क्राइम सीन, सारी बातों का अध्ययन किया. लड़की के बाप से भी बात किया, जो लकवाग्रस्त हो गया था. लड़की को बसबिट्टी में मारकर बिस्तर पर सुला दिया गया था. जबकि, बेड पर खून नहीं थे. बाद में सर ने एफआईआर रद्द करने की सिफारिश कर दी. आईजी सर ने भी एसपी साहब के सुपरविजन को सही माना. इस तरह से 16 लोगों पर मुकदमा खत्म हुआ. सारे लोग आज भी विनय सर को भगवान मानते हैं. इस केस में बाद में लापरवाह अधिकारियों की नौकरी भी गई.’ बिहार के नए डीजीपी कितने संवेनशील हैं? गुप्ता कहते हैं, ‘विनय कुमार बेहद ही संवेदनशील इंसान हैं. आम आदमी के साथ अन्याय को बर्दाश्त नहीं करते हैं. जिले में एसपी रहते क्राइम मीटिंग में खुलमखुल्ला बोलते थे कि रिश्वत लेने की शिकायत आई तो थानेदार, इंसपेक्टर और डीएसपी को मैं बांध दूंगा. निलंबित नहीं एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दूंगा. ऐसे में हमारे जैसे थाना प्रभारी भी दहशत में रहता था. विनय कुमार के डीजीपी बनने से आम जनता और गरीब लोगों को काफी न्याय मिलेगा और आईपीएस अधिकारी ही क्यों न हों रिश्वतखोरी और घूसघोरी में इनके शासनकाल में नपना तय है.’ रिश्वतखोरी पर निलंबन नहीं बर्खास्तगी विनय कुमार का पुराना ट्रैक रिकॉर्ड सुनकर थानों के अधिकारी ही नहीं डीएसपी, एसपी, एसएसपी, डीआईजी और आईजी लेवल के अधिकारी की भी नींद उड़ने वाली है. क्योंकि, विनय कुमार की बिहार के डीजीपी बनने की खबर जब से आई है आईपीएस लॉबी में खलबली मच गई है. कहा जा रहा है कि पिछले कई महीनों से चर्चा चल रही थी कि कोई भी डीजीपी बन जाए, लेकिन विनय कुमार न बन पाए. ऐसे में अब उन अधिकारियों की नींद उड़ने वाली है, जिनकी रिश्वतखोरी और करप्शन की फाइलें सालों से बंद है. कई आईपीएस अधिकारियों पर विभागीय जांच की फाइलें भी सालों से लंबित पड़े हैं. विनय कुमार न केवल ईमानदार अधिकारी हैं, बल्कि उनके आचरण में भी ईमानदारी झलकती है. अगर ऐसा नहीं होता तो तीन महीने पहले वो कार्यवाहक डीजीपी बनने से इंकार नहीं करते. आईपीएस अधिकारियों में खौफ क्यों? विनय कुमार की चर्चा बिहार की ब्यूरोक्रेसी में सालों से हो रही है. वैशाली जिला के महुआ थाना क्षेत्र के बेलकुंडा रामपुर रानी गांव के रहने वाले विनय कुमार 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. भूमिहार जाति से आने वाले विनय कुमार बेहद शालीन माने जाते हैं. हालांकि, दो साल पहले उनके साथ एक बड़ा हादसा हुआ था. विनय कुमार की पत्नी की डेंगू से मौत हो गई थी. कुलमिलाकर बिहार को अपने तरह का नया ‘सिंघम’ मिल गया है, जो बोलता तो बहुत कम है लेकिन, उसका काम खूब बोलता है. आईआईटी इंजीनियर के बाद आईपीएस बनने वाले विनय कुमार बिहार पुलिस में कई तरह के रिफॉर्म कर चुके हैं. कई मौकों पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार कह चुके हैं कि विनय बाबू तो इतना काम किए हैं आगे भी करते रहेंगे. शायद यही वजह है कि विनय कुमार को डीजीपी बनाया गया है. ऐसे में विनय कुमार को बेगूसराय जैसे जिले में हत्या, डकैती, लूट और रंगदारी में 90 प्रतिशत की कमी लाने के बाद बिहार में भी 90 प्रतिशत क्राइम नीचे लाने की चुनौती होगी. Tags: Bihar News, Bihar police, DGP Office, IPS OfficerFIRST PUBLISHED : December 14, 2024, 17:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed