शेख हसीना के पिता की मौत पर जश्‍न! खालिदा जिया ‘फर्जी बर्थडे’ केस पर आया फैसला

खालिदा जिया बांग्‍लादेश नेशनल पार्टी की चीफ हैं। वो बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री भी रह चुकी हैं. उनपर आरोप था कि शेख मुजीब-उर-रहमान की मृत्‍यु की तारीख पर वो अपना फर्जी बर्थडे बना रही थी. इस संबंध में लंबे वक्‍त तक कोर्ट में केस चला.

शेख हसीना के पिता की मौत पर जश्‍न! खालिदा जिया ‘फर्जी बर्थडे’ केस पर आया फैसला
हाइलाइट्स खालिदा जिया बांग्‍लादेश की पूर्व पीएम रह चुकी हैं. एक महीने पहले ही शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा. इस वक्‍त बांग्‍लादेश में मोहम्‍मद यूनुस की अंतरिम सरकार है. नई दिल्‍ली. बांग्‍लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को छात्र आंदोलन के बाद देश छोड़कर भागे करीब एक महीना होने को है. इसी बीच बांग्लादेश की एक और पूर्व प्रधानमंत्री यानी खालिदा जिया के लिए मंगलवार को एक अच्‍छी खबर आई. पांच अलग-अलग आपराधिक मामलों में कोर्ट ने उन्‍हें बरी कर दिया गया है. इनमें सबसे अहम मामला फर्जी जन्मदिन मनाने से जुड़ा है. आरोप है खालिदा जिया ने बांग्‍लादेश के राष्‍ट्रपिता शेख मुजीब-उर-रहमान के मृत्‍यु दिवस के दिन अपना फर्जी बर्थडे मनाया था. खालिदा जिया बांग्‍लादेश नेशनल पार्टी यानी BNB की राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष हैं. ‘ढाका ट्रिब्यून’ समाचारपत्र की खबर के अनुसार, ढाका के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट महबूबुल हक की अदालत ने चार मामलों में बरी करने का आदेश जारी किया, जबकि अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट तोफज्जल हुसैन की अदालत ने मंगलवार को एक मामले में उन्हें बरी कर दिया. प्रतिवादी एवं बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष जिया (79) को वादी के अदालत में पेश न होने के बाद बरी कर दिया गया. अगस्त 2016 में, एक पत्रकार ने जिया के खिलाफ “फर्जी जन्मदिन” मनाने का मामला दर्ज कराया था. यह भी पढ़ें:- 11 फुट लंबा-6.7 KG वजनी किंग कोबरा, छिपकली का पीछा करते हुए अचानक घर में मारी एंट्री, थर-थर कांपे लोग मुजीब उर रहमान की मौत के दिन मनाया जश्‍न!  शिकायत में आरोप लगाया गया है कि विभिन्न स्रोतों से जिया की पांच अलग-अलग जन्म की तारीख मिली हैं, लेकिन उनमें से कोई भी 15 अगस्त को नहीं थी. इसमें कहा गया है कि इसके बावजूद वह 15 अगस्त को अपना जन्मदिन मनाती रही हैं. यह दिन बांग्‍लादेश के राष्‍ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के मद्देनजर 1996 से राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया गया था. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि बीएनपी नेता इस दिन अपना जन्मदिन केवल बंगबंधु और उनके परिवार की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए मनाती हैं. युद्ध आरोपियों का किया समर्थन नवंबर 2016 में, बांग्लादेश जननेत्री परिषद के अध्यक्ष ए बी सिद्दीकी ने जिया के खिलाफ युद्ध अपराधियों का कथित रूप से समर्थन करने का मामला दर्ज कराया था. जनवरी 2017 में, सिद्दीकी ने जिया पर मानहानि का एक मामला दर्ज कराया था जिसमें उन पर बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान और अवामी लीग के बारे में गलत बयानी करने का आरोप लगाया गया था. मामले में दिसंबर 2016 में ‘छात्र दल’ के वर्षगांठ समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जिया द्वारा दिए गए भाषण का उल्लेख किया गया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि बंगबंधु रहमान बांग्लादेश की स्वतंत्रता नहीं चाहते थे, बल्कि अविभाजित पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा रखते थे. 2016 में मामला दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया कि जिया का बयान मानहानिकारक था. जनवरी 2016 में, सिद्दीकी ने मुक्ति संग्राम के पीड़ितों के बारे में अपमानजनक टिप्पणियों के लिए जिया और बीएनपी नेता गायेश्वर चंद्र रॉय के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. नवंबर 2016 में, बीएनपी अध्यक्ष को सिद्दीकी द्वारा दायर एक अन्य मानहानि और हत्या की धमकी के मामले में आरोपी बनाया गया था. जिया पिछले पांच वर्षों से घर में नजरबंद थीं और पिछले महीने राष्ट्रपति द्वारा क्षमादान दिए जाने के बाद एक स्वतंत्र व्यक्ति के रूप में अस्पताल से अपने घर लौटीं. जिया का कार्यकाल पांच अगस्त को उनकी कट्टर प्रतिद्वंद्वी शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के पतन के बाद उन्हें अपने खिलाफ सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था. जिया ने मार्च 1991 से मार्च 1996 तक और फिर जून 2001 से अक्टूबर 2006 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. Tags: Bangladesh news, Sheikh hasina, World newsFIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 19:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed