तेज तेज रो रही थीं गाय सुन लेते पशुओं के ये संकेत तो बच जाते: आंखों देखी

Kerala Landslide Eye Witness: केरल के वायनाड जिले में जिन गांवों को भूस्खलन लील गया, उनमें से एक गांव के बाशिदें ने ऐसी बातें बताईं हैं कि रूह कांप जाती है. साथ ही, उन्होंने बताया कि कैसे पालतू पशु गाय की वजह से आज वह जिन्दा हैं..

तेज तेज रो रही थीं गाय सुन लेते पशुओं के ये संकेत तो बच जाते: आंखों देखी
वायनाड: केरल के वायनाड में हुई भारी तबाही का पशुओं को पहले ही आभास हो गया था! यदि लोगों ने समय रहते पालतू पशु की आवाजें सुन ली होतीं तो आज हजारों लोगों की जान बच सकती थी. दरअसल केरल के चूरलमाला गावं में प्रैक्टिसरत कर्नाटक के एक आयुर्वेदिक डॉक्टर ने जो बताया वह दिल दहलाने वाला है. विनोद एन नाम के इस आयुर्वेदिक थेरेपिस्ट के मुताबिक, आज की तारीख में उस जगह को देखकर पता ही नहीं चलता कि वहां कोई गांव हुआ करता था. विनोद इस लैंडस्लाइड में बाल बाल बचे हैं…. विनोद का कहना है कि वह इसलिए बच गए क्योंकि उस रात कुछ ऐसा हुआ था जिसने उन्हें सतर्क होने पर मजबूर कर दिया था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वह बताते हैं,’हम सब सो रहे थे…. और उस समय रात के एक बजे…. अचानक हमारी गाय ने जोर जोर से रोना शुरू कर दिया…. अगर आज मैं जिन्दा हूं तो अपनी गाय की वजह से ही.. वरना मैं भी मर चुका होता….’ गांव से लेकर हॉस्पिटल तक रात के सन्नाटे में सब डूबा दिखा…. कर्नाटक के चामराजनगर जिले के 29 साल के विनोद और उनकी मां उन चुनिंदा लोगों में से हैं जो उस काली रात को बच सके. वह बताते हैं- ‘बारिश हो रही थी, हम हमेशा की तरह सो रहे थे… हमारी गाय रोने लगी… शोर मचाने लगी…हम परेशान हुए और इसलिए मेरी मां गौरम्मा और मैं उसे देखने शेड में गए लेकिन देखा कि शेड और पूरा गांव पानी में डूबा हुआ था… मैंने अपने तीन रिश्तेदारों और गली के 10 लोगों को जगाया… हम अस्पताल की ओर भागे… हमें यह देखकर हैरानी हुई कि अस्पताल भी पानी में डूबा हुआ था… फिर हम तुरंत एक पहाड़ी की ओर चले गए क्योंकि हमने दूसरी तरफ भूस्खलन होते हुए देखा… हम अपनी जान हथेली पर लिए हुए थे.’ ‘जब तक मैं गाय के पास पहुंचता… वह बह चुकी थी..’ ‘हम बिना किसी उम्मीद के कम से कम 2-3 किलोमीटर तक पहाड़ियों पर भागते रहे.. हमारे आस-पास कुछ और भूस्खलन होते रहे… मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं आज जिन्दा हूं… फिर मुझे अपनी गाय की याद आई… मैंने वापस जाना चाहा पर तब तक मेरा घर, गाय और बाकी सब कुछ बह चुका था.’ केरल वायनाड भूस्खलन: तबाही के मंजर से कांप गए बचाव दल… कोई कुर्सी पर बैठा था, कोई बिस्तर पर लेटा था वह बताते हैं कि 10 घंटे बाद उन तक मदद पहुंची. विनोद की पत्नी मेप्पाडी में थी जो वहां से 5-6 किमी दूर था. विनोद इस हादसे के बाद गांव लौटकर लोगों की मदद कर रहे हैं. वह कहते हैं- मैं इस सिचुएशन में अपने गांव को कैसे छोड़ सकता था…. चूरलमाला गांव का नामोनिशान तक मिट चुका है… 16 साल की बच्ची गुम है.. मेरे यार दोस्त गुम हैं. मैं जो कुछ कर सकता हूं.. करूंगा. बता दें कि केरल के वायनाड जिले में मंगलवार की सुबह काफी तेज बारिश के बाद कई गांवों में भारी भूस्खलन हुआ और अब तक हजार लोगों से अधिक की जान जाने की खबर है. कई लोग गुम हैं और कई घायल हो चुके हैं. Tags: Kerala Latest News, Rahul gandhiFIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 17:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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