सिल्वरलाइन’ प्रोजेक्ट पर करोड़ों खर्च क्यों किए जब इसे केंद्र या रेलवे बोर्ड ने मंजूरी नहीं दी है: यूडीएफ

Silver Line, higher-speed rail line, Thiruvananthapuram: विपक्ष के नेता वी डी सतीशन का यह सवाल केंद्र और रेलवे बोर्ड द्वारा सोमवार को केरल उच्च न्यायालय में दायर एक संयुक्त हलफनामे के मद्देनजर आया है, जिसमें कहा गया है कि उन्होंने ‘‘सामाजिक प्रभाव आकलन (एसआईए) के साथ परियोजना को न तो मंजूरी दी है और न ही इससे सहमति जताई है.’’

सिल्वरलाइन’ प्रोजेक्ट पर करोड़ों खर्च क्यों किए जब इसे केंद्र या रेलवे बोर्ड ने मंजूरी नहीं दी है: यूडीएफ
हाइलाइट्सकेंद्र और रेलवे बोर्ड ने फिर से कहा कि अब तक उन्होंने सिल्वरलाइन परियोजना के लिए कोई मंजूरी नहीं दी है.केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने कहा कि राज्य ने अब तक जो किया, वह केंद्र द्वारा दी गई अनुमति पर आधारित था.कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ केरल सरकार की महत्वाकांक्षी सिल्वरलाइन परियोजना का विरोध कर रहा है. तिरुवनंतपुरम: केरल में कांग्रेस नीत विपक्षी गठबंधन यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने मंगलवार को लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) नीत सरकार पर हमला करते हुए पूछा कि उसने सिल्वरलाइन सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना पर करोड़ों रुपये खर्च क्यों किए, जबकि इसे केंद्र या रेलवे ने मंजूरी नहीं दी है. विपक्ष के नेता वी डी सतीशन का यह सवाल केंद्र और रेलवे बोर्ड द्वारा सोमवार को केरल उच्च न्यायालय में दायर एक संयुक्त हलफनामे के मद्देनजर आया है, जिसमें कहा गया है कि उन्होंने ‘‘सामाजिक प्रभाव आकलन (एसआईए) के साथ परियोजना को न तो मंजूरी दी है और न ही इससे सहमति जताई है.’’ भूमि अधिग्रहण में केंद्र की कोई भूमिका नहीं है भारत के सहायक सॉलिसिटर जनरल (एएसजीआई) एस मनु के माध्यम से दायर हलफनामे में यह भी कहा गया है कि केरल सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण अधिनियम में उचित मुआवजे और पारदर्शिता के अधिकार के प्रावधानों के तहत सर्वेक्षण किया जा रहा है और इसमें केंद्र की कोई भूमिका नहीं है. हलफनामे में कहा गया है, ‘‘अगर केरल-रेल कॉरपोरेशन एक कंपनी होने के नाते एसआईए में शामिल है और इस उद्देश्य के लिए अपने कोष खर्च कर रहा है तो इस तरह की भागीदारी और खर्च अपने जोखिम व जिम्मेदारी पर होगा.’’ केंद्र और रेलवे बोर्ड ने प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं दी है केंद्र और रेलवे बोर्ड ने दोहराया कि अब तक उन्होंने परियोजना के लिए कोई मंजूरी नहीं दी है और इसलिए किसी भी प्राधिकरण द्वारा भूमि अधिग्रहण के लिए कोई भी कार्रवाई समय पूर्व कार्रवाई है. दूसरी ओर, केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने कहा कि राज्य ने अब तक जो किया, वह केंद्र द्वारा दी गई अनुमति पर आधारित था. उन्होंने कहा कि जहां तक किसी राज्य के विकास के लिए परियोजनाओं का संबंध है, केंद्र को इसकी जांच करनी चाहिए और आवश्यक अनुमति या अनुमोदन देना चाहिए. बालगोपाल ने कहा, ‘‘उन्हें ऐसा करना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि परियोजना की मंजूरी के लिए एक आवेदन केंद्र सरकार के पास लंबित है. सतीशन ने पूछा- राज्य परियोजना में कैसे बढ़ रहा है? सतीशन ने यहां पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने विधानसभा के अंदर और बाहर विपक्ष के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया कि केंद्र या रेलवे बोर्ड द्वारा अनुमोदित नहीं होने पर राज्य परियोजना पर कैसे आगे बढ़ रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बजाय मुख्यमंत्री ने बड़े ‘अहंकार’ से घोषणा की कि चाहे कुछ भी हो, वह इस पर आगे बढ़ेंगे और परियोजना का विरोध करने वालों को भी आड़े हाथों लिया. सतीशन ने तर्क दिया कि चूंकि, केंद्र ने इसे अनुमोदित नहीं किया है, इसलिए परियोजना पर खर्च किए गए धन को इसके लिए जिम्मेदार लोगों से वसूला जाना चाहिए. कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ केरल सरकार की महत्वाकांक्षी सिल्वरलाइन परियोजना का विरोध कर रहा है. इस परियोजना से तिरुवनंतपुरम से कासरगोड के बीच की यात्रा का समय लगभग चार घंटे तक कम होने की उम्मीद है. यूडीएफ का आरोप है कि सिल्वरलाइन परियोजना ‘‘अवैज्ञानिक और अव्यवहारिक’’ है, जिससे भारी नुकसान होगा तथा राज्य पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | FIRST PUBLISHED : July 26, 2022, 20:52 IST