पूर्व जन्म में कौन था कंस किसने किया था उसका वध जानिए यह रहस्य

पंडित गौरांग शर्मा से जब कंस के पूर्व जन्म के बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने हमें बताया कि कंस पूर्व जन्म में कालनेमि राक्षस था. साधु संत और ऋषि मुनियों पर अत्याचार किया करता था.

पूर्व जन्म में कौन था कंस किसने किया था उसका वध  जानिए यह रहस्य
निर्मल कुमार राजपूत /मथुरा : भगवान श्री कृष्ण के मामा कंस के बारे में तो आपने सुना ही होगा. मामा कंस पूर्व जन्म में कौन थे और भगवान विष्णु ने उन्हें कैसे मारा था. इस रहस्य से आज हम पर्दा उठाने जा रहे हैं. आपने केवल कंस वध के बारे में सुना होगा, लेकिन कंस किसका बेटा था. आइये जानते हैं. मामा कंस पूर्व जन्म में था कालनेमि राक्षस द्वापर युग की जब बात होती है तो श्री कृष्णा और उनके मामा कंस की याद आती है. द्वापर युग कृष्ण कालीन गाथाओं से और रहस्यों से भरा हुआ है. मान्यता है कि द्वापर युग में जिस प्रकार से मामा कंस के अत्याचार बृजवासियों पर दिखाई दे रहे थे, उसी प्रकार कंस अपने पूर्व जन्म में भी देवी देवताओं को और साधु संतों को परेशान किया करता था. उन पर अत्याचार किया करता था. द्वापर युग में कंस की अत्याचारों को तो सभी जानते हैं, लेकिन कंस का पूर्व जन्म क्या था, इसे कोई नहीं जानता. पंडित गौरांग शर्मा से जब कंस के पूर्व जन्म के बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने हमें बताया कि कंस पूर्व जन्म में कालनेमि राक्षस था. साधु संत और ऋषि मुनियों पर अत्याचार किया करता था. उन्हें बेवजह परेशान किया करता था. भगवान विष्णु ने कालनेमि राक्षस का वध किया था. द्वापर युग में कालनेमि राक्षस मामा कंस के रूप में मथुरा में पैदा हुआ. श्री हरि ने किया था कलनेमि राक्षस का चक्र से किया वध पंडित गौरांग शर्मा ने यह भी बताया कि कालनेमि विरोचन का पुत्र था. देवासुर संग्राम में कालनेमि ने भगवान हरि पर अपने सिंह पर बैठे ही बैठे बड़े वेग से त्रिशूल चलाया. लेकिन हरि ने उस त्रिशूल को पकड़ लिया और उसी से उसको तथा उसके सिंह को मार डाला. कथा अनुसार युद्ध में उसने अनेक प्रकार की माया फैलाई और ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया. लेकिन आखिर में चक्र से मारा गया. उन्होंने बताया कि अग्रसेन नाम के राजा थे, उनके पुत्र के रूप में कालनेमि राक्षस ने जन्म लिया. अग्रसेन की रानी पद्मावती के साथ एक राक्षस ने सैयोग किया, जिससे कंस पैदा हुआ. इन ग्रंथो में मिलता है उल्लेख मथुरा के राजा उग्रसेन के बेटे कंस ने अपने ही पिता को अपने ही कारागार में बंदी बनाकर डलवा दिया था. पिता के राजकाज को हड़प लिया. राक्षस प्रवृत्ति होने के कारण उन्होंने इस तरह के कृत्य किए. ठाकुर जी ने उसे वरदान दे रखा था कि जब मैं अवतरित होकर आऊंगा तो मेरे हाथों तेरा वध होगा और तुझे मुक्ति मिलेगी. यह उल्लेख श्रीमद् भागवत, व्वैवर्त पुराण और हमारे अनेकों धर्म ग्रंथो में है. पूर्व जन्म में कंस कालनेमि विरोचन का पुत्र था. Tags: Hindi news, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : August 2, 2024, 15:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed