आरिफ की दोस्ती को भूल गया सारस अब नए पार्टनर के साथ फैमिली प्लानिंग

Arif Saras Friendship: आरिफ की सारस मेल सारस के साथ दिनभर खेलती है, उसी के साथ खाना- पीना खाती है. दोनों की तस्वीर आए दिन सामने आती रहती है. वह अब बिल्कुल सामान्य वन्य जीवों की तरह रह रहे हैं. कानपुर प्राणी उद्यान के विशेषज्ञ भी अब इन दोनों के परिवार को आगे बढ़ाने की कवायद में जुटे हैं.

आरिफ की दोस्ती को भूल गया सारस अब नए पार्टनर के साथ फैमिली प्लानिंग
अखंड प्रताप सिंह, कानपुर: अमेठी के आरिफ और सारस की कहानी तो आपको याद होगी. किस प्रकार से उनके वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने रहे. आरिफ और सारस दिन भर एक दूसरे के साथ समय बिताते थे. एक दूसरे के साथ खाना खाते थे और खेलते- कूदते थे. वहीं जब वन विभाग को इसकी सूचना हुई तब उसने सारस को आरिफ से अलग कर कानपुर के प्राणी उद्यान भेज दिया था. इसके बाद इस पर कई राजनीति भी होती रही. हालांकि, कानपुर आने के बाद सरस का व्यवहार भी बदल गया. उसने खाना पीना तक छोड़ दिया था, क्योंकि सारस नेचुरल हैबिटेट से अलग होकर लोगों के साथ रहने लगा था. इसलिए वह उनके तरीके मैगी और खान जैसी चीज खाने लगा था, जिसको बदलने में कानपुर प्राणी उद्यान को काफी समय लगा. लेकिन आप वह बिल्कुल सामान्य वन्य जीवों की तरीका खाना खाने लगा है. इतना ही नहीं, अब वह कानपुर प्राणी उद्यान में ही रहेगा. यही उसका हमेशा के लिए नया पता बन गया है. सारस को मिला नया दोस्त कानपुर प्राणी उद्यान में सारस को एक नया दोस्त मिल गया है. वह उसी के साथ अपना दिनभर समय व्यतीत करती है. आपको बता दें कि आरिफ की सारस मेल सारस के साथ दिनभर खेलती है, उसी के साथ खाना- पीना खाती है. दोनों की तस्वीर आए दिन सामने आती रहती है. वह अब बिल्कुल सामान्य वन्य जीवों की तरह रह रहे हैं. कानपुर प्राणी उद्यान के विशेषज्ञ भी अब इन दोनों के परिवार को आगे बढ़ाने की कवायद में जुटे हैं. ताकि, इनका कुनबा भी यहां पर बढ़ाया जा सके. क्योंकि, कानपुर प्राणी उद्यान देश के बड़े ब्रीडिंग सेंटर्स में से एक है. उनके परिवार को बढ़ाने की भी तैयारी प्राणी उद्यान के विशेषज्ञ कर रहे हैं. यह भी पढ़ें- यूट्यूब से सीखी तकनीक, हिमाचल से मंगाई सेब की कलम… दो साल बाद जबरदस्त पैदावार, 20 साल तक मिलेगा प्रॉफिट यह बोले कानपुर प्राणी उद्यान के डायरेक्टर कानपुर प्राणी उद्यान के डायरेक्टर केके सिंह ने बताया कि जब सारस को कानपुर लाया गया, तब उसने खाना-पीना छोड़ दिया था. वह बिल्कुल अकेला रह रहा था. क्योंकि, वह ह्यूमन टेरिटरी में रह रहा था और मैगी जैसे फास्ट फूड खाने लगा था. इस वजह से वह खाना भी नहीं खा रहा था. लेकिन धीमे-धीमे उसके स्वभाव में बदलाव हुआ. उसने खाना-पीना भी खाना शुरू किया. अब वह यहां पर अपने नए दोस्तों के साथ आराम से रह रहा है. ये अब उसका परमानेंट पता हो गया है. Tags: Amethi news, Kanpur news, Local18FIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 13:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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