अब पेट की चर्बी से दूर होगा डायबिटीज नए शोध में मिले 100 फीसदी पॉजिटिव परिणाम
अब पेट की चर्बी से दूर होगा डायबिटीज नए शोध में मिले 100 फीसदी पॉजिटिव परिणाम
मुंबई और कानपुर के डॉक्टरों की एक टीम ने पेट की चर्बी से स्टेम सेल निकालकर डायबिटीज के इलाज में इस्तेमाल किए, जिसके 100% पॉजिटिव परिणाम सामने आए हैं. मरीजों में शुगर रेटिना कोलेस्ट्रॉल न्यूरो से संबंधित दिक्कतें भी इसके इस्तेमाल से दूर हो गई. जिसे देखकर डॉक्टर भी अचंभित हैं.
अखंड प्रताप सिंह /कानपुर: देशभर में मधुमेह डायबिटीज एक ऐसी बीमारी बन गई है, जो लोगों को आसानी से अपनी चपेट में ले लेती है. और बड़ी संख्या में देशभर में इसके मरीज सामने आते हैं. यह बीमारी देखते-देखते मरीजों के दूसरे ऑर्गन को भी प्रभावित करती है. इसके साथ ही आंखों की समस्या न्यूरो की समस्या समेत कई प्रकार की समस्या डायबिटीज हो जाने के बाद मरीज के सामने आने लगती है. लेकिन अब हर तरीके की डायबिटीज से जुड़ी समस्याओं से मरीजों को निजात मिल सकेगी. कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज द्वारा एक खास शोध किया गया है, जिसमें बेहद पॉजिटिव परिणाम सामने आए हैं.
कानपुर मेडिकल कॉलेज में स्टेम सेल थेरेपी से कई सालों से इलाज चल रहा है. इसके पॉजिटिव परिणाम भी सामने आ रहे हैं. लेकिन इस बार डॉक्टर की टीम ने पेट की चर्बी से स्टेम सेल निकालकर डायबिटीज के इलाज में इस्तेमाल किए, जिसके 100% पॉजिटिव परिणाम सामने आए हैं. मरीजों में शुगर रेटिना कोलेस्ट्रॉल न्यूरो से संबंधित दिक्कतें भी इसके इस्तेमाल से दूर हो गई. जिसे देखकर डॉक्टर भी अचंभित हैं. यह बेहद कारगर है. इससे बड़ी संख्या में मरीजों की जान बचाई जा सकती है. यह शोध भी अपने आप में बेहद ऐतिहासिक है.
मुंबई और कानपुर के डॉक्टरों ने किया शोध
कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर संजय काला ने बताया कि इस शोध में मुंबई और कानपुर के डॉक्टरों की टीम ने काम किया है. इसमें पेट की चर्बी के स्टेम सेल ही इस्तेमाल किए गए हैं. इस शोध में मुंबई से डॉक्टर बीएस राजपूत और हमारे मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों ने बहुत मेहनत की है. इसमें न सिर्फ डायबिटीज में मरीज को आराम मिला है. बल्कि डायबिटीज की वजह से आंखों में होने वाली समस्या, न्यूरो में होने वाली समस्या और अन्य समस्याओं से भी मरीज को पूरी तरीके से राहत मिली है. आने वाले समय में जल्द ही कानपुर मेडिकल कॉलेज में मरीजों को इस तकनीक के जरिए इलाज की सुविधा शुरू की जाएगी.
स्पेशल किट का होता है इस्तेमाल
इस तकनीक में इस्तेमाल होने वाली किट बेहद महंगी आती है, जिस वजह से इसका इलाज काफी महंगा है. डॉक्टर संजय कॉलोनी ने बताया कि सरकार से हमने किट की मांग की है, जितनी ज्यादा किट हमें जितनी जल्दी मिल जाएगी. उतनी जल्दी ही इस तकनीक से इलाज किया जा सकेगा. क्योंकि, इस किट की कीमत लाखों में है.
Tags: Health, Kanpur news, Local18FIRST PUBLISHED : July 16, 2024, 17:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed