डिमेंशिया के इलाज की तकनीक खोजेगा आईआईटी कानपुर तैयार कर रहा खास ऐप
डिमेंशिया के इलाज की तकनीक खोजेगा आईआईटी कानपुर तैयार कर रहा खास ऐप
मस्तिष्क से जुड़ी खतरनाक बीमारी डिमेंशिया के मामले दुनियाभर में बढ़ रहे हैं. भारत भी इससे अछूता नहीं है. इसके मद्देनजर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर आगे आया है. संस्थान के वैज्ञानिक इस बीमारी से निदान दिलाने वाले ऐप को विकसित करने की कार्ययोजना पर काम कर रहे हैं.
अखंड प्रताप सिंह/कानपुर. आईआईटी कानपुर दुनियाभर में अपने शोध और तकनीक को लेकर जाना जाता है. इंजीनियरिंग हों या मेडिकल, हर क्षेत्र में आईआईटी कानपुर कीर्तिमान बना रहा है. कोरोनाकाल में बेहद कम समय में वेंटिलेटर का निर्माण हो या सस्ते ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, IIT कानपुर ने यह करके दिखाया है. मेडिकल के क्षेत्र में तो संस्थान ने लगातार कई ऐसी किट तैयार की है, जिनका इस्तेमाल आज पूरी दुनिया कर रही है. इसी क्रम में अब आईआईटी कानपुर डिमेंशिया बीमारी के इलाज के लिए एक खास ऐप तैयार कर रहा है. इससे इस बीमारी के निदान में मदद मिल सकेगी. आईआईटी कानपुर के इस लक्ष्य में बड़ी दवा कंपनी बोहिंजर इंगेलहेम इंडिया मदद करेगी.
आईआईटी कानपुर डिमेंशिया को लेकर कई रिसर्च कर रहा है, जिससे इस बीमारी के इलाज में मदद मिल सके. इसी क्रम में आईआईटी कानपुर भारत का पहला टेली न्यूरो रिहैबिलिटेशन ऐप विकसित कर रहा है. इसकी मदद से डिमेंशिया के मरीजों की देखभाल हो सकेगी, साथ ही यह ऐप रोग के निदान में मददगार साबित होगा. IIT कानपुर के स्टार्टअप इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेल के प्रोफेसर अंकुर शर्मा और बोहिंजर इंगेलहेम इंडिया के गगनदीप सिंह ने इस क्षेत्र में काम करने के लिए एमओयू साइन किया है. इसके तहत आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ ऐप और इसकी तकनीक विकसित करने में काम करेगा. वहीं रिसर्च को बढ़ावा देने में दवा कंपनी अनुदान देगी.
भारत के लिए बड़ा खतरा है डिमेंशिया
बोहिंजर इंगेलहेम इंडिया के गगनदीप सिंह ने बताया कि भारत में डिमेंशिया का खतरा लगातार बढ़ रहा है. 2019 में ग्लोबल बर्डन आफ डिजीज स्टडी के अनुसार साल 2050 तक जापान और अमेरिका को छोड़ दुनिया में डिमेंशिया के सबसे अधिक मामले भारत में होंगे. यही वजह है कि भारत में भी इस बीमारी को लेकर सतर्कता बढ़ रही है. आईआईटी कानपुर का रिसर्च देश को इस बीमारी से बचाने में मददगार साबित होगा.
Tags: Iit kanpur, Kanpur news, Local18, Science newsFIRST PUBLISHED : July 15, 2024, 13:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed