बाजार में फैला नकली इत्र का कारोबार जानें कैसे करें असली इत्र की पहचान

How to Identify Real Perfume: आजकल बाजार में नकली इत्र का कारोबार भी फैला हुआ है. लोगों में असली और नकली इत्र की पहचान कर पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. कन्नोज के इत्र व्यापारी बताते हैं कि असली इत्र की पहचान कठिन होते हुए भी आसान है. असली इत्र हमेशा भीनी और हल्की खुशबू देता है, जबकि तेज खुशबू वाले इत्र में केमिकल मिलाया जाता है.

बाजार में फैला नकली इत्र का कारोबार जानें कैसे करें असली इत्र की पहचान
अंजली शर्मा/कन्नौज: आजकल बाजार में नकली इत्र का कारोबार भी फैला हुआ है. लोगों में असली और नकली इत्र की पहचान कर पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. कन्नोज के इत्र व्यापारी बताते हैं कि असली इत्र की पहचान कठिन होते हुए भी आसान है. असली इत्र हमेशा भीनी और हल्की खुशबू देता है, जबकि तेज खुशबू वाले इत्र में केमिकल मिलाया जाता है. कुछ इत्रों को जुबान पर लगाकर या शरीर पर इस्तेमाल कर उनकी शुद्धता की जांच भी की जा सकती है. कन्नौज के इत्र उद्योग में सबसे लोकप्रिय इत्र गुलाब, बेला, चंदन, मेहंदी, मिट्टी, केवड़ा, ऊद, केसर, और शमामा के होते हैं. ये प्रमुख इत्र ही कई तरह के मिक्सर और कॉम्बिनेशन से बनाए जाते हैं. कन्नौज के इत्र व्यापारी इन चीजों से भी इत्र निकाल लेते हैं, जिनमें खुशबू की थोड़ी सी भी संभावना होती है. असली और नकली इत्र की पहचान असली और नकली इत्र की पहचान में सबसे महत्वपूर्ण अंतर इसकी खुशबू से किया जा सकता है. उच्च गुणवत्ता वाला असली इत्र हल्की और भीनी खुशबू देता है. वहीं, तेज और अधिक सुगंधित इत्र में केमिकल का इस्तेमाल होता है. गुलाब और मिट्टी जैसे इत्र को जुबान पर लगाकर भी उनकी शुद्धता की जांच की जा सकती है, जबकि कुछ इत्र शरीर पर लगाने के बाद अपनी असली पहचान देते हैं. असली इत्र महंगा होता है, इसलिए यह आम लोगों की पहुंच से बाहर होता है और इसे स्प्रे या डीओ के रूप में भी बनाया जाता है. इत्र व्यापारियों की राय लोकल 18 से बातचीत में इत्र व्यापारी निशिष तिवारी ने बताया कि कन्नौज ही विश्व में एकमात्र ऐसा स्थान है जहां नेचुरल इत्र पारंपरिक पद्धति ‘डेग-भभका’ से तैयार किया जाता है. असली और नकली इत्र की पहचान करना आसान नहीं है, और इसे सिर्फ विशेषज्ञ ही पहचान सकते हैं. तिवारी ने बताया कि असली इत्र में तेज खुशबू नहीं होती, बल्कि यह भीनी खुशबू देता है. मार्केट में जो तेज खुशबू वाले परफ्यूम बेचे जा रहे हैं, वे केमिकल युक्त होते हैं और उन्हें इत्र कहकर बेचा जाता है. असली इत्र बहुत महंगा होता है, जिसकी कीमत 30 से 40 हजार रुपये प्रति किलो से शुरू होकर लाखों में पहुंच जाती है, जो आम लोगों की पहुंच से बाहर है. Tags: Hindi news, Kannauj news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 15:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed