हर कोई चीख-रो रहा था पर कंचनजंगा एक्सप्रेस के पैसेंजर ने बयां किया दर्द

Kanchenjunga Express Accident: कंचनजंगा एक्सप्रेस सुबह-सुबह एक हादसे की शिकार हो गई. इस घटना में 12 से अधिक लोग की मौत हुई है और 60 के करीब लोग घायल हैं, लेकिन उस दौरान क्या हुआ था, ट्रेन पर सवार पैसेंजर्स पर क्या बीती थी, जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. आपको बताते हैं, उनकी कहानी, उनकी ही जुबानी.

हर कोई चीख-रो रहा था पर कंचनजंगा एक्सप्रेस के पैसेंजर ने बयां किया दर्द
Kanchenjunga Express Accident: सिलीगुड़ी शहर की घड़ी में सुबह के करीब 8:40 बज रहे थे, लोग अपने काम पर जाने की आपाधापी में लगे हुए थे, वह अजान पढ़ कर मस्जिद से लौट रहा था, तभी उसे एक जोरदार आवाज सुनाई दी. आवाज की दिशा की तरफ भागा, क्या देखता है, तो एक भयावह मंजर. देखा कि ट्रेन के एक डिब्बा वर्टिकली दूसरे के ऊपर ट्रेन के डिब्बे के ऊपर चढ़ी हुई है. सामने का सीन देख कर उसे लगा मानों पिछले साल कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे की तस्वीर उसकी आखों के सामने चलने लगी हो. चारों तरफ चीख-पुकार मची हुई थी, उसे पता चला गया था कि ट्रेन भीषण हादसे की शिकार हो चुकी है. दरअसल, सबरूम से सियालदह जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस रंगापानी स्टेशन के पास एक मालगाड़ी से सुबह के करीब 9 बजे टकरा गई थी. वहीं, पदातिक एक्सप्रेस हादसे की शिकार होने से बाल-बाल बच गई क्योंकि वह भी उसी समय ट्रेन न्यू जालपाईगुड़ी की ओर आ रही थी. कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रैक पर पहले से खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे दो डिब्बे पटरी से उतर गए. हादसे में अब तीन रेलवे कर्मचारियों समेत 12 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. ट्रेन पर सवार लोगों ने क्या कहा? एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि डाउन कंचनजंगा एक्सप्रेस आज सुबह तय समय पर न्यू जलपाईगुड़ी पहुंची थी. हादसा निचबारी और रंगापानी स्टेशनों के बीच उसके पीछे से एक मालगाड़ी आई और जोरदार टक्कर मार दी. कंचनजंगा एक्सप्रेस के दो डिब्बे पटरी से भी उतर गए थे. ट्रेन पर सवार एक यात्री ने बताया, ‘ट्रेन की रफ़्तार बहुत तेज नहीं थी. ऐसा लग रहा था कि ट्रेन 20 किलोमीटर की रफ़्तार से जा रही थी. मैं अभी भी सो रहा था. अचानक एक बड़ा झटका लगा. हमारा कोच थोड़ा पीछे था. ट्रेन रुकने के बाद मैंने देखा कि S4 और S5 अलग हो गए थे. मैंने देखा कि उसके पीछे के दो डिब्बे पलट गए थे. हर कोई चीख रहा था, रो रहा था. एक दूसरे यात्री ने बताया, ‘हादसे के बाद कोई मदद के लिए नहीं आया. हम खुद ही बाहर निकल आए. मैं बहुत घबराया हुआ हूं.’ मरने वालों में से एक कंचनजंगा एक्सप्रेस का गार्ड आशीष डे हैं, जो कि सिलीगुड़ी के रहने वाले हैं. बाकी दो लोग मालगाड़ी के लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट शामिल हैं, हालांकि, मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है. हादसे में करीब 60 लोग घायल हुए हैं. रेलवे, सेना और पुलिस की बचाव टीमें बचाव अभियान चला रही हैं. पास के इलके के रहने वाले मोहम्मद हकीम ने कहा, ‘मैं ईद की नमाज़ के बाद घर लौट रहा था. अचानक, मैंने तेज आवाज सुनी. मैंने देखा कि मालगाड़ी कंचनजंगा ट्रेन से टकरा गई है. जितनी जल्दी हो सका, हम ग्रामीण आए और शव को निकालने की कोशिश की. कई लोग घायल हुए थे. मैंने 5-6 शव बाहर निकाले. घायलों को मेडिकल सेंटर ले जाया गया है.’ सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देब ने कहा, ’42 लोगों को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बीस लोगों को फांसीदेवा ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बचाव दल को अस्पताल भेजा गया है. यह दुर्घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.’ Tags: Train accident, West bengalFIRST PUBLISHED : June 17, 2024, 17:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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