हम कानून बनाने का निर्देश नहीं दे सकते जस्टिस खन्ना को क्यों कहना पड़ा ऐसा

Supreme Court Hearing: दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा से संबंधित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी, जिसे जस्टिस खन्ना ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इससे जुड़ा कानून पहले से ही मौजूद है.

हम कानून बनाने का निर्देश नहीं दे सकते जस्टिस खन्ना को क्यों कहना पड़ा ऐसा
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए दाखिल एक याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस मुद्दे से निपटने के लिए पहले से ही कानून मौजूद हैं. इसी के साथ शीर्ष अदालत ने डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता हिंसा के विशेष मामलों के संबंध में संबंधित अदालतों में जाने के लिए स्वतंत्र हैं. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) की तरफ से दायर रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया ने कहा कि डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बार-बार हो रही हैं. जिस पर, जस्टिस खन्ना ने कहा कि इस मुद्दे को हल करने के लिए कानून पहले से ही मौजूद हैं. मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस खन्ना ने कहा, “मैं हाल ही में अस्पताल गया था. मैंने वहां तख्तियां देखीं, जिन पर लिखा था कि डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा एक गंभीर अपराध है.” इस पर वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने कहा कि ऐसा इसलिए था ताकि परेशानी को दूर करने के लिए उपाय निकले. वकील को जवाब देते हुए जस्टिस खन्ना ने कहा हम कानून बनाने का निर्देश नहीं दे सकते. Tags: Supreme CourtFIRST PUBLISHED : July 12, 2024, 19:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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