एना काश तुम भी समझ पाती! जान से ज्यादा जरूरी नहीं थी नौकरी

Layoffs 2024: पुणे की युवा सीए प्रोफेशनल एना सेबेस्टियन पेरायिल की मौत ने वर्क-लाइफ बैलेंस पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. उनकी मां ने कंपनी पर एंप्लॉइज को काम के बोझ तले दबाने का आरोप लगाया है. इसके बाद ऐसी कई शिकायतें आईं और कुछ ऐसे मामले भी पता चले, जिनमें लोग नौकरी से निकाले जाने पर ज्यादा खुश हैं.

एना काश तुम भी समझ पाती! जान से ज्यादा जरूरी नहीं थी नौकरी
नई दिल्ली (Layoffs 2024). हर कामकाजी व्यक्ति को नौकरी की कीमत का अंदाजा होता है. अच्छे संस्थान से पढ़ाई करके भी मनचाही कंपनी में ड्रीम जॉब हासिल कर पाना आसान बात नहीं है. जिनके सपने कम उम्र में ही पूरे हो जाते हैं, उनके लिए यह बहुत बड़ी बात होती है. लेकिन आज के हसल कल्चर ने युवा प्रोफेशनल्स के सामने कई तरह की मुसीबतें खड़ी कर दी हैं. इतनी कि कोई अपनी जान गंवा दे रहा है तो कोई नौकरी से निकाले जाने के बाद जिंदगी जी पा रहा है. बड़ी कंपनी में काम करने वाले इंजीनियर और सीए हर महीने लाखों रुपये कमाते हैं. इसके बदले में उन्हें बिना ब्रेक के घंटों काम करना पड़ता है. बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के अनुसार, 24 साल की Cierra Desmaratti को भी ऐसी ही जॉब मिली थी. उसकी सैलरी सालाना करीब 76 लाख रुपये थी. फिर एक दिन अचानक कंपनी ने छंटनी के दौरान उसे नौकरी से निकाल दिया. लेकिन कमाल की बात है कि सिएरा नौकरी से निकाले जाने पर दुखी होने के बजाय खुश हो गई. नौकरी से निकाले जाने से बेहतर कुछ भी नहीं ऑफिस में ओवरटाइम करने से लेकर छुट्टी वाले दिन काम करने तक, लोग नौकरी बचाने के लिए बहुत कुछ करते हैं. लेकिन सिएरा के लिए नौकरी से निकाले जाना ही सबसे अच्छा फैसला साबित हुआ. वह टॉप ग्लोबल कंसल्टिंग फर्म डेलॉइट में एक्चुरियल एनालिस्ट की नौकरी कर रही थी. उसका ऑफिस अमेरिका के शिकागो में था और सैलरी 90 हजार डॉलर थी, जो भारतीय करेंसी में लगभग 76 लाख रुपये है. डेलॉइट में हुई छंटनी में सिएरा का भी नाम आया. बेकार था वर्क कल्चर सिएरा नौकरी से निकाले जाने के बाद से बहुत खुश हैं. उन्होंने बताया कि डेलॉइट के भागमभाग वाले वर्क कल्चर में उन्हें अच्छा महसूस नहीं हो रहा था. वह अपने लिए टाइम नहीं निकाल पा रही थीं. उन्हें अपने सहकर्मियों के साथ फिट होने के लिए अपनी पर्सनैलिटी को कमतर करना पड़ता था. वह अपनी जिंदगी खुलकर नहीं जी पा रही थीं. जब उनकी छंटनी हुई तो कुछ समय तक तो उन्हें बुरा लगा लेकिन फिर वह खुश हो गईं. उन्हें महसूस हुआ कि वह उस कल्चर के लिए नहीं बनी थीं. यह भी पढ़ें- आप कितने घंटे काम करते हैं? अमेरिका, चीन, जापान.. सबसे आगे निकले हिंदुस्तानी 11 घंटे काम, बढ़ गया वजन डेस्क जॉब में लोग कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स के शिकार हो रहे हैं. सिएरा के साथ भी वही हुआ था. उन्होंने बताया कि उनका बैकग्राउंड लो-इनकम फैमिली का रहा है. डेलॉइट में सभी एंप्लॉइज सूट-जैकेट और डिजाइनर ड्रेस में आते थे. वह खुद को वहां फिट महसूस नहीं करती थीं. खुद को साबित करने के लिए उन्हें 11-11 घंटे काम करना पड़ रहा था. वर्क कल्चर और प्रेशर में वह मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार रहने लगीं. कुछ ही महीनों में उनका वजन 9 किलो बढ़ गया था. वर्क फ्रॉम होम में मिली राहत नौकरी से निकाले जाने के बाद सिएरा को प्रेशर वाले वर्क कल्चर से छुटकारा मिल गया. कुछ समय तक उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. छंटनी के बाद उनके पास सिर्फ 2 हफ्ते खर्च चलाने भर के ही रुपये थे. नई नौकरी ढूंढने में उन्हें 2 महीने लग गए. अब वह ट्रांसअमेरिका में एक्चुरियल एनालिस्ट की रिमोट जॉब कर रही हैं. रिमोट जॉब में वह घर से काम करती हैं और इससे वर्क और लाइफ के बीच सही बैलेंस बना पा रही हैं. अब वह अपनी हेल्थ और खुशियों को प्रायोरिटी दे रही हैं. यह भी पढ़ें- पोस्ट पर लाइक्स की बारिश, ऐड से बंपर कमाई, कैसे बनें सोशल मीडिया क्रिएटर एना! काश तुम भी समझ जातीं… पुणे में स्थित मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाली 26 साल की एना सेबेस्टियन पेरायिल ने नौकरी बचाने के चक्कर में काफी कुछ सहा. वह ऑफिस आवर्स के बाद भी काम करती थी. घर जाकर भी ऑफिस का काम करती थी. फिर भी जो अधूरा रह जाता था, उसे छुट्टी में पूरा करती थी. ब्रेक लेना और जिंदगी जीना तो जैसे वो अपनी पहली नौकरी में सीख ही नहीं पाई. लेकिन काश उसे भी कोई समझा पाता कि नौकरी जिंदगी से कीमती नहीं है. अगर वह खुद को महत्व देती तो शायद उसकी जान बच जाती.. Tags: Career Guidance, Job and career, Jobs newsFIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 15:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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