अच्छी सेहत का दुश्मन है टॉक्सिक वर्क कल्चर इन 10 संकेतों से समझ जाएंगे माहौल

Career Tips, Toxic Work Culture Signs: कामकाजी युवा दिन के 9-10 घंटे ऑफिस में बिताते हैं. उसके बाद भी कभी ऑफिस की मीटिंग में व्यस्त रहते हैं तो कभी किसी प्रोजेक्ट में. ऐसे में वर्क कल्चर उनकी मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर काफी प्रभाव डालता है. जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए वर्क कल्चर का पॉजिटिव होना बहुत जरूरी है.

अच्छी सेहत का दुश्मन है टॉक्सिक वर्क कल्चर इन 10 संकेतों से समझ जाएंगे माहौल
नई दिल्ली (Career Tips, Toxic Work Culture Signs). करियर में ग्रोथ हासिल करने के लिए हर कोई अपनी तरफ से बेस्ट परफॉर्मेंस देने की कोशिश करता है. लेकिन अगर तमाम कोशिशों के बाद भी आप पीछे रह जा रहे हैं तो इसके पीछे कहीं न कहीं टॉक्सिक वर्क कल्चर जिम्मेदार है. बीते कुछ दिनों में देश-दुनिया के कई ऐसे मामले सामने आए, जिनमें काम की अधिकता और खराब माहौल की वजह से युवाओं ने जान गंवा दी. ज्यादातर मामलों में टॉक्सिक वर्क कल्चर को ही इसका कारण बताया गया है. हर प्रोफेशनल करियर में ग्रोथ और एक बेहतर जिंदगी की उम्मीद में कहीं नौकरी करता है. लेकिन अगर यही नौकरी उसकी जान की दुश्मन बन जाए तो उसके सभी कामों पर पानी फिर जाता है. जो लोग 9-10 घंटे ऑफिस में बिताने के बाद मायूस होकर घर लौटते हैं, अच्छा काम करने पर भी तारीफ या प्रमोशन से वंचित रह जाते हैं, ऑफिस जाने का मन नहीं करता है.. उन्हें अपने वर्क कल्चर पर गौर करने की जरूरत है. साथ ही मैनेजमेंट को भी एंप्लॉइज के लिए हैप्पी वर्क प्लेस बनाने की दिशा में काम करना चाहिए. Toxic Work Culture Signs: कैसे पता लगाएं, वर्क कल्चर टॉक्सिक है या नहीं? आज की पीढ़ी फिजिकल हेल्थ के साथ ही मेंटल हेल्थ पर भी बराबर फोकस करती है. दिन का मैक्सिमम समय ऑफिस या वहां के कामों में बिताने वालों के लिए वर्क कल्चर बहुत महत्व रखता है. नीचे लिखे 10 पॉइंट्स से आप समझ सकते हैं कि आप जहां काम कर रहे हैं, वहां का माहौल कैसा है. 1. एंप्लॉइज का मूड: अगर कर्मचारी असंतुष्ट और उदासीन रहते हैं तो यह टॉक्सिक वर्क कल्चर का संकेत हो सकता है. 2. कम्युनिकेशन की कमी: अगर कर्मचारियों को अपने विचारों और चिंताओं को व्यक्त करने का अवसर नहीं मिलता है तो यह भी टॉक्सिक वर्क कल्चर का साइन हो सकता है. 3. एंप्लॉई टर्नओवर: अगर कर्मचारी जल्दी-जल्दी नौकरी छोड़ देते हैं या किसी को वहां काम करने के लिए रिकमेंड नहीं करते हैं तो मैनेजमेंट को अलर्ट होने की जरूरत है. 4. अनुचित व्यवहार: जहां कर्मचारियों के साथ अनुचित व्यवहार किया जाता है, जैसे कि भेदभाव, उत्पीड़न या अपमान, वहां लोग अक्सर बीमार रहते हैं. 5. अनिर्णय और अस्पष्टता: निर्णय लेने में देरी होना या नीतियों और प्रक्रियाओं में अस्पष्टता रहना भी टॉक्सिक वर्क कल्चर का संकेत हो सकता है. यह भी पढ़ें- मैनेजर ने पकड़ी HR की ‘कामचोरी’, रिजेक्ट हुआ फर्जी सीवी, पूरी टीम को कर बाहर 6. एंप्लॉई वेलफेयर की कमी: ज्यादातर कंपनियों में एंप्लॉइज की शारीरिक और मानसिक सेहत का ध्यान रखा जाता है. अगर आपके यहां ऐसा नहीं है तो सचेत हो जाइए. 7. अनुचित काम के घंटे: अगर कर्मचारियों से अक्सर ही लंबे और अनुचित वर्किंग आवर्स की अपेक्षा की जाती है तो यह टॉक्सिक वर्क कल्चर का संकेत हो सकता है. 8. पारदर्शिता की कमी: अच्छे और पॉजिटिव माहौल वाले ऑफिस में हर स्तर पर पारदर्शिता यानी ट्रांसपेरेंसी रहती है. 9. नेतृत्व की कमी: अगर ऑर्गनाइजेशन में नेतृत्व में कमी है तो यह भी टॉक्सिक वर्क कल्चर का संकेत हो सकता है. 10. एंप्लॉई फीडबैक की अनदेखी: अगर कर्मचारियों के फीडबैक को लगातार अनदेखा किया जाता है तो यह कंपनी और वहां काम करने वाले लोगों, सभी के लिए बहुत टॉक्सिक है. यह भी पढ़ें- MBA और PGDM में क्या अंतर है? कितनी लगेगी फीस और कितनी मिलेगी सैलरी? Tags: Career Guidance, Career Tips, Job and career, Mental Health AwarenessFIRST PUBLISHED : September 30, 2024, 11:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed