Prajwal Pandey कौन हैं जो बने ब्रिटिश PM ऋषि सुनक के सारथी बिहार के इस नौजवान के बारे में जानें सबकुछ

प्रज्ज्वल पांडेय साल 2019 में अपने परिवार के साथ सीवान के जामापुर गांव में आए थे. यहसं उनका परंपरानुसार जनेऊ हुआ था. लगभग एक सप्ताह तक यहां रहने के बाद वह ब्रिटेन चले गए थे. जानिए प्रज्ज्वल के बिहार कनेक्शन, उनके परिवार और उनकी काबिलियत के बारे में सब कुछ.

Prajwal Pandey कौन हैं जो बने ब्रिटिश PM ऋषि सुनक के सारथी बिहार के इस नौजवान के बारे में जानें सबकुछ
रिपोर्ट – अंकित कुमार सिंह सीवान. बिहार के एक छोटे से कस्बे जीरादेई को भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) के लिए जाना जाता था, अब दुनिया भर में इसलिए भी जाना जा रहा है कि नवनिर्वाचित ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Britain PM Rishi Sunak) को इस मुकाम तक पहुंचाने वाले शख्स भी इसी कस्बे से हैं. प्रज्ज्वल पांडेय, वह बिहारी हैं, जिन्होंने ब्रिटेन में पहली बार किसी भारतीय मूल के नेता के पीएम बनने के पीछे बड़ी भूमिका निभाई है. सीवान के लाल प्रज्ज्वल असल में सुनक के कोर कैम्पेन कमेटी के स्टार प्रचारक रहे. सोशल मीडिया से लेकर अन्य प्लेटफार्म पर प्रज्ज्वल ने प्रचार-प्रसार किया. ऋषि सुनक से प्रज्ज्वल का एक परिवारिक रिश्ता जैसा है. दोनों का साथ ही आना-जाना अधिकतर होता है. इस उपलब्धि के बाद प्रज्ज्वल के सीवान व जामापुर के रिश्तेदारों का तो यहां तक कहना है कि वे लोग अगली बार प्रज्ज्वल को ही ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं क्योंकि उनके अंदर वह काबिलियत है. दरअसल प्रज्ज्वल का पैतृक गांव सीवान के जमापुर में है. उनके पिता राजेश कुमार पांडे जीरादेई में पांच दिन पहले ही घूमने आए थे. यहां पड़ोसियों से मुलाकात कर वह ब्रिटेन लौट गए. इससे पहले प्रज्ज्वल साल 2019 में जामापुर आए थे. जानिए प्रज्ज्वल से जुड़ी तमाम रोचक जानकारियां. सुनक के कोर साथी कैसे रहे प्रज्ज्वल? ब्रिटिश प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए अगस्त 2022 में सुनक ने अपने चुनाव प्रचार अभियान का श्रीगणेश किया, तो प्रज्ज्वल को मुख्य अभियान टीम में शामिल किया. रणनीतिकार के तौर पर चुनावी प्रबंधन में प्रज्ज्वल ने अथक परिश्रम किया. लेकिन उस समय सुनक पीएम नहीं बन पाए. फिर पूर्व पीएम लीज ट्रेस के इस्तीफे के बाद सुनक के प्रधानमंत्री बनने पर प्रज्ज्वल सहित पूरी टीम काफी संतुष्ट है. प्रज्ज्वल बताते हैं कि उस समय सुनक के प्रधानमंत्री नहीं बन पाने पर हम निराश थे क्योंकि हमने काफी मेहनत की थी. 16 साल की उम्र में कंज़र्वेटिव पार्टी से जुड़े प्रज्ज्वल के चाचा अमित पांडेय ने बताया प्रज्ज्वल बचपन से ही मेधावी रहे. ब्रिटेन के प्रतिष्ठित किंग एडवर्ड सिक्स ग्रैमर स्कूल चेम्सफोर्ड में अध्ययनरत हैं. उन्होंने बताया कि प्रज्ज्वल 2021 में हार्वर्ड इंटरनेशनल इकोनॉमिक ऐसे कॉंटेस्ट में विजेता रहे थे. उन्होंने 2019 में यूके यूथ पार्लियामेंट के लिए रिकॉर्ड वोट से जीत हासिल की थी. प्रज्ज्वल ने 16 वर्ष की उम्र में ही ब्रिटेन की कंज़र्वेटिव पार्टी जॉइन की थी. 19 वर्षीय प्रज्ज्वल की बहन प्रांजल पांडेय वर्तमान में कैंब्रिज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं. प्रज्ज्वल का जीरादेई से है खासा लगाव प्रज्ज्वल का पैतृक गांव सीवान ज़िले के जामापुर गांव में है. हालांकि उनके दादाजी वागीश दत्त पाण्डेय लगभग 50 साल पहले परिवार के साथ झारखंड के सिंदरी चले गए थे. वह पीडीआईएल से रिटायर्ड हो चुके हैं जबकि उनके पिता राजेश पांडे सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और माता मनीषा पांडेय शिक्षिका दोनों ब्रिटेन में ही रह रहे हैं. उनके चाचा अमित बेंगलुरु में रहते हैं. प्रज्ज्वल का बाकी परिवार झारखंड के सिंदरी में रहता है. यहां उनके दादा-दादी व परिवार के अन्य सदस्य है. हालांकि उनका परिवार दो चार सालों में जीरादेई के जामापुर में आता रहता है. प्रज्ज्वल भले ही ब्रिटेन में रहते हों, पर उनका खासा लगाव जामापुर से रहता है. गांव चाहता है ‘प्रज्जवल ब्रिटिश पीएम बनें’ सीवान ज़िले के मैरवा के लेभरी निवासी विनीत कुमार प्रज्ज्वल के जीजा लगते हैं. विनीत असल में अमित पांडे के दामाद हैं. विनीत ने न्यूज़ 18 से बातचीत के दौरान कहा कि वे लोग काफी खुश हैं. प्रज्ज्वल ने कम उम्र में बड़ी ख्याति हासिल की है और भारत का नाम रोशन किया है. उन्होंने कहा ‘हम लोग प्रज्ज्वल को ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं क्योंकि उनके अंदर काबिलियत है.’ उन्होंने बताया कि प्रज्ज्वल का जन्म बेंगलुरु में हुआ था क्योंकि तब उनके माता-पिता बेंगलुरू में ही रहते थे. प्रज्ज्वल के जन्म के कुछ दिन बाद ही वे लोग ब्रिटेन चले गए थे. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Bihar Jharkhand News, Prajwal, Rishi Sunak, Siwan newsFIRST PUBLISHED : October 29, 2022, 08:12 IST