प्रोटीन से कम नहीं है ये हरा चारा सितंबर में करें बुवाई40 दिन में होगा तैयार
प्रोटीन से कम नहीं है ये हरा चारा सितंबर में करें बुवाई40 दिन में होगा तैयार
डॉ एनसी त्रिपाठी ने बताया कि बरसीम पशुओं के हरे चारे का बेहतर विकल्प है. बरसीम में प्रोटीन, विटामिन और खनिज पदार्थ भरपूर मात्रा में होते हैं. बरसीम पशुओं की पाचन शक्ति को बेहतर बनाती है. बरसीम 40 से 45 दिनों में काटने के लिए तैयार हो जाती है. सितंबर में बोई हुई बरसीम मई तक किसानों को हरा चारा देती है. किसान इसे 6 से 8 बार तक काट सकते हैं.
शाहजहांपुर: बरसीम एक ऐसी फसल है जो पशुओं के लिए बेहद फायदेमंद होती है. इसका इस्तेमाल पशुओं के हरे चारे के लिए किया जाता है. बरसीम में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं. बरसीम में प्रोटीन, विटामिन और खनिज पदार्थ भरपूर मात्रा में होते हैं. यह पशुओं के लिए एक संपूर्ण आहार है और दूध उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है. बरसीम का चारा पशुओं को सर्दियों में दिया जाता है. पशु इसे बड़े चाव के साथ खाते हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि बरसीम पशुओं के हरे चारे का बेहतर विकल्प है. ये पशुओं की पाचन शक्ति को बेहतर बनाती है और उन्हें बीमारियों से बचाती है. बरसीम से दूध की गुणवत्ता में सुधार होता है और दूध में वसा की मात्रा बढ़ती है.
मई तक नहीं होगी चारे की कमी
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि बरसीम में प्रोटीन, विटामिन और खनिज पदार्थ भरपूर मात्रा में होते हैं. यह पशुओं के लिए एक संपूर्ण आहार है और दूध उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है. बरसीम की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है. किसान बरसीम की बुवाई कर उसे चारे के तौर पर बाजार में बेचकर अच्छा मुनाफा ले सकते हैं. बरसीम पशुओं की पाचन शक्ति को बेहतर बनाती है और उन्हें बीमारियों से बचाती है. किसान बरसीम की बुवाई सितंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर अक्टूबर तक कर सकते हैं. बरसीम 40 से 45 दिनों में काटने के लिए तैयार हो जाती है. सितंबर में बोई हुई बरसीम मई तक किसानों को हरा चारा देती है. किसान इसे 6 से 8 बार तक काट सकते हैं.
बरसीम की बुवाई के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि बरसीम की बुवाई करने के लिए खेत को गहरी जुताई करें. डिस्क हैरो से 2 से 3 गहरी जुताई करने के बाद किसान रोटावेटर चला कर मिट्टी को भुरभुरा बना लें. उसके बाद किसान पाटा लगाकर खेत को समतल कर लें, ताकि जल निकासी बेहतर हो. पाटा लगाने के बाद किसान खेत को छोटी-छोटी क्यारियों में बांट लें. ध्यान रखें कि खेत की जुताई करते वक्त पर्याप्त नमी होना चाहिए. खेत में बनाई हुई क्यारियों में पानी भरने के बाद किसान बरसीम के बीज का छिड़काव कर दें. ध्यान रखें की बुवाई करते वक्त क्यारियों में ज्यादा पानी नहीं होना चाहिए. बरसीम की खेती करने के लिए क्षारीय और बलुई दोमट मिट्टी सबसे बेहतर मानी जाती है. 1 हेक्टेयर खेत में बरसीम की बुवाई करने के लिए 10 से 15 किलो ग्राम बीज की आवश्यकता होती है.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : September 11, 2024, 17:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed