SCO Summit 2022: 2 साल बाद आमने-सामने से मिलेंगे नेता मोदी शी जिनपिंग और पुतिन होंगे शामिल
SCO Summit 2022: 2 साल बाद आमने-सामने से मिलेंगे नेता मोदी शी जिनपिंग और पुतिन होंगे शामिल
SCO Summit 2022: एससीओ का पिछला प्रत्यक्ष सम्मेलन 2019 में किर्गिस्तान के बिश्केक में हुआ था. उसके बाद 2020 में मॉस्को सम्मेलन कोविड-19 महामारी के कारण डिजिटल प्रारूप में हुआ था, वहीं 2021 का सम्मेलन दुशान्बे में मिश्रित प्रारूप में आयोजित किया गया था.
बीजिंग. शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का शिखर सम्मेलन (SCO summit) बृहस्पतिवार को उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) के समरकंद में होगा जो कोविड महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद प्रत्यक्ष उपस्थिति वाला होगा. यह सम्मेलन समूह के सभी आठ सदस्य देशों के प्रमुखों को मुख्य बैठक से इतर साझा चिंता के ज्वलंत वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर आमने-सामने वार्ता का अवसर देगा.
एससीओ का पिछला प्रत्यक्ष सम्मेलन 2019 में किर्गिस्तान के बिश्केक में हुआ था. उसके बाद 2020 में मॉस्को सम्मेलन कोविड-19 महामारी के कारण डिजिटल प्रारूप में हुआ था, वहीं 2021 का सम्मेलन दुशान्बे में मिश्रित प्रारूप में आयोजित किया गया था.
एससीओ की शुरुआत जून 2001 में शंघाई में हुई थी. इसके छह संस्थापक सदस्य समेत आठ पूर्णकालिक सदस्य हैं. संस्थापक सदस्य देशों में चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान हैं. भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके पूर्णकालिक सदस्यों के रूप में शामिल हुए थे. एससीओ के पर्यवेक्षक देशों में अफगानिस्तान, बेलारूस और मंगोलिया शामिल हैं, वहीं संवाद साझेदारों में कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका, तुर्की, आर्मीनिया एवं आजरबैजान हैं.
साल 2020 में कोविड महामारी सामने आने के बाद यह पहला मौका है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय सम्मेलन में भाग लेंगे. कोविड की चिंताओं को छोड़ते हुए एससीओ सम्मेलन में चिनफिंग के शामिल होने की आकस्मिक घोषणा हुई. वह बुधवार को दो साल से अधिक समय की अवधि के बाद पहली बार चीन के बाहर गये हैं.
वह जनवरी 2020 के बाद से अपनी पहली राजकीय यात्रा पर कजाकिस्तान गये और वहां से समरकंद में एससीओ सम्मेलन में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान जाएंगे. चीन ने अपने कार्यक्रमों से पर्दा नहीं उठाया है और शी जिनपिंग की सम्मेलन से इतर पुतिन एवं मोदी से मुलाकात की खबरों की पुष्टि नहीं की है.
चीन ने गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स में पेट्रोल प्वाइंट 15 से अपने सैनिकों को वापस लेने की भारत की मांग को पिछले दिनों स्वीकार कर लिया था. कुछ विशेषज्ञों ने इसे पूर्वी लद्दाख में जारी सैन्य गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में कदम बताया जो मई 2020 में शुरू हुआ था और जिसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया था.
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दोनों देशों ने श्रृंखलाबद्ध सैन्य एवं कूटनीतिक वार्ताओं के परिणामस्वरूप पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण किनारों पर तथा गोगरा इलाके से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पूरी की थी. पेट्रोल प्वाइंट 15 से सैनिकों की वापसी के बाद से समरकंद में मोदी और शी चिनफिंग की मुलाकात की संभावना को लेकर अटकल शुरू हो गयी थी.
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Tags: Pm narendra modi, SCO Summit, Vladimir Putin, Xi jinpingFIRST PUBLISHED : September 14, 2022, 22:26 IST