ट्रेन में मिलने वाली चादर और कंबल महीने में एक बार धुले जाते हैं!
ट्रेन में मिलने वाली चादर और कंबल महीने में एक बार धुले जाते हैं!
Indian Railway Bedroll kit: भारतीय रेलवे एसी स्लीपर क्लास में यात्रा करने वाले लोगों को सफेद बेडशीट और लिनेन देता है. लेकिन इन चादरों और कंबल की सफाई को लेकर अक्सर यात्रियों के मन में सवाल खड़े होते रहते हैं. जानिए इन्हें धुला कब-कब जाता है.
भारतीय रेलवे ने एसी स्लीपर क्लास यात्रियों के लिए एक नई व्यवस्था शुरू की है. अब सफर के दौरान यात्रियों को स्वच्छ, इस्त्री किए गए उच्च गुणवत्ता वाले लिनन और बेडरोल दिए जाते हैं. रेलवे ने नवीनतम तकनीक का उपयोग करके यह सुनिश्चित किया है कि हर उपयोग के बाद लिनन को मशीन से धोया और साफ किया जाए. वहीं, कंबल को महीने में कम से कम एक बार, और जरूरत पड़ने पर 15 दिनों में धोया जाता है.
बेडिंग किट में अतिरिक्त सुविधाएं
यात्रियों को दी जाने वाली बेडिंग किट में अब एक अतिरिक्त चादर शामिल होती है. एक चादर बर्थ पर बिछाने के लिए होती है, जबकि दूसरी चादर कंबल के कवर के रूप में उपयोग होती है. इसके अलावा, आरएसी यात्रियों को भी पूरी बेड रोल किट प्रदान की जाती है ताकि उनकी यात्रा आरामदायक हो.
एसी कोच में तापमान का ध्यान
एसी कोच का तापमान लगभग 24 डिग्री सेल्सियस पर रखा जाता है. इसका उद्देश्य यात्रियों को जरूरत से अधिक कंबल और चादर की आवश्यकता से बचाना है. नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने भी स्वच्छ लिनन उपलब्ध कराने के लिए कई कदम उठाए हैं. प्रमुख रेलवे स्थानों पर आधुनिक लॉन्ड्री सेंटर खोले गए हैं, जो प्रतिदिन 16,000 बेडरोल पैकेट तैयार कर सकते हैं.
अत्याधुनिक लॉन्ड्री सुविधाएं
इन लॉन्ड्री केंद्रों में सुरंग-आधारित और बहु-विशेषताओं वाली प्रणालियां लगाई गई हैं, जो पानी, बिजली, और रसायनों के उपयोग को अनुकूलित करते हुए बड़ी मात्रा में लिनन को संभालने में सक्षम हैं. इसके अतिरिक्त, स्वचालित स्थानांतरण प्रणाली सफाई प्रक्रिया को और बेहतर बनाती है.
बेडरोल की गुणवत्ता और निगरानी
भारतीय रेलवे ने बेडरोल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए बीआईएस के दिशानिर्देशों के अनुसार नए लिनन सेट की खरीद शुरू की है. लिनन की सफाई के लिए मानक मशीनों और ब्रांडेड रसायनों का उपयोग किया जाता है. धुले हुए लिनन की गुणवत्ता जांचने के लिए “व्हाइटो-मीटर” का उपयोग किया जाता है. साथ ही, यात्रियों की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई के लिए मंडल स्तर पर वॉर-रूम और जोनल बेड क्वार्टर बनाए गए हैं.
पर्यावरण अनुकूल और सुविधाजनक पैकिंग
भारतीय रेलवे ने बेडरोल की पैकिंग को पर्यावरण अनुकूल बनाया है. इसके साथ ही भंडारण, परिवहन और लोडिंग-अनलोडिंग के लिए लॉजिस्टिक्स को बेहतर किया गया है. रेलवे द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कंबल पतले और धोने में आसान हैं, जो अच्छा इन्सुलेशन प्रदान करते हैं. यह सुनिश्चित किया गया है कि यात्रियों को केवल स्वच्छ और धोए हुए लिनन ही उपलब्ध कराए जाएं.
यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा प्राथमिकता
इन उपायों के माध्यम से भारतीय रेलवे यात्रियों के सफर को अधिक आरामदायक और सुरक्षित बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है. साफ-सुथरे बेडरोल और उच्च गुणवत्ता वाले लिनन के साथ, रेलवे ने यात्रियों के अनुभव को एक नए स्तर पर पहुंचाया है
Tags: Indian railway, Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : December 2, 2024, 12:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed