क्या केरल बन जाएगा इतिहास क्यों बदलना चाहते हैं CM विजयन क्या होगा नया नाम
क्या केरल बन जाएगा इतिहास क्यों बदलना चाहते हैं CM विजयन क्या होगा नया नाम
दक्षिण भारत का राज्य केरल का नाम क्या अब इतिहास बन जाएगा? दरअसल यह सवाल इसलिए कि केरल सरकार ने राज्य का नाम बदलने का फैसला किया है. जानें अब क्या नाम रखने का फैसला लिया गया है...
तिरुवनंतपुरम. दक्षिण भारत का राज्य केरल का नाम क्या अब इतिहास बन जाएगा? दरअसल यह सवाल इसलिए कि केरल सरकार ने राज्य का नाम बदलने का फैसला किया है. केरल विधानसभा ने सोमवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें केंद्र से राज्य का नाम ‘केरल’ से बदलकर आधिकारिक तौर पर ‘केरलम’ करने का आग्रह किया है.
राज्य विधानसभा ने दूसरी बार यह प्रस्ताव भेजा है, क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इससे पहले वाले प्रस्ताव पर गौर करने के बाद कुछ तकनीकी बदलावों का सुझाव दिया था. इसके बाद मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने सोमवार को विधानसभा में दोबारा यह प्रस्ताव पेश किया. विजयन चाहते हैं कि केंद्र सरकार देश के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में दक्षिणी राज्य का नाम ‘केरल’ से बदलकर ‘केरलम’ कर दे.
नाम बदलने की क्या है वजह?
मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि राज्य को मलयालम में ‘केरलम’ कहा जाता है और मलयालम भाषी समुदायों के लिए एकीकृत केरल बनाने की मांग राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही जोरदार तरीके से उठती रही है.
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विजयन ने कहा, ‘लेकिन संविधान की पहली अनुसूची में हमारे राज्य का नाम केरल लिखा हुआ है। यह विधानसभा, केंद्र सरकार से अनुरोध करती है कि संविधान के अनुच्छेद-3 के तहत इसे ‘केरलम’ के रूप में संशोधित करने के लिए तत्काल कदम उठाए तथा संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित सभी भाषाओं में इसका नाम बदलकर ‘केरलम’ किया जाए.’
केंद्र ने लौटा दिया था पिछला प्रस्ताव
यह दूसरी बार था जब राज्य विधानसभा ने राज्य के नाम में परिवर्तन की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया. विधानसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि सदन ने पिछले साल अगस्त में भी सर्वसम्मति से इसी तरह का प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा था, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसमें कुछ तकनीकी बदलावों का सुझाव दिया था.
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मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव पेश करने के बाद कहा कि पहले के प्रस्ताव में कुछ बदलाव की जरूरत है. इस प्रस्ताव को सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के सदस्यों ने स्वीकार कर लिया. यूडीएफ विधायक एन शम्सुद्दीन ने प्रस्ताव की संरचना को संशोधित करने के लिए कुछ संशोधनों का सुझाव दिया, जिन्हें बाद में सरकार ने अस्वीकार कर दिया. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ए एन शमशीर ने इसे सर्वसम्मति से पारित घोषित कर दिया.
Tags: Kerala, Pinarayi VijayanFIRST PUBLISHED : June 25, 2024, 09:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed