INS विक्रांत के बाद नौसेना को मिले 2 डाइविंग सपोर्ट वेसल एडमिरल कुमार बोले- 2047 तक होंगे आत्मनिर्भर
INS विक्रांत के बाद नौसेना को मिले 2 डाइविंग सपोर्ट वेसल एडमिरल कुमार बोले- 2047 तक होंगे आत्मनिर्भर
Indian Navy News: भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि 2047 तक नौसेना पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जाएगी. उन्होंने कहा कि जहाजों और पनडुब्बियों से लेकर कलपुर्जों और हथियारों के उत्पादन तक सभी में नौसेना पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर हो जाएगी.
हाइलाइट्स'पनडुब्बियों से लेकर कलपुर्जों और हथियारों के उत्पादन तक में होंगे आत्मनिर्भर''इनकी विशिष्ट क्षमताएं हिंद महासागर में नौसेना की ताकत बढ़ाएंगी'दो स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल (डीएसवी) निस्तार और निपुण की लॉन्चिंग
विशाखापत्तनम. भारतीय नौसेना 2047 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जाएगी. फिर चाहे जहाज हों या पनडुब्बियां, एयरक्राफ्ट, मानव रहित प्रणाली, हथियार और पूरा कॉम्पलेक्स ही हो. सबकुछ स्वदेशी होगा. भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने गुरुवार को कहा कि 2047 तक भारतीय नौसेना पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जाएगी. TOI में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक एडमिरल कुमार ने कहा कि ‘जहाजों और पनडुब्बियों से लेकर कलपुर्जों और हथियारों के उत्पादन तक सभी में नौसेना पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर हो जाएगी. नौसेना प्रमुख ने कहा कि इन बहुमुखी जहाजों से न केवल हमारी खोज और बचाव क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इनकी विशिष्ट क्षमताएं हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना की ताकत बढ़ाएंगी.’
भारतीय नौसेना प्रमुख ने कहा कि नौसेना, शिपयार्ड और उद्योग के बीच घनिष्ठ साझेदारी 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक प्रमुख डाइवर साबित होगी. एचएसएल में नेवी वेलनेस और वेलफेयर एसोसिएशन (NWWA) की अध्यक्ष कला हरि कुमार (पत्नी एडमिरल आर हरि कुमार) ने निर्माणाधीन दो स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल (डीएसवी) निस्तार और निपुण को भी लॉन्च किया. इन दोनों जहाजों का नाम भी रखा गया.
नौसेना, शिपयार्ड और उद्योग के बीच घनिष्ठ साझेदारी 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक प्रमुख डाइवर के रूप में साबित होगी. (Photo-Twitter Indian Navy)
नौसेना प्रमुख ने कहा कि जहाजों की लॉन्चिंग भारतीय जहाज निर्माण उद्योग में आने वाले समय की विशेषज्ञता और अनुभव का प्रतिनिधित्व करती है. उन्होंने आईएनएस विक्रांत का जिक्र करते हुए भी कहा कि हाल ही में कोच्चि में इस पहले स्वदेशी विमान वाहक को शामिल किया गया था. एडमिरल हरि कुमार ने कहा कि ये जहाज भारतीय नौसेना के बढ़ते कद और बहुआयामी संचालन करने में सक्षम ‘बिल्डर्स नेवी’ के रूप में एक दुर्जेय समुद्री बल के रूप में अपने को पेश करते हैं. Two Diving Support Vessels (Nistar & Nipun) being built by Hindustan Shipyard Ltd, Visakhapatnam were launched on #22Sep 22 by Mrs Kala Hari Kumar. Adm R Hari Kumar, #CNS was the Chief Guest at the ceremony.#AatmaNirbharBharat@DefenceMinIndia@CMD_HSLhttps://t.co/nlwOFn71MP pic.twitter.com/qQIBAPNa34
— SpokespersonNavy (@indiannavy) September 22, 2022
उन्होंने यह भी कि कहा कि एक बार चालू हो जाने के बाद, दो पोत, न केवल भारत के गहरे समुद्र में गोताखोरी के संचालन में एक नए युग की शुरुआत करेंगे, बल्कि एक विश्वसनीय बल के रूप में भारतीय नौसेना के कद को भी बढ़ाएंगे. हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में पनडुब्बी बचाव अभियान जैसे खास अभियान चलाने के लिए पहले रेस्पोंडर भी होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय नौसेना को पूरी तरह से स्वदेशी बेस्ड बनाने के लिए भारतीय शिपयार्ड (Indian Shipyards) में करीब 43 जहाज (vessels) बनाए जा रहे हैं.
नौसेना प्रमुख ने कहा कि पिछले अवतार में 1971 में पनडुब्बी बचाव पोत के रूप में आईएनएस निस्तार को शामिल किया गया था. 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान गोताखोरी अभियान चलाने में इसकी अहम भूमिका रही थी. उस वक्त विशाखापत्तनम बंदरगाह के बाहर पाकिस्तान नौसेना की पनडुब्बी डूब गई थी.
एडमिरल ने बताया कि भारतीय नौसेना में दूसरा जहाज निपुण (Nipun) नाम से शामिल किया गया.(Photo-Twitter Indian Navy)
एचएसएल के सीएमडी हेमंत खत्री ने कहा कि इस परियोजना को भारतीय उद्योग के समर्थन से क्रियान्वित किया जा रहा है. मुख्य रूप से 120 एमएसएमई फर्म जिन्होंने यार्ड सामग्री, उपकरण और सेवाओं की आपूर्ति की है. उन्होंने कहा कि ‘सेल्फ रिलायंस’ की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए 80% स्वदेशी सामग्री प्राप्त करके दो जहाजों को लॉन्च किया गया है. डीएसवी परियोजना ने स्थानीय रोजगार के अवसर भी पैदा किए हैं और स्वदेशीकरण को बढ़ावा दिया है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा.
इस अवसर पर सामरिक बल कमान के वाइस एडमिरल आरबी पंडित, ईएनसी चीफ वाइस एडमिरल दासगुप्ता, नियंत्रक युद्धपोत उत्पादन और अधिग्रहण वाइस एडमिरल किरण देशमुख, और भारतीय नौसेना और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे.
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Tags: Admiral R Hari kumar, Indian navyFIRST PUBLISHED : September 23, 2022, 09:55 IST