क्या आपको पता है 2036 तक भारत की आबादी कितनी होगी पढ़ें सरकार की यह रिपोर्ट

India Population Report: रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में किशोर प्रजनन दर निरक्षर आबादी में 33.9 थी, जबकि साक्षर आबादी में यह 11.0 थी. यह दर उन महिलाओं के लिए भी काफी कम है जो साक्षर हैं, लेकिन बिना किसी औपचारिक शिक्षा के हैं (20.0), अशिक्षित महिलाओं की तुलना में, जो महिलाओं को शिक्षा प्रदान करने के महत्व के बार फिर उजागर होता है.

क्या आपको पता है 2036 तक भारत की आबादी कितनी होगी पढ़ें सरकार की यह रिपोर्ट
नई दिल्ली. 2036 तक भारत की जनसंख्या 152.2 करोड़ होने की संभावना है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ‘भारत में महिला और पुरुष 2023’ रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. फरवरी 2011 में, जब पिछली राष्ट्रीय जनगणना हुई थी, तो देश की जनसंख्या 121,08,54,977 पाई गई थी. मंत्रालय ने अपनी ‘भारत में महिला और पुरुष 2023’ रिपोर्ट पर कहा, “प्रकाशन एक व्यापक और व्यावहारिक दस्तावेज़ है जो भारत में पुरुषों और महिलाओं की स्थिति को सामने लाने की कोशिश करता है और विभिन्न विषयों पर डेटा प्रदान करता है. इसका अलग-अलग डेटा पुरुषों और महिलाओं के विभिन्न समूहों के बीच मौजूद असमानताओं को समझने में भी मदद करता है.” रिपोर्ट की मानें, तो भारत में लिंगानुपात 2011 के प्रति एक हजार पुरुषों पर 943 महिलाएं के स्तर से बढ़कर 2036 में प्रति 1000 पुरुषों पर 952 महिलाएं होने की उम्मीद है. रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है कि 2036 में भारत की जनसंख्या में 2011 की जनसंख्या की तुलना में स्त्रियों की संख्या अधिक होने की संभावना है, जैसा कि लिंगानुपात में परिलक्षित होता है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2011 में प्रत्येक एक हजार पुरुषों पर 943 महिलाएं थी जो बढ़कर 2036 तक प्रति एक हजार पुरुषों पर 952 हो जाने का अनुमान है, जो लैंगिक समानता में सकारात्मक चलन को दर्शाता है. रिपोर्ट के मुताबिक 2036 तक भारत की जनसंख्या 152.2 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें महिलाओं का प्रतिशत 2011 के 48.5 प्रतिशत की तुलना में थोड़ा बढ़कर 48.8 प्रतिशत हो जाएगा. इसमें कहा गया कि 15 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों का अनुपात 2011 से 2036 तक घटने का अनुमान है, जिसका कारण संभवतः प्रजनन दर में कमी आना है. इसके विपरीत, इस अवधि के दौरान 60 वर्ष और उससे अधिक आयु की जनसंख्या के अनुपात में उल्लेखनीय वृद्धि का पूर्वानुमान लगाया गया है. यह स्पष्ट है कि 2016 से 2020 तक 20-24 और 25-29 आयु वर्ग में आयु विशिष्ट प्रजनन दर (एएसएफआर) क्रमशः 135.4 और 166.0 से घटकर 113.6 और 139.6 रह गई है. इस अवधि के लिए 35-39 वर्ष की आयु के लिए एएसएफआर 32.7 से बढ़कर 35.6 हो गया है, जो दर्शाता है कि जीवन में व्यवस्थित होने के बाद, महिलाएं परिवार बढ़ाने के बारे में सोच रही हैं. FIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 17:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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