कोशिश करने वालों की हार नहीं होती 8 परीक्षा में फेल अब वन विभाग में सेलेक्शन

विभाष ने अपने पिता के खेतों में किए गए कठिन परिश्रम को प्रेरणा के रूप में लिया और किताबों से संघर्ष करते हुए खुद को सफल छात्र के रूप में स्थापित किया.

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती 8 परीक्षा में फेल अब वन विभाग में सेलेक्शन
सुल्तानपुर: संस्कृत का एक प्रसिद्ध श्लोक है, “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन,” जिसका अर्थ है, कर्म करो, फल की चिंता मत करो. यह श्लोक सुल्तानपुर के विभाष सिंह के जीवन पर पूरी तरह से खरा उतरता है. उन्होंने कड़ी मेहनत और धैर्य से आखिरकार उत्तर प्रदेश वन विभाग में वनरक्षक के पद पर नियुक्ति प्राप्त की, जबकि इससे पहले वे 8 प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल हुए थे. अक्सर एक उम्र के बाद लोग पढ़ाई से दूरी बना लेते हैं, लेकिन विभाष ने 34 की उम्र में भी पढ़ाई को नहीं छोड़ा. वे कभी इस बात से निराश नहीं हुए कि उनके इस प्रयास का परिणाम क्या होगा. उन्होंने निरंतर मेहनत जारी रखी और आज उन्हें सफलता मिली है. किसान पिता और गृहिणी मां से मिली प्रेरणा विभाष के पिता रविन्द्र सिंह एक किसान हैं और मां गृहिणी. विभाष ने अपने पिता के खेतों में किए गए कठिन परिश्रम को प्रेरणा के रूप में लिया और किताबों से संघर्ष करते हुए खुद को सफल छात्र के रूप में स्थापित किया. प्रदेश में 9वीं रैंक और जिले में प्रथम स्थान विभाष सिंह ने सामान्य वर्ग में पूरे उत्तर प्रदेश में 9वीं रैंक हासिल की है. ओवरऑल कैटेगरी में उनका 49वां स्थान है, जबकि सुल्तानपुर जिले में वे प्रथम स्थान पर हैं. Tags: Local18, Success StoryFIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 10:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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