अरबपत‍ि हिंदुजा फैम‍िली के 4 सदस्‍यों को जेलनौकरों से बुरा बर्ताव करने पर सजा

घर के नौकरों से बुरा बर्ताव करने पर अदालत ने भारतीय मूल के व्यवसायी प्रकाश हिंदुजा और उनके परिवार के तीन अन्य सदस्यों को साढ़े चार साल की जेल की सजा सुनाई.

अरबपत‍ि हिंदुजा फैम‍िली के 4 सदस्‍यों को जेलनौकरों से बुरा बर्ताव करने पर सजा
नई दिल्‍ली, ब्रिटेन के सबसे रईस हिंदुजा फैमिली के ख‍िलाफ स्विस कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. घर के नौकरों से बुरा बर्ताव करने पर अदालत ने भारतीय मूल के व्यवसायी प्रकाश हिंदुजा और उनके परिवार के तीन अन्य सदस्यों को साढ़े चार साल की जेल की सजा सुनाई. एपी की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने आरोपों को बेहद गंभीर माना. हालांक‍ि, मानव तस्करी की बात को खार‍िज कर दिया. प्रकाश हिंदुजा के अलावा उनकी पत्नी कमल, बेटे अजय और बहू नम्रता पर अपने नौकरों की तस्करी का आरोप लगाया गया था, जिनमें से ज़्यादातर अनपढ़ भारतीय थे और जो स्विस शहर जिनेवा में उनके झील किनारे स्थित विला में काम कर रहे थे. पांचवें आरोपी और ह‍िंदुजा पर‍िवार के मैनेजर को 18 महीने की सजा सुनाई गई है. हिंदुजा पर‍िवार पर आरोप लगाया गया था क‍ि वे अपने नौकरों से ज्यादा खर्च कुत्ते पर करते हैं. आरोप है कि उन्होंने लेक जेनेवा स्थित अपने विला में एक भारतीय महिला को काम पर रखा और बेहद कम सैलरी दी. इतना नहीं, उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया था और उससे रोज 18 घंटे काम कराया जाता था. मह‍िला को सिर्फ 7 स्विस फ्रेंक (लगभग 6.19 पाउंड) का पेमेंट किया. अभ‍ियोजन पक्ष ने कहा, इससे ज्‍यादा पैसा तो यह पर‍िवार अपने कुत्‍तों पर खर्च कर देता है. यह परिवार अपने पालतू कुत्ते पर सालाना 8,584 फ्रेंक (7,616 पाउंड) उड़ा देता है. रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने हिंदुजा को अपने कर्मचारियों का शोषण करने और ‘अनधिकृत’ रोज़गार देने का दोषी पाया. इसके अलावा, परिवार पर अपने कर्मचारियों के पासपोर्ट जब्त करने , उन्हें स्विस फ़्रैंक के बजाय रुपये में भुगतान करने, उन्हें विला से बाहर जाने से रोकने और स्विट्जरलैंड में लंबे समय तक काम करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया गया था. पिछले हफ़्ते खबर आई थी कि हिंदुजा ने वादी पक्ष के साथ एक अघोषित समझौता किया है. बता दें क‍ि स्‍व‍िटजरलैंड में नौकरोंं का शोषण, मानव तस्‍करी और स्‍व‍िस श्रम कानूनों का उल्‍लंघन बड़ा अपराध माना जाता है. Tags: Business news, Indian real estate sectorFIRST PUBLISHED : June 21, 2024, 22:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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