डॉक्टर से IAS बनीं पूजा खेडकर चर्चा में क्यों हैं उन पर क्या आरोप लगे हैं

IAS Pooja Khedkar Controversy: आईएएस अफसरों की चर्चा होना कोई नई बात नहीं है. कुछ अपने अच्छे कामों के लिए सुर्खियों में रहते हैं तो कुछ विवादों की वजह से. इन दिनों महाराष्ट्र कैडर की आईएएस पूजा खेडकर चर्चा में हैं. उन पर कई तरह के आरोप लगे हैं. जानिए इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ.

डॉक्टर से IAS बनीं पूजा खेडकर चर्चा में क्यों हैं उन पर क्या आरोप लगे हैं
नई दिल्ली (IAS Pooja Khedkar Controversy). भारत में आईएएस यानी भारतीय प्रशासनिक सेवा का काफी महत्व है. इसका चार्म इस तरह से समझ सकते हैं कि आईएएस अफसर बनने के लिए लोग कई सालों का ब्रेक भी ले लेते हैं. इस बात में भी कोई शक नहीं है कि बड़ी संख्या में युवा सिर्फ पावर के लिए आईएएस बनना चाहते हैं. महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर का मामला भी कुछ ऐसा ही है. अपनी पहली जॉइनिंग में ही कुछ अनुचित मांगों के चलते वह चर्चा में आ गईं. पूजा खेडकर ने 2021 में यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास की थी. इसमें उन्होंने 841वीं रैंक हासिल की थी (Pooja Khedkar IAS Rank). फिर LBSNAA में ट्रेनिंग के बाद जून 2024 में उन्हें पुणे कलेक्टर ऑफिस में अपनी पहली नियुक्ति मिली थी. यह नियुक्ति भी ट्रेनिंग का ही हिस्सा थी. लेकिन उन पर लगे आरोपों और जांच के बीच महज 1 महीने में ही उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया. कौन हैं आईएएस पूजा खेडकर, उन पर क्या आरोप लगे हैं, उनका परिवार इसमें कैसे फंस गया? जानिए सबकुछ. Pooja Khedkar IAS Biography: आईएएस पूजा खेडकर कौन हैं? पूजा खेडकर अंडर ट्रेनी आईएएस अफसर हैं. उन्होंने पुणे में स्थित श्रीमती काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया है. कई मीडिया रिपोर्ट्स में उन्हें एंडोक्रिनोलॉजिस्ट बताया जा रहा है. पूजा खेडकर महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले की पाथर्डी तहसील के नौकरशाहों और राजनेताओं के परिवार से हैं. पूजा के पिता दिलीपराव खेडकर महाराष्ट्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रिटायर्ड अधिकारी हैं. उनके नाना जगन्नाथ बुधवंत वंजारी समुदाय के पहले IAS अफसर थे. पूजा की मां मनोरमा भलगांव की सरपंच हैं. यह भी पढ़ें- पूजा खेडकर बिना मेडिकल जांच के कैसे बन गईं IAS? कहां की रिपोर्ट लगाई? Pooja Khedkar IAS News: आईएएस पूजा खेडकर ने क्या किया? पूजा खेडकर को प्रोबेशन पीरियड में पुणे में एडीएम के तौर पर नियुक्ति मिली थी. ट्रेनिंग के इस दौर में अफसरों को प्रशासन का कामकाज सिखाया जाता है. आरोप है कि ऑफिस जॉइन करने से पहले ही उन्होंने अनुचित मांगें शुरू कर दी थीं. उनकी शिकायतें भी थम नहीं रही थीं. कलेक्टरेट के कई अफसरों ने इस संबंध में कलेक्टर के पास लिखित शिकायत भी दर्ज कराई. इसके बाद पुणे के जिलाधिकारी सुहास दिवसे ने तत्कालीन मुख्य सचिव से उनकी शिकायत की. Puja Khedkar IAS: आईएएस पूजा खेडकर पर क्या-क्या आरोप लगे? आईएएस पूजा खेडकर पर कई तरह के आरोप लगे हैं. कुछ जॉइनिंग से पहले के भी हैं. कहा जा सकता है कि उन पर लगे एक आरोप की कड़ी दूसरे से जुड़ती गई और मामला बढ़ता गया. 1- पूजा खेडकर ने ट्रेनिंग पीरियड के दौरान सरकारी आवास, स्टाफ, गाड़ी और ऑफिस में अलग केबिन की मांग रखी. 2- उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का लोगो लगाकर अधिकारों का गलत इस्तेमाल किया. 3- विवादित प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने चोरी के इल्जाम में गिरफ्तार एक ट्रांसपोर्टर को छोड़ने के लिए डीसीपी रैंक के अधिकारी पर दबाव बनाया था. 4- उन पर आरोप है कि उन्होंने आईएएस बनने के लिए फेक सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया. उन्होंने यूपीएससी फॉर्म में खुद के ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर से होने का दावा किया. 5- उनकी पारिवारिक संपत्ति करोड़ों में हैं, वह खुद भी करीब 17 करोड़ की मालकिन हैं. उनके नाम पर कई प्रॉपर्टी दर्ज हैं. उनके पास 17 लाख रुपये की घड़ी भी बताई जा रही है. 6- पूजा खेडकर ने विकलांगता श्रेणी के तहत यूपीएससी फॉर्म भरा था. उन्होंने दावा किया कि वह 40% दृष्टिबाधित हैं और किसी मानसिक बीमारी से भी जूझ रही थीं. लेकिन मेडिकल के लिए बुलाए जाने पर वह हर बार नदारद रहीं. 7- आईएएस पूजा खेडकर ने एमबीबीएस कॉलेज में दाखिले के वक्त भी डॉक्यूमेंट्स में हेर-फेर की. उन्होंने 2011 या 2012 में मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया था. तब उनके पिता सर्विस में थे. यह भी पढ़ें- कलेक्टर ऑफिस में IAS पूजा खेडकर के साथ क्या हुआ? आया पिता का बयान Pooja Khedkar MBBS: पढ़ाई में कैसी थीं आईएएस पूजा खेडकर? प्रोबेशनरी आईएएस पूजा खेडकर के गलत व्यवहार और अनुचित मांगों की वजह से उन पर जांच चल रही है. लेकिन उनका पुराना रिकॉर्ड काफी क्लीन बताया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पूजा खेडकर ने 10वीं में 83 फीसदी और 12वीं में 74 फीसदी अंक हासिल किए थे. इसके बाद उन्होंने मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम दिए थे. सीईटी परीक्षा में उनके अंक कम थे लेकिन प्राइवेट कॉलेज के एंट्रेंस एग्जाम में 200 में से 146 अंक हासिल कर उन्हें पुणे के श्रीमती काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल गया था. CAT में क्या मामला था? पूजा खेडकर का विवादों से पुराना नाता है. ‘अंधत्व और मानसिक बीमारी’ से पीड़ित होने के दावे की पुष्टि के लिए उनका मेडिकल टेस्ट होना था. बता दें कि इसी दावे से उन्हें बेंचमार्क विकलांग व्यक्तियों की श्रेणी के तहत यूपीएससी परीक्षा में लाभ मिला था. यूपीएससी ने पूजा को अप्रैल 2022 में एम्स, नई दिल्ली में मेडिकल जांच कराने के लिए कहा था. उन्होंने कोविड 19 से संक्रमित होने की बात कहते हुए उसे रीशेड्यूल करवा लिया था. कितनी बार मेडिकल टेस्ट छोड़ा? UPSC ने उनकी दोनों आंखों के विजन लॉस का कारण जानने के लिए ब्रेन MRI कराने के लिए कहा था. रिपोर्ट के अनुसार, पूजा ने एक निजी मेडिकल सेंटर में की गई एमआरआई की रिपोर्ट पेश कर दी थी, जो उनके विकलांगता के दावों का समर्थन करती थी. इसे UPSC ने खारिज कर दिया था. फिर यूपीएससी ने उनके चयन को CAT (केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण) में चुनौती दी थी. 23 फरवरी, 2023 को उनके खिलाफ फैसला सुनाया गया. बाद में उनके MRI सर्टिफिकेट को स्वीकार कर लिया गया था. यह भी पढ़ें- UPSC में नॉन क्रीमी लेयर क्या है? IAS पूजा खेडकर ने इसका फायदा कैसे उठाया? आईएएस पूजा खेडकर विवाद पर पिता की प्रतिक्रिया आईएएस पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर राजनीति का दामन थामने से पहले खुद भी ब्यूरोक्रेट रहे हैं. उन्होंने बेटी पर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया. उनका कहना है कि अगर एक महिला आईएएस अफसर ने ऑफिस में अपने लिए स्पेस की मांग की है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है. उनका यह भी कहना है कि पूजा ने निजी कार का इस्तेमाल अधिकारियों से अनुमति लेकर किया था. साथ ही यह भी दावा किया कि कार पूजा की नहीं, बल्कि किसी रिश्तेदार की है. दिलीप खेडकर ने की मल्टी डिसेबिलिटी की पुष्टि रिटायर्ड अधिकारी दिलीप खेडकर की मानें तो उनकी बेटी ओबीसी एनसीएल के नॉर्म्स भी पूरे करती हैं. उनका कहना है कि पूजा खेडकर ने सिविल सर्विस में सरकारी नौकरी के लिए कोई भी गलत जानकारी नहीं दी है. उन्होंने मीडिया को बताया कि पूजा 40 प्रतिशत दृष्टि बाधित हैं. इसके साथ ही उन्हें एक मानसिक बीमारी भी है, जिसका उल्लेख यूपीएससी परीक्षा फॉर्म में किया गया था. दिलीप खेडकर ने यह भी कहा कि जांच में कुछ भी गलत पाया गया तो वह खुद बेटी से रिजाइन करने के लिए कहेंगे. यह भी पढे़ं- UPSC में किसे और कितना कोटा मिलता है? ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की होगी जांच पूजा खेडकर मामले में अब क्या होगा? पूजा खेडकर पर लगे सभी आरोपों की जांच की जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब कोई व्यक्ति फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करता है तो सबसे पहले उसकी रिपोर्टिंग अथॉरिटी के पास शिकायत दर्ज की जाती है. आईएएस पूजा खेडकर केस में रिपोर्टिंग अथॉरिटी चीफ सेक्रेटरी हैं. पूजा खेडकर के खिलाफ विभागीय जांच होगी. केंद्र की तरफ से इस हाई-फाई मामले की जांच के लिए एक सदस्यीय पैनल बना दिया गया है. पूजा खेडकर पर किन धाराओं में FIR दर्ज हो सकती है? अगर पूजा खेडकर विभागीय जांच में दोषी पाई जाती हैं तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उनके खिलाफ एक चार्जशीट बन सकती है, जो चीफ सेक्रेटरी को सौंपी जाएगी. विभागीय जांच के आधार पर भारतीय न्याय संहिता के मुताबिक, उनके खिलाफ धारा 318(4), धारा 336 (3) और धारा 340 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की जा सकती है. बता दें कि ये सभी धाराएं धोखाधड़ी, फर्जी डॉक्यूमेंट्स के जरिए जालसाजी और जाली डॉक्यूमेंट्स का वास्तविक तौर पर इस्तेमाल करने से जुड़ी हैं. क्या पूजा खेडकर के सभी लाभ वापस लिए जा सकते हैं? अगर पूजा खेडकर पर लगी ये धाराएं साबित हो जाती हैं तो उन्हें आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है. इस स्थिति में अगले कदम के तहत यूपीएससी उन्हें पद से बर्खास्त करने की कार्रवाई कर सकता है. हालांकि बता दें कि आईएएस अधिकारी की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा होती है. इसलिए बर्खास्तगी के लिए भी राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी होती है. इसलिए इस फाइल को राष्ट्रपति भवन भेजा जाएगा. इस कार्रवाई के दौरान दोषी अधिकारी से सभी लाभ और सैलरी वापस ले लिए जाते हैं. Tags: IAS Officer, UPSC, Upsc examFIRST PUBLISHED : July 15, 2024, 13:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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