पोर्शे केस: चार्जशीट में नाबालिग का नाम नहीं पढ़ें 900 पन्नों में क्या सब है
पोर्शे केस: चार्जशीट में नाबालिग का नाम नहीं पढ़ें 900 पन्नों में क्या सब है
Pune Porsche Case: 19 मई को पुणे में पोर्शे कार सवार नाबालिग युवक ने दो लोगों को कुचल दिया था. नाबालिग पर आरोप है कि उसने बाइक को जोरदार टक्कर मारी, जिसकी वजह से एक युवक और युवती की मौत हो गई. युवक एक बड़े कारोबारी का बेटा है, उस पर नशे की हालत में कार चलाने का आरोप है.
पुणे. पुलिस ने पोर्शे कार दुर्घटना मामले में सात आरोपियों के खिलाफ पुणे की एक अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया है. इन आरोपियों में दुर्घटना के वक्त कथित तौर पर गाड़ी चला रहे नाबालिग लड़के के माता-पिता भी शामिल हैं. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. यह आरोपपत्र दुर्घटना के दो महीने से अधिक समय बाद दाखिल किया गया है.
सत्र न्यायालय में बृहस्पतिवार को दाखिल किए गए 900 पृष्ठों के आरोपपत्र में 17 वर्षीय किशोर का नाम शामिल नहीं किया गया है. किशोर का मामला किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) के समक्ष है, जबकि सात को भारतीय दंड संहिता की आपराधिक षड़्यंत्र और साक्ष्य मिटाने से संबंधित धाराओं के तहत आरोपित किया गया है.
यह दुर्घटना 19 मई की सुबह पुणे के कल्याणी नगर इलाके में हुई जिसमें कथित तौर पर शराब के नशे में नाबालिग द्वारा चलाई जा रही कार ने मध्य प्रदेश के मूल निवासी मोटरसाइकिल सवार दो आईटी पेशेवरों को टक्कर मार दी थी. लड़के के पिता विशाल अग्रवाल एक नामी बिल्डर हैं.
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) शैलेश बलकावड़े ने कहा, “हमने बृहस्पतिवार को पुणे की एक अदालत में सात आरोपियों के खिलाफ 900 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया है जिनमें नाबालिग के माता-पिता, ससून जनरल अस्पताल के दो चिकित्सक और एक कर्मचारी तथा दो बिचौलिए शामिल हैं.”
पुलिस के इस दस्तावेज में 50 गवाहों के बयान शामिल हैं. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त बलकावड़े ने बताया कि आरोपपत्र में दुर्घटना प्रभाव विश्लेषण रिपोर्ट, तकनीकी साक्ष्य, फोरेंसिक प्रयोगशाला और डीएनए रिपोर्ट शामिल हैं.
19 मई को हुई दुर्घटना के कुछ ही घंटों के बाद आरोपी को पुलिस स्टेशन से छोड़ दिया गया था. इसको लेकर लोगों में भयंकर आक्रोश था. लोगों के भारी विरोध के बाद पुणे पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद 22 मई को आरोपी को हिरासत में लेने का आदेश दिया और उसे निगरानी गृह में भेज दिया. इसके बाद मामले की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने 25 जून को आरोपी को बाल सुधार गृह से रिहा करने का आदेश दे दिया.
Tags: Car accident, Pune policeFIRST PUBLISHED : July 26, 2024, 23:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed