7 सालों से नदी को प्लास्टिक से बचा रहे हैं ये ‘व्हिसिल मैन’ किसी को नहीं फेंकने देते नदी में कचरा

महाराष्ट्र के रहने वाले चंद्रकिशोर लोगों को नदी दूषित करने से रोकते हैं. वो व्हिसिल बजाकर लोगों को नदी में कचरा से फेंकने से रोकते हैं. लगातार 7 सालों से लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक कर रहे हैं.

7 सालों से नदी को प्लास्टिक से बचा रहे हैं ये ‘व्हिसिल मैन’ किसी को नहीं फेंकने देते नदी में कचरा
पर्यावरण को बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों में कई अनोखे प्रयास देखने को मिलते हैं. ऐसे एक शख्स की कहानी हम लेकर आए हैं जो पर्यावरण को दूषित होने से बचाने में अपना योगदान दे रहे हैं. प्रतिदिन अपने शहर की किसी नदी के पास जाकर लोगों को कचरा फेंकने से रोकते हैं. साथ ही लोगों को प्लास्टिक के होने वाले नुकसान के बारे में बताकर जागरूकता का संदेश भी दे रहे हैं. नासिक (महाराष्ट्) के रहने वाले चंद्रकिशोर पाटिल गोदावरी नदी के किनारे पर खड़े रहकर लोगों को नदी में कचरा न फेंकने के लिए जागरूक करते हैं. लगभग 7 सालों से लोगों के बीच जागरूकता फैला रहे चंद्रकिशोर के प्रयास अब रंग ला रहे हैं. न्यूज़ 18 से बात करते हुए चंद्रकिशोर पाटिल ने बताया कि वे लगभग सात सालों से नदियों को दूषित होने से बचाने काम कर रहे हैं. चंद्रकिशोर ने कहा, “हमारे घर के पास ही नंदिनी नदी है. लेकिन लोगों के लिए नदी यानी कचरा फेंकने की जगह ही हो गई है.” वो बताते हैं कि मेरी पढ़ाई विदर्भ में हुई है. मैं गांव में रहता था. जहां एक नदी थी. हम उसी नदी का पानी पिया करते थे. लेकिन जब मैं शहर आया तो मैंने नदियों को कूड़ाखाने में तब्दील देखा. जिसको देखकर मुझे लगा कि मुझे नदी को साफ रखने के लिए कुछ करना चाहिए. उसके बाद मैंने दशहरे पर नदी के किनारे खड़े होकर लोगों को नदी में कचरा फेंकने रोकने का काम किया. नदी के पास खड़े रहकर लोगों को नदी में कचरा फेंकने से रोकते हैं. लोगों ने किया विरोध  पाटिल बताते हैं कि शुरुआत में जब मैं नदी के पास खड़े रहकर कचरा न फेंकने के लिए लोगों को समझाता था. तो लोग बहुत बुरा बर्ताव करते थे. लोग गालियां दिया करते थे. लोग कहते थे तुमने ही साफ रखने का ठेका ले रखा है क्या? लेकिन मैंने लोगों की बातों को नज़रअंदाज किया और अपना काम जारी रखा. वो याद करते हुए बताते हैं कि नवरात्रि के समय पर घटस्थापना के आखिरी दिन लोग पूजा करके नौ दिनों की पूजा का सारा सामान नदी में फेंक रहे थे. नदी, नाले में तब्दील नजर आ रही थी. लोगों के समझाने निकाले तरीके  मैंने वहां खड़े होकर लोगों से अपील की और कहा कि इतनी आस्था से पूजा करने के बाद ऐसे नदी में सामान फेंककर धर्म का भी अपमान कर रहे हो और नदी को भी दूषित कर रहे हो. कुछ लोग माने भी, लेकिन लोग जो नहीं मानते थे. नदी को पवित्र कहकर उसमें ही कचरा फेंक रहे थे. उन्हें नदी से एक बोतल में पानी भरकर लाकर दिया. जब उनसे कहा कि पवित्र नदी के पानी को पी सकते हैं क्या. तब जाकर लोगों ने मेरी बात को समझाना शुरू किया. फिर लोगों के लगातार विरोध को देखते हुए मैंने व्हिसिल बजाकर लोगों को रोकने के विषय में सोचा. क्योंकि व्हिसिल बजाने से लोगों पर अलग प्रभाव पड़ता है. जिसके बाद मैं नदी के पास खड़े रहकर लोगों को कचरा फेंकने से रोकने लगा था. फिर लोगों ने मुझे धीरे-धीरे व्हिसिल मैन कहना शुरू कर दिया. नदियों को दूषित होने से बचाने के लिए काम कर रहे हैं. 7 सालों से लोगों कर रहे हैं काम  पाटिल बताते हैं कि मैं लगभग 2015 से लोगों को नदी में कचरा नहीं फेंकने देने का प्रयास कर रहा हूं. और मैं तब ये करता रहूंगा जब तक कि मेरा स्वास्थ्य ठीक रहेगा. वो सुबह या शाम को जब भी वक्त मिलता है दो घंटे प्रतिदिन नदी के पास व्हिसिल लेकर खड़े रहते हैं और लोगों को कचरा फेंकने से रोकते हैं. साथ ही वहीं कचरा इकट्ठा करके नगर निगम की गाड़ी में पहुंचा देते हैं. इसके साथ ही किसी भी जगह पर दिखने पर वहां की सफाई करते हैं और लोगों को कचरा न फेंकने के लिए कहते हैं. जिससे की वह जगह साफ रहे. कोई कितना भी खराब बर्ताव करे लेकिन चंद्रकिशोर किसी को समझाने से पीछे नहीं हटते हैं. प्रधानमंत्री मोदी भी कर चुके हैं तारीफ  चंद्रकिशोर पाटिल की नदियों को स्वच्छ रखने और पर्यावरण को बचाने की इस सराहनीय पहल की तारीफ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं. पीएम मोदी ने अपने कार्यक्रम मन की बात में चंद्रकिशोर की इस पहल को सराहनीय बताकर उनके काम की तारीफ की थी. हालांकि इससे पहले भी सोशल इनकी कहानी आईएफएस अधिकारी श्वेता बोद्दू द्वारा शेयर की गई थी. उन्होंने चंद्रकिशोर की कहानी शेयर करते हुए लिखा था, “मैंने इस शख्स को पूरे दिन सड़क पर हाथ में सीटी लेकर खड़े देखा है. वो लोगों को नासिक की गोदावरी नदी में प्लास्टिक की थैलियों को फेंकने से रोक रहे थे.” व्हीसिल बजाकर लोगों को कचरा फेंकने से रोकते हैं. अब ऐसे करते हैं लोगों को जागरूक चंद्रकिशोर बताते हैं कि उनके इस काम का असर दिखना शुरू हो गया है. अब उनके साथ कई युवा जुड़ गए हैं. वो साथ में मिलकर इस काम में मदद करते हैं. इसके साथ ही हम सभी लोग स्कूलों में जाकर बच्चों को प्रदूषण से होने वाले नुकसान की विषय में समझाते हैं. बच्चों को जागरूक करते हैं और उन्हें अपने माता-पिता को जागरूक करने के लिए कहते हैं. इसके साथ ही वो सिगरेट की बट भी कलेक्ट करते हैं. वो जिस शहर में जाते हैं वहां स्वच्छता पर काम जरूर करते हैं. हालांकि उन्होंने अभी तक कोई संगठन या संस्था नहीं बनाई है. जागरूक लोग और युवा उनके साथ स्वयं आकर इस काम सहायता करते हैं. व्हिसिल मैन का लोगों को संदेश  उनका कहना है कि अब लोग उन्हें जानते ही नहीं बल्कि उनकी बात मानने भी लगे हैं. पाटिल कहते हैं कि लोगों को भी सब कुछ साफ-सुथरा चाहिए होता है, लेकिन साफ रखने में योगदान कोई नहीं देना चाहता है. वो कहते हैं सबको इंदौर जैसा शहर चाहिए लेकिन इंदौर के लोग शहर को साफ रखने में अपनी कितनी भागीदारी निभा रहे हैं ये कोई नहीं देखता. चंद्रकिशोर कहते हैं कि सरकार के प्रयास अपने स्तर पर होते हैं लेकिन हमें भी उसमें अपनी सहभागिता दिखानी होगी तभी जाकर अपने गांव, शहर और देश को स्वच्छ रखा जा सकता है. उनकी सब से यही अपील है कि जैसे हम अपना घर साफ रखते हैं, जैसे हम सफाई में रहना पसंद करते हैं वैसी ही सफाई हमें हर जगह रखनी चाहिए. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Environment news, up24x7news.com Hindi OriginalsFIRST PUBLISHED : August 01, 2022, 09:27 IST