निर्भया एक्ट बनाने वाली कांग्रेस बदलापुर एनकाउंटर पर सवाल क्यों उठा रही
निर्भया एक्ट बनाने वाली कांग्रेस बदलापुर एनकाउंटर पर सवाल क्यों उठा रही
Badlapur Encounter Latest News: महाराष्ट्र पुलिस का कहना है कि बदलापुर में बच्चियों से शारीरिक शोषण के आरोपी अक्षय शिंदे को सेल्फ डिफेंस में गोली मारी गई. हालांकि कांग्रेस पार्टी ने पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठाते हुए इसे फर्जी एनकाउंटर करार दिया.
हाइलाइट्स अक्षय शिंदे पर स्कूल में 2 बच्चियों से शारीरिक शोषण का आरोप है. पुलिस का कहना है कि कस्टडी से भागने के प्रयास में यह एनकाउटर हुआ. कांग्रेस पार्टी ने अक्षय शिंदे के एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए हैं.
नई दिल्ली. महाराष्ट्र के बदलापुर के एक स्कूल में केजी में पढ़ने वाली दो बच्चियों के साथ शारीरिक शोषण के मामले में मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे की एनकाउंटर में मौत पर बवाल मच गया है. इस मुद्दे पर इस वक्त महाराष्ट्र की राजनीति में उबाल आ गया है. जहां एक तरफ सीएम एकनाथ शिंदे ने इसे सेल्फ डिफेंस में उठाया गया कदम बताया. वहीं, विपक्षी दल कांग्रेस राज्य सरकार के खिलाफ हमलावर हो गई है. कांग्रेस ने एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए इसे गलत करार दिया लेकिन बड़ा सवाल यह है कि एक तरफ रेप जैसे मामलों में सख्ती से निपटने के लिए कांग्रेस की लीडरशिप वाली केंद्र सरकार निर्भया एक्ट लेकर आई थी, लेकिन आज वही कांग्रेस अब इस घटना पर सवाल क्यों उठा रही है. चलिए हम आपको इसके पीछे की थ्योरी के बारे में बताते हैं.
बदलापुर एनकाउंटर के बाद ना सिर्फ शारीरिक शोषण का शिकार हुई दो बच्चियों के घर वाले खुश हैं बल्कि पूरे बदलापुर में खुशी का माहौल है. सभी का मानना है कि बच्चियों से गलत काम करने वालों को उनके किए की सजा मिली और उनकी मौत के साथ इस मामले में सही इंसाफ हुआ है. शहर में पटाखे फोड़े जा रहे हैं. ये कहना गलत नहीं होगा कि इस वक्त बदलापुर में जश्न का माहौल है. कांग्रेस पार्टी के लिए सबसे बड़ी चिंता आरोपी अक्षय शिंदे की एनकाउंटर में मौत नहीं बल्कि महाराष्ट्र में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव हैं.
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बीजेपी को चुनावी फायदा मिलने का डर
साल 2012 में जब निर्भया कांड हुआ था तो लोग सड़कों पर उतर आए थे. तब देश में मनमोहन सिंह की सरकार थी. बच्चों से यौन शोषण के मामलों से सख्ती से निटने के लिए बेहद सख्त पोक्सो एक्ट बनाया गया, जिसमें दोषी के लिए उम्र कैद से लेकर फांसी तक का प्रावधान किया गया. कांग्रेस पार्टी अक्सर इस कानून को बनाने का श्रेय भी लेती है और लेना भी चाहिए. क्योंकि कानून कड़े होने से ही आरोपियों के हौसले पस्त होते हैं. अब कांग्रेस पार्टी को राज्य में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव सामने दिख रहा है. ऐसे में उन्हें पता है कि इस एनकाउंटर के बाद लोगों के मन में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के बीच सहानुभूमि बढ़ेगी. महाराष्ट्र के यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का मॉडल अगर फेमस हुआ तो सीधे तौर पर बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की पार्टी को फायदा मिलेगा.
महाराष्ट्र की राजनीति में पकी है खिचड़ी
महाराष्ट्र के ताजा राजनीतिक हालातों पर नजर डालें तो इस वक्त वहां खिचड़ी पकी हुई है. साल 2019 में वहां बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर चुनाव जड़ा था लेकिन सीएम पद को लेकर दोनों पार्टियों में तकरार हो गई. इसके बाद उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई. यह सरकार ज्यादा दिन नहीं टिक सकी. शिवसेना से एकनाथ शिंदे गुट अलग हो गया और उन्होंने जून 2022 में बीजेपी के समर्थन से नई सरकार का गठन किया. बाद में शरद पवार की एनसीपी में भी फूट पड़ गई. अजित पवार गुट भी एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हो गया. मौजूदा वक्त में एक तरफ कांग्रेस के साथ शिवसेना का उद्धव और एनसीपी का शरद पवार गुट है तो दूसरी तरफ बीजेपी के साथ शिवसेना का एकनाथ शिंदे और एनसीपी का अजित गुट है.
Tags: Indian National Congress, Maharashtra Police, Police encounterFIRST PUBLISHED : September 24, 2024, 08:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed