आखिर महायुति में शिंदे की शिवसेना को चाहिए क्या खुलकर सामने आई गई मांग जानिए

Maharashtra New: महाराष्ट्र में सीएम के नाम पर सस्पेंस जारी है. इस बीच शिवसेना नेता ने मांग की है कि शिंदे वाली शिवसेना को गृह विभाग मिलना ही चाहिए. इसके लिए दलील भी दी है.

आखिर महायुति में शिंदे की शिवसेना को चाहिए क्या खुलकर सामने आई गई मांग जानिए
छत्रपति संभाजीनगर: महाराष्ट्र में महायुति के बीच अब पावर को लेकर तकरार है. महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लकेर सस्पेंस बरकरार है. अब सवाल है कि आखिर महायुति में आखिर शिंदे की शिवसेना को चाहिए क्या? अब शिवसेना की खुलकर मांग सामने आ गई है. जी हां, शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने शनिवार को कहा कि पार्टी को महाराष्ट्र की नयी सरकार में गृह विभाग मिलना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को दरकिनार करने की कोशिश की जा रही है. शिवेसना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि शिंदे की सकारात्मक छवि और उनके द्वारा शुरू की गई योजनाओं पर गौर करने के बाद कहा जा सकता है कि उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर ढाई साल और मिले होते तो वह और ज्यादा योगदान देते. औरंगाबाद पश्चिम विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक ने कहा, ‘गृह विभाग पार्टी (शिवसेना) को मिलना चाहिए. यह विभाग (आमतौर पर) उपमुख्यमंत्री के पास होता है. अगर मुख्यमंत्री गृह विभाग को संभालते हैं तो यह सही नहीं है.’ निवर्तमान सरकार में गृह विभाग देवेंद्र फडणवीस के पास है. शिरसाट का बयान महायुति के सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बीच मतभेद को उजागर करता है. महायुति ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 में से 230 सीट जीतकर शानदार प्रदर्शन किया. विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 132, शिवसेना ने 57 और राकांपा ने 41 सीट जीती हैं. कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिंदे का कहना है कि वह अगले मुख्यमंत्री के नाम के लिए भाजपा नेतृत्व के फैसले का ‘पूरी तरह से समर्थन’ करेंगे और कोई रुकावट पैदा नहीं करेंगे. शिवसेना के सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने सरकार के गठन को लेकर किए गए विचार-विमर्श के दौरान गृह विभाग की मांग की. सूत्रों ने कहा कि भाजपा अपने संख्या बल के आधार पर मुख्यमंत्री पद मांग रही है और शिवसेना इससे खफा है. शिरसाट ने कहा, ‘शिंदे को महायुति सरकार का चेहरा बनाकर भाजपा को निश्चित रूप से फायदा हुआ. भाजपा या राकांपा, मराठा आरक्षण के आंदोलनकारियों को मनाने के प्रयास में शामिल नहीं थी. शिंदे ने ही इसका जिम्मा लिया. उन्होंने मराठा आरक्षण भी दिया, इसलिए उनके लिए समर्थन कई गुना बढ़ गया.’ उन्होंने कहा कि कल्याणकारी योजनाएं पहले भी थीं, लेकिन शिंदे ने उन्हें नया जीवन दिया. शिरसाट ने आरोप लगाया कि राकांपा प्रमुख अजित पवार ने महिलाओं के लिए शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ का विरोध किया था, लेकिन सरकार ने इस योजना को आगे बढ़ाया और इसका असर चुनाव में भी देखा. शिवसेना नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में शिंदे की ‘आम आदमी’ वाली छवि लोगों को काफी पसंद आई और उनके लिए ‘गद्दार’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किए जाने के बावजूद उन्होंने मजबूती के साथ खुद की पहचान स्थापित की. उन्होंने कहा, ‘इससे पूरे महायुति को फायदा हुआ। उन्होंने सबसे ज्यादा रैलियां कीं. इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि अगर उन्हें ढाई साल और मिलते तो वह राज्य के लिए और ज्यादा योगदान देते. Tags: Devendra Fadnavis, Eknath Shinde, Maharashtra NewsFIRST PUBLISHED : November 30, 2024, 12:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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