चाचा के खिलाफ लड़ना चुनौती लेकिन अजित पवार के भतीजे युगेंद्र क्‍या बोले

Maharashtra Chunav 2024: महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक बिसात बिछनी शुरू हो चुकी है. एनसीपी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने भतीजे अजित पवार के खिलाफ ऐसी चाल चली है कि बारामती फिर से फोकस में आ गया है.

चाचा के खिलाफ लड़ना चुनौती लेकिन अजित पवार के भतीजे युगेंद्र क्‍या बोले
मुंबई. महाराष्ट्र की बारामती विधानसभा सीट एक बार फिर से सुर्खियों में है. चाचा शरद पवार ने भतीजे अजित पवार के खिलाफ ऐसा राजनीतिक तीर छोड़ा है, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है. बारामती में चाचा-भतीजे के बीच सीधी चुनावी टक्‍कर है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के उम्मीदवार युगेंद्र पवार ने कहा कि चाचा अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ना उनके लिए एक चुनौती है, लेकिन वह चिंतित नहीं हैं क्योंकि लोगों की दुआएं और आशीर्वाद उनके साथ है. युगेंद्र ने कहा कि इस बार बारामती के लोगों ने ही उन्हें क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए चुना है. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए एनसीपी (एसपी) ने बारामती से युगेंद्र को मैदान में उतारा है. युगेंद्र अजित पवार के छोटे भाई श्रीनिवास के बेटे हैं. यह युगेंद्र का पहला चुनाव है. पुणे जिले के बारामती में दबदबा रखने वाले पवार परिवार के दो सदस्यों के बीच यह बीते छह महीने में दूसरा चुनावी मुकाबला है. मई में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने बारामती लोकसभा क्षेत्र से अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार के खिलाफ चुनाव लड़ा था. सुप्रिया ने अपनी भाभी को 1.58 लाख से अधिक मतों से करारी शिकस्त देते हुए बारामती सीट बरकरार रखी थी. बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना शरद पवार ने साल 1999 में की थी. जुलाई 2023 में उनके भतीजे अजित पवार के बगावत करने और एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद एनसीपी दो फाड़ हो गई थी. बड़े चालाक निकले शरद पवार, कांग्रेस नहीं उद्धव ठाकरे को दिया 41 सीटों का झटका, नाना पटोले पहले की समझ गए थे खेल! दादा शरद पवार का आशीर्वाद हमारे साथ- युगेंद्र युगेंद्र पवार ने कहा, ‘जब मेरे चाचा (अजित पवार) ने बारामती से चुनाव लड़ा था, तब पवार साहेब का आशीर्वाद उनके साथ था, लेकिन अब उनका आशीर्वाद मेरे साथ है. पवार साहेब के पास अधिक अनुभव है, जिससे मुझे प्रोत्साहन मिला है और मेरा हौसला बढ़ा है.’ उन्होंने कहा कि बारामती निर्वाचन क्षेत्र में वह भी मेहनत कर रहे हैं और अपने लिए एक मजबूत जनाधार कायम किया है. युगेंद्र ने कहा, ‘मेरे माता-पिता सामाजिक कार्य में सक्रिय हैं, मैं शैक्षणिक संस्थानों और कुश्ती संघ से जुड़ा हूं. मेरी फैक्टरी यहां है और मैं जैविक खेती कर रहा हूं.’ उन्होंने आगे कहा कि (शरद) पवार साहेब की सद्भावना का 99 फीसदी योगदान है, जबकि मेरा प्रयास केवल एक प्रतिशत है. ‘उम्‍मीद की किरण’ लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी बुआ सुप्रिया सुले के लिए प्रचार करने वाले युगेंद्र ने स्वीकार किया कि संसदीय चुनाव के दौरान सुप्रिया को बारामती विधानसभा क्षेत्र से जो बढ़त मिली वह उनके लिए उम्मीद की किरण है. बारामती विधानसभा क्षेत्र में सुप्रिया को 1,43,941 वोट, जबकि सुनेत्रा पवार को 96,560 मत मिले थे. यह पूछे जाने पर कि क्या बारामती के लोगों के लिए इस बार किसी एक को चुनना आसान नहीं होगा, क्योंकि पवार परिवार से अजित पवार बारामती से पारंपरिक रूप से विधानसभा चुनाव लड़ते आए हैं, जबकि सुप्रिया सुले ने लोकसभा चुनाव लड़ा था. इस सवाल पर युगेंद्र ने कहा कि जब उन दोनों ने शरद पवार के साथ काम किया था, तब ही उनकी जीत की राह तैयार हुई थी. उन्होंने भरोसा जताया कि बदले राजनीतिक हालात के साथ ये चीजें भी बदल गई हैं. बारामती के लोग पवार साहेब की विचारधारा के साथ जाएंगे. Tags: Ajit Pawar, Maharashtra election 2024, Maharashtra Elections, Mumbai NewsFIRST PUBLISHED : October 26, 2024, 23:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed