26 साल की शालिनी (बदला हुआ नाम) को एक अंजान नंबर से वॉट्सऐप पर एक कॉल आता है. वह थोड़ा सोचती है, लेकिन कॉल उठा लेती है. दूसरी तरफ से मौजूद एक शख्स खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताता है और उससे कुछ पूछताछ करने लगता है.
पुलिस का नाम सुनते ही फॉर्मा कंपनी में काम करने वाली शालिनी घबरा जाती है. वह शख्स उससे कहता है कि वह कारोबारी नरेश गोयल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल है. इतना सुनते ही शालिनी के हाथ-पांव फूल जाते हैं. वह तमाम आरोपों को सिरे खारिज करती है. वह कहती है कि पुलिस को कोई गलतफहमी हुई है और उसका नरेश गोयल नाम के किसी व्यक्ति से कोई लेना-देना नहीं है.
शालिनी बिल्कुल घबराई हुई थी, लेकिन उसे जरा भी अंदाजा नहीं था कि वह किस दलदल में फंसने जा रही है. दूसरी तरफ मौजूद ‘पुलिस अधिकारी’ फिर उससे अपनी साबित करने के लिए वीडियो कॉल रिसीव करने को कहता है. पहले ही घबराई शालिनी मान जाती है. फिर उसे बॉडी वेरिफिकेशन के नाम पर डरा धमकाकर उसके सारे कपड़े उतरवा लेता है और वीडियो भी रिकॉर्ड कर लेता है.
दरअसल ये वीडियो कॉल करने वाला कोई पुलिस अधिकारी नहीं, बल्कि ठग थे और शालिनी डिजिटल अरेस्ट का शिकार बन चुकी थी. ठगों ने फिर वीडियो कॉल पर पूछताछ के लिए एक होटल का कमरा बुक करने के लिए भी मजबूर किया और ‘बैंक अकाउंट वेरिफिकेशन’ के नाम पर उससे 1.7 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़िता मुंबई के बोरिवली ईस्ट की रहने वाली है. उसने 28 नवंबर को दहिसर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया और फिर अंधेरी पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया. घटना अंधेरी पुलिस के अधिकार क्षेत्र में हुई थी. इस घटना के संबंध में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
Tags: Cyber Fraud, Mumbai NewsFIRST PUBLISHED : December 1, 2024, 16:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed