जल जीवन मिशन के लिए मिसाल बना महाराष्ट्र का यह गांव हर घर तक ऐसे पहुंचा साफ पानी जानें रोचक कहानी

Maharashtra Pimpalghar-Ranjnoli village access to 55 litres of water every day- महाराष्ट्र के ठाने जिले स्थित एक गांव पिंपलघर-रंजनोली ने जल जीवन मिशन में देश के सामने मिसाल कायम किया है. इस गांव में हर घर तक नल से साफ पानी पहुंचता है और हर परिवार इसके लिए समय पर बिल चुकाता है. कुछ समय पहले तक पानी के लिए यहां की कहानी अलग थी लेकिन अब हर व्यक्ति को रोजाना 57 लीटर पानी दिया जाता है.

जल जीवन मिशन के लिए मिसाल बना महाराष्ट्र का यह गांव हर घर तक ऐसे पहुंचा साफ पानी जानें रोचक कहानी
नई दिल्ली. देश में हर घर तक नल से साफ पानी पहुंचाने की महत्वाकांक्षी योजना है जल जीवन मिशन. केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक देश में जल जीवन मिशन के तहत अब तक राष्ट्रीय स्तर पर 52 प्रतिशत घरों तक नल का साफ पानी पहुंचा है लेकिन महाराष्ट्र के थाने जिले का पिंपलघर-रंजनोली गांव अपने सभी नागरिकों तक नल का जल पहुंचा कर पूरे देश के सामने मिसाल कायम किया है. हर घर तक पानी पहुंचाने की यह कहानी बेहद दिलचस्प है. दरअसल, यह गांव मुंबई-नासिक राजमार्ग पर ठाणे जिले की भिवंडी तहसील के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित है. गांव का नाम पिंपलघर-रंजनोली है.  इंंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक पिंपलघर-रंजनोली ने जल जीवन मिशन के तहत उपलब्ध धन का बेहतरीन इस्तेमाल करते हुए गांव के सभी 842 परिवारों को नल के पानी का कनेक्शन सुनिश्चित करवाया है. हर व्यक्ति को रोजाना 57 लीटर पानी दूसरे शब्दों में कहें, तो गांव के 842 परिवारों में कुल 5,644 लोग रहते हैं और सभी के हिस्से में रोजाना 55 लीटर पानी उपलब्ध है. जल जीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर 2024 तक आदिवासी क्षेत्रों सहित देश के हर ग्रामीण परिवार को दीर्घकालिक आधार पर पर्याप्त मात्रा में और निर्धारित गुणवत्ता में पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसी के तहत पिंपलघर-रंजनोली ने अपने सभी नागरिकों को नल का शुद्ध जल उपलब्ध कराया है. महिलाओं के लिए सबसे जरूरी दरअसल, यह गांव औद्योगिक क्षेत्र में स्थित है. गांव में देश के हर क्षेत्र के मजदूर तबके के लोग रहते हैं. आस पास ज्यादा फैक्टरियां लगने के कारण गांव में मजदूरों की आबादी बढ़ती चली गई जिसके बाद पानी की जबर्दस्त किल्लत होने लगी. लोगों को पानी का इंतजाम करने में बहुत समय लग जाता था. गांव की पूर्व सरपंच सुलोचना कहती हैं, यह बहुत जरूरी था. महिलाओं को इससे सबसे ज्यादा फायदा पहुंचा है क्योंकि उन्हें पानी के लिए बहुत समय लगाना पड़ता था. लेकिन अब यह पुरानी बात हो चुकी है. कोरोना महामारी के समय गांव ने जल जीवन मिशन के तहत 7 से 8 लाख रुपये के फंड का इस्तेमाल पाइपलाइन लगाने में किया. वास्तव में गांव की खेत से होकर पाइपलाइन गुजरती थी. इस पाइपलाइन में पानी ठाणे के बांध से मुंबई जाता था. इसी पाइपलाइन से अब गांव में पानी आने लगा है. महाराष्ट्र में 71 प्रतिशत घरों तक नल का जल गांव वालों ने पानी की बर्बादी रोकने और इसके प्रति खास अनुशासन का ख्याल रखा है. प्रत्येक परिवार पानी के लिए सौ रुपये का बिल चुकाता है. पानी की ज्यादा बर्बादी न हो, इसके लिए पानी की सप्लाई 7 बजे से लेकर 11 बजे तक ही होती है. पिंपलघर-रंजनोली के ग्रामीण विकास अधिकारी जीएल चौधरी ने बताया कि बीएमसी को हर साल इस गांव से 25 से 27 हजार रुपये मिलता है. गांव के लोग समय पर पूरा बिल चुकाते हैं. आंकड़ों के मुताबिक जल जीवन मिशन के तहत महाराष्ट्र में 71 प्रतिशत घरों तक नल का जल पहुंचता है. इस मामले में महाराष्ट्र नौंवे स्थान पर है. नल से जल पहुंचाने में गोवा पहले स्थान पर है. इसके बाद तेलंगाना, हरियाणा, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, पंजाब, बिहार, हिमाचल प्रदेश और मणिपुर का स्थान आता है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: MaharashtraFIRST PUBLISHED : August 08, 2022, 07:27 IST