कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि न्यायपालिका को राजनीतिक रूप से निष्पक्ष, ईमानदार और पवित्र होना चाहिए. बनर्जी ने यहां नेशनल ज्यूडिशियल एकेडमी के क्षेत्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “पश्चिम बंगाल में 88 फास्ट-ट्रैक अदालतें हैं जिनमें 55 सिर्फ महिलाओं के लिए हैं. राज्य में 99 मानवाधिकार अदालतें हैं. मेरी एकमात्र अपील है कि देश की न्यायपालिका को पूरी तरह निष्पक्ष, पवित्र और ईमानदार होना चाहिए. गोपनीयता बरकरार रहनी चाहिए.”
सम्मेलन में भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम भी मौजूद थे. कानून की डिग्री रखने वाली मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भी कानूनी बिरादरी की सदस्य हैं और न्याय तंत्र उनके लिए एक पवित्र मंदिर, चर्च, मस्जिद या गुरुद्वारे की तरह है. उन्होंने कहा, “मैं खुद को कानूनी बिरादरी का हिस्सा मानती हूं. मैं अब भी बार एसोसिएशन की सदस्य हूं. मैंने खुद कुछ मामलों की अदालत में पैरवी भी की है.”
सीएम बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार हमेशा न्यायिक तंत्र के साथ है और कहा कि न्यायपालिका की पहली जिम्मेदारी आम लोगों की रक्षा करनी है. उन्होंने कहा, “यदि न्यायपालिका आम लोगों की रक्षा नहीं करेगी तो कौन उनकी रक्षा करेगा? आम लोगों को भरोसा है कि सिर्फ न्यायपालिका ही उनकी समस्याओं से उन्हें निजात दिला सकती है. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ निस्संदेह देश की न्यायपालिका में सुधार में मददगार रहे हैं. अपने स्तर पर राज्य सरकार ने तंत्र में सुधार के लिए लगभग एक हजार करोड़ रुपये खर्च किये हैं.”
Tags: DY Chandrachud, Mamata banerjee, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : June 29, 2024, 18:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed