14 साल पहले दिखाया था पत्रा चॉल में आशियाने का सपना तब से काट रहे हैं वनवास
14 साल पहले दिखाया था पत्रा चॉल में आशियाने का सपना तब से काट रहे हैं वनवास
Where is people of Patra chawl: आज मुंबई में पत्रा चॉल का मामला काफी चर्चित है. इसी मामले में शिवसेना नेता संजय राउत की गिरफ्तारी हुई है. लेकिन क्या आपको पता है कि पत्रा चॉल के लोग आज कहां हैं जिन्हें 14 साल पहले घर का सपना दिखाया गया था. दरअसल, आज ये कहीं नहीं है और आशियाने की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं.
मुंबई. 14 साल पहले मुंबई के म्हाडा का यह सबसे बड़ा प्रोजेक्ट बनने वाला था. यहां पत्रा चॉल में रहने वाले लोगों और कुछ अन्य मुंबईकरों ने भी अपने सपने का आशियाना खरीदने का सपना देखा था. इसी चॉल के करीब मिडोस नामक इमारत बननी थी. सैकड़ों लोगों ने यहां फ्लैट बुक भी करवाए थे. इस इमारत को 2015 तक बनकर तैयार हो जाना था, लेकिन डेडलाइन खत्म होने के बाद भी फ्लैटबायर्स के सपने पूरे होते नहीं दिख रहे हैं. गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (GACPL) ने न तो यहां 672 लोगों के लिए फ्लैट बनाए न ही मिडोज प्रोजेक्ट को शुरू किया.
बिल्डर ने मिडोज प्रोजेक्ट के ए, बी और सी विंग का काम केवल दो मंजिल तक ही किया है. डी विंग का काम केवल प्लिंथ लेवल तक हुआ. ई, एफ और जी विंग में तीसरे माले तक निर्माण हुआ. ये सभी इमारतें 27 से 33 फ्लोर की बननी थी. मिडोज फ्लैटबायर्स ने बताया कि 2010-12 तक तो यहां कोई काम ही नहीं हुआ. 2012 में निर्माण कार्य फिर शुरू हुआ लेकिन उसे फिर रोक दिया गया.
आज भी फ्लैट मिलने का इंतजार कर रहे हैं
गोरेगाव वेस्ट के पत्रा चॉल के उन लोगों को आज तक अपने फ्लैट मिलने का इंतजार है जिनका कभी वहां फलता-फूलता आशियाना था. उन्हें बड़े-बड़े सपने दिखाए गए. इतना भरोसा दिया गया कि वो अपना आशियान खाली करने पर राजी हो गए. 47 एकड़ में बसे इस इलाके में कुल 672 घर थे. उत्तरी मुंबई का यह उपनगरीय इलाका खुशहाल था. टिन के चदरे वाली चॉल में रहने वाले लोगों को ऐसे सतरंगी सपने दिखाए गए कि वो कुछ समय के लिए अपनी छत को भूल बेबस जिंदगी जीने को तैयार हो गए. लेकिन हाय रे किस्मत! लाखों सपने संजोने वाले लोगों को अभी तक इस जमीन पर अपना आशियाना नहीं मिला है.
कब वनवास खत्म होगा पता नहीं
24 साल की सुरंगी शिरोडकर फाइन आर्ट्स की स्टूडेंट्स है. पिता रिटायर हो गए है. पतरा चॉल में घर का पजेशन अभी मिला नही. इसलिए गणेश जी से प्रार्थना करने आई है कि हे गणपति बप्पा हमारा फ्लैट हमे दिलवा दो ताकि हमें हर महीने का 18 हजार किराया न भरना पड़े. इसी तरह नीलेश सोनावने कहते हैं, हम लोग पिछले 14 सालो से भाड़े के घर में रह रहे हैं. मेरा 8 लोगों का परिवार है जो इस छोटे ऐ घर में रहता है. पूरे परिवार में मैं ही कमाने वाला हूं. हम लोग घर कैसे चला रहे है वह हमें ही पता है. इस घर का 20 से 25 हजार भाड़ा है. हम लोग 14 सालो से काफ़ी तकलीफ़ में हैं.
वही नरेश की मां का कहना है की हम 14 साल से वनवास काट रहे हैं. यह वनवास कब खत्म होगा पता नहीं. बेघर हो गए हैं हम लोग. हमें सब से बड़ी दिक्कत यह है की हमें पिछले 7 से 8 सालो से भाड़ा भी नहीं मिल रहा है. कई लोगों ने खुद की जान भी ले ली है. अब हमें कोई उम्मीद नहीं है कि हमें घर मिलेगा या नहीं.
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Tags: MumbaiFIRST PUBLISHED : August 02, 2022, 21:01 IST