यूं ही मोदी के हनुमान नहीं चिराग! बिहार में कैसे बनकर उभरे NDA के असल सेवियर
यूं ही मोदी के हनुमान नहीं चिराग! बिहार में कैसे बनकर उभरे NDA के असल सेवियर
Chirag Paswan News: लोकसभा चुनाव 2024 में चिराग पासवान एनडीए के लिए सेवियर साबित हुए हैं. इतना ही नहीं, वह एनडीए के फ्रंट फेस बनकर भी उभरे हैं. चिराग पासवान ने बिहार की 5 में से पांचों लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की है. बिहार में जिस तरह से एनडीए का प्रदर्शन रहा है, उससे भी यह साबित हो रहा कि सच में चिराग पासवान मोदी के हनुमान हैं.
नई दिल्ली: सियासत में कब-किसका सितारा बुलंद हो जाए, कोई नहीं जानता. लोकसभा चुनाव से पहले तक चिराग पासवान सियासी फ्रेम से गायब थे. चाचा संग तकरार के बाद चिराग पासवान नेपथ्य में चले गए थे. पहले पिता का हाथ सिर से उठा, फिर चाचा के दांव से परिवार में ही पंगा हो गया. चाचा पशुपति पारस ने लोजपा को तोड़ दिया. उन्हें एनडीए से केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिली. मगर इन सबमें चिराग पासवान अकेले हो गए. सियासी तौर पर उनके खाली हाथ रह गए. नौबत तो यह आ गई कि चिराग पासवान के पास पिता रामविलास पासवान वाला बंगला भी नहीं रहा. उन्हें वह बंगला खाली करना पड़ा, जिससे उनकी यादें जुड़ी थीं. मगर चिराग पासवान ने इस आपदा को अवसर बनाया. उन्होंने संघर्ष का रास्ता चुना और बिहार में एनडीए की जीत की पटकथा लिख दी.
चिराग पासवान के उसी संघर्ष का नतीजा रहा कि आज उनके पास पांच सांसद हैं. लोकसभा चुनाव में एनडीए में उन्हें पांच सीटें मिली थीं. मगर उनके चाचा को एक भी सीट नहीं मिली. चिराग पासवान ने इस अवसर का फायदा उठाया. वह जमीन पर उतरे, मोर्चा संभाला और राहुल गांधी के वार पर पलटवार किया. जिस संविधान की दुहाई देकर राहुल-तेजस्वी बिहार में चुनावी अभियान के दौरान फ्रंट फुट से खेल रहे थे. चिराग पासवान ने उस दांव को बिहार में चलने नहीं दिया. नतीजा यह हुआ कि उनकी पार्टी पाचों सीट पर जीत गई. चिराग ने अपने दांव से अन्य सीटों पर भी एनडीए की जीत में अप्रत्यक्ष रूप से मदद की. लोकसभा चुनाव में वह बिहार में एनडीए का फ्रंट फेस बनकर उभर गए. बिहार में अगर इंडिया गठबंधन का कमाल यूपी की तरह नहीं दिख पाया, तो उसकी कई वजहों में एक वजह खुद चिराग पासवान भी हैं. चिराग पासवान ने ही राहुल गांधी के संविधान वाले दांव को बिहार में चलने नहीं दिया. नतीजा यह हुआ कि बिहार में एनडीए का प्रदर्शन ठीक रहा. ठीक इसके उलट यूपी में राहुल गांधी का दांव चल गया.
सच में मोदी के हनुमान हैं चिराग
लोकसभा चुनाव 2024 में चिराग पासवान की जीत का स्ट्राइक रेट 100 फीसदी रहा. चिराग पासवान ने बिहार की 5 में से पांचों लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की. चाचा संग तकरार में चिराग पासवान ने दिखा दिया कि एलजेपी की असली विरासत के हकदार वही हैं. साथ ही बिहार में जिस तरह से एनडीए का प्रदर्शन रहा है, उससे भी यह साबित हो गया कि सच में चिराग पासवान मोदी के हनुमान हैं. लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी लगातार संविधान बचाने की बात करते रहे. राहुल गांधी के संविधान बचाने वाले नारों की वजह से यूपी में इंडिया गठबंधन का खेल अच्छा रहा. संविधान को लेकर राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन ने फ्रंट फुट से खेला, इसका असर हुआ कि यूपी में भाजपा परसेप्शन की लड़ाई में हार गई और इसका असर सीटों पर भी पड़ा.
संविधान पर काफी वोकल रहे चिराग
मगर मोदी के हनुमान बिहार में डटे रहे. चिराग पासवान ने राहुल गांधी के संविधान का जवाब संविधान से ही दिया. चिराग पासवान शुरू से ही कहते रहे हैं कि वह संविधान को कुछ नहीं होने देंगे. पूर्णिया में रविवार को भी उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जब तक वह जिंदा हैं, वह संविधान को कुछ होने नहीं देंगे. उन्होंने कहा, ‘जब तक चिराग पासवान जिंदा हैं, तब तक संविधान पर कोई खतरा नहीं है. जीते जी मैं संविधान और आरक्षण पर आंच नहीं आने दूंगा.’ एनडीए का पक्ष रखते हुए चिराग पासवान ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री संविधान के आगे शीश नवाते हैं. चिराग पासवान लोकसभा चुनाव के दौरान भी संविधान पर बेबाकी से अपनी राय रख चुके हैं.
चिराग ने फेल किया राहुल-तेजस्वी का दांव
जब लोकसभा चुनाव में प्रचार-प्रसार के दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव संविधान के सहारे इंडिया गठबंधन की जीत की पटकथा लिखने की कोशिश कर रहे थे, तब भी चिराग पासवान ही थे, जो मजबूती से उनके संविधान वाले दांव का जवाब दे रहे थे. बिहार में जगह-जगह जाकर रैलियों में चिराग पासवान स्पष्ट करते थे कि आरक्षण और संविधान को कोई खतरा नहीं है. राहुल और तेजस्वी के संविधान बचाने की बात का चिराग जवाब देते थे. वह चिराग पासवान ही थे, जो बिहार में एनडीए की तरफ से बैटिंग करते हुए संविधान वाले विपक्ष के परसेप्शन को तोड़ रहे थे. वह लोगों को बार-बार समझा रहे थे कि संविधान को कोई खतरा नहीं है. वह इसे विपक्ष की चाल बताते थे.
कैसे चिराग बने एनडीए के सेवियर?
नतीजा यह हुआ कि चिराग पासवान के संविधान वाले बयान ने बिहार में विपक्ष का खेला नहीं होने दिया. चिराग पासवान की भले ही अपनी पांच सीटें थीं, मगर एनडीए के लिए वह सेवियर साबित हुए. बिहार में जदयू, भाजपा की सीटों में चिराग पासवान का भी परोक्ष तौर पर योगदान है. उन्होंने ही संविधान की पिच पर विपक्ष को बोल्ड किया. उन्होंने संविधान को लेकर इंडिया गठबंधन के पक्ष में परसेप्शन नहीं बनने दिया. यही वजह है कि बिहार में एनडीए का प्रदर्शन संतोषजनक रहा. इसके उलट यूपी में राहुल गांधी का संविधान वाला दांव चल गया. वहां चिराग की तरह विपक्ष के संविधान की पिच पर जाकर एनडीए का कोई नेता खेल नहीं पाया. यही वजह है कि इस लोकसभा चुनाव में सभी चिराग पासवान को एनडीए का सेवियर मान रहे हैं. बिहार एनडीए के लिए चिराग पासवान फ्रंट फेस बनकर उभरे हैं.
Tags: Bihar News, Chirag Paswan, PATNA NEWS, PM ModiFIRST PUBLISHED : July 8, 2024, 10:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed