सरोगेट मां के लिए महिला का स्वास्थ्य बीमा करवाना होगा जरूरी केंद्र ने जारी की नियमों की अधिसूचना

Health insurance surrogate mothers: सरकार ने अधिसूचना में ये भी साफ कर दिया है कि कोई भी महिला तीन बार से ज्यादा सरोगेसी प्रक्रिया से नहीं गुजर सकेगी. स्वास्थ्य से जुड़े विशेषज्ञों का ये मानना था कि नियमों के ना होने के कारण चोरी छिपे गरीब महिलाओं का शोषण भी होता था.

सरोगेट मां के लिए महिला का स्वास्थ्य बीमा करवाना होगा जरूरी केंद्र ने जारी की नियमों की अधिसूचना
नई दिल्ली:  सरोगेसी के जरिए बच्चा पाने के इच्छुक दंपत्तियों को सरोगेट मां के लिए स्वास्थ्य बीमा करवाना जरूरी होगा. केंद्र सरकार ने सरोगेसी के मामलों के लिए नए नियमों को अधिसूचित किया है, जिसके मुताबिक अगर कोई दंपति सरोगेसी के जरिए बच्चा पाने के इच्छुक है, तो उन्हें सरोगेसी के लिए तैयार महिला का तीन साल का स्वास्थ्य बीमा करवाना होगा. ताकि इस बीमा राशि का उपयोग उनके प्रसव पूर्व और प्रसव के बाद में होने वाली स्वास्थ्य जरूरूतों को पूरा करने के लिए किया जा सके. केंद्र सरकार की अधिसूचना के मुताबिक ये बीमा भारत में बीमा कंपनियों के नियामक से अधिकृत कंपनी या एजेंट के जरिए ही हो सकेगा. सरोगेसी के लिए तैयार महिलाओं की स्वास्थ्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अधिसूचना में इसका ध्यान रखा गया है. महिला के परिवार को मिलेगी बीमा राशि आमतौर पर इस तरह की शिकायते आती थी कि सरोगेसी के लिए तैयार महिलाओं को प्रसव पूर्व या बाद में अधर में छोड़ दिया जाता है, जिस कारण उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस बीमा में सरोगेसी के लिए तैयार महिला के मां बनने की प्रक्रिया के दौरान मृत्यु होने पर उनके परिवार को बीमा राशि मिलने का भी प्रावधान होगा. महिलाओं के लिए सरकार ने जोड़ा ये नियम सरकार ने अधिसूचना में ये भी साफ कर दिया है कि कोई भी महिला तीन बार से ज्यादा सरोगेसी प्रक्रिया से नहीं गुजर सकेगी. स्वास्थ्य से जुड़े विशेषज्ञों का ये मानना था कि नियमों के ना होने के कारण चोरी छिपे गरीब महिलाओं का शोषण भी होता था, जिसका उनकी शारीरिक स्थिति पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता था, लेकिन अब तीन बार से ज्यादा कोई भी महिला सरोगेसी प्रक्रिया से नहीं गुजर सकेगी. अबार्सन का होगा महिला के पास विकल्प सरोगेट मां को प्रेगनेंसी के दौरान अगर डाक्टर अबार्सन की सलाह देते हैं तो महिला के पास तय कानून के मुताबिक ऐसा करवाने का अधिकार होगा. केंद्र सरकार ने सरोगेसी करने वाले निजी अस्पतालों और क्लिनिकों के लिए भी नियम तय कर दिए हैं. ऐसे सभी संस्थानों को अपना रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होगा और इसके लिए दो लाख रुपए की फीस अदा करने होगी, जो वापस नहीं होगी. हालांकि सरकारी संस्थानों को ये फीस देने की जरूरत नहीं होगी. संस्थानों को करनी होगी स्टाफ की नियुक्ति निजी संस्थानों को अपने यहां सरोगेसी प्रक्रिया करने की अनुमति लेने से पहले पर्याप्त स्टाफ की नियुक्ति भी करनी होगी. ऐसे निजी संस्थानों में कम से कम एक Gynaecologist, एक Anesthetist, एक Embryologist और एक Counsellor जरूर नियुक्त करना होगा. इनके अतिरिक्त अन्य स्टाफ होना भी जरूरी होगा. सरकार ने अपने नियमों में इन डाक्टरों के लिए अनुभव की सीमा भी तय की है. केंद्र सरकार ने पिछले साल सरोगेसी मामलों से संबंधित कानून बनाया था, जिसके लिए अब नियमों को जारी कर दिया है. केंद्र सरकार का मानना है कि इस कानून में सरोगेसी के जरिए मां बनने वाली महिलाओं के अधिकारों और उनके स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखने की कोशिश की गई है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Health InsuranceFIRST PUBLISHED : June 23, 2022, 17:26 IST