हाथरस हादसे वाले बाबा के दीवाने थे भक्त छूने को रहते थे बेताव वीडियो वायरल
Hathras News: हाथरस भगदड़ के बाद एटा के पोस्टमार्टम हाउस के बाहर का ये मंजर दिल दहला देने वाला है. इतने सारे दरोगा बैठ कर लगातार लोगों का पंचायतनामा कर रहे हैं. पुलिस की कार्रवाई है. ऐसा शायद ही कभी देखा गया हो. दरअसल, शवों का पोस्टमार्टम कराने से पहले उनका पंचनामा करना होता है. ये दिगर बात है कि बाबाओं के प्रवचन में जुटने वाली भीड़ पर प्रशासन अगर कड़ी नजर रखता तो ये मंजर न देखना पड़ता.
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हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान से आई इतनी बड़ी भीड़ को इधर उधर निकलने से रोकने की पर्याप्त इंतजाम नहीं थे. उधर बाबा का अमला भी कार्यक्रम स्थल से रवाना हो रहा था. बहुत से उत्साही श्रद्धालु अपने बाबा का जो भी मिल रहा था उसे छूने की कोशिश में लगे थे. लोग बाबा का आशिर्वाद पाना चाहते थे. भीड़ धक्के से ही इधर उधर जा रही थी. इसी में भगदड़ मच गई.
समझ पाते इससे पहले दम तोड़ दिया
भगदड़ की स्थिति में लोग अपने स्वभाव के मुताबिक देखने और समझने की कोशिश करने लगे कि आखिर हुआ क्या. ये समझ में तो नहीं आया लेकिन बहुत सारे बूढे, बच्चे औरतें और मर्द एक दूसरे पर गिर पड़े. भीड़ में दब कर बहुत सारे लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. छोटा हाथी कहा जाने वाले टैंपों के डाले में लाशों के साथ ही बेहोश और घायल लोगों को लेकर कुछ लोग अस्पताल के लिए निकले. सोशल पर आ रही वीडियों से पता चलता है कि अस्पतालों में न तो सुविधिएं थी और न ही डॉक्टर.
इलाज में शुरु करने में भी वक्त गंवाया?
लोगों का ये भी आरोप है कि घायलों को इलाज मिलने में काफी वक्त लगा. समय रहते अगर इलाज हो पाता तो कुछ और लोगों को बचाया जा सकता था. इतना बड़ा हादसा होने के बाद अब अलग अलग अमले भेजे जा रहा है. पीएसी से लेकर एनडीआरएफ तक भेजी जा रही है. लेकिन अगर भीड़ का अंदाजा लगा कर उसके मुताबिक इंतजाम किया गया होता तो हादसा टाला जा सकता था.
हाथरस में भोले बाबा कहे जाने वाले के प्रवचन में शामिल होने गए श्रद्धालुओं की भगदड़ में मौत से किसी भी मन दुखी हो जा रहा है. इस बदइंतजामी के बीच लोग ठीक से याद तक नहीं कर पा रहे हैं कि हुआ क्या था और कैसे था. कुछ लोगों के मुताबिक बाबा का आशिर्वाद लेने की होड़ से भगदड़ की शुरुआत हुई.
हाथरस भगदड़ के बाद एटा के पोस्टमार्टम हाउस के बाहर का ये मंजर दिल दहला देने वाला है. इतने सारे दरोगा बैठ कर लगातार लोगों का पंचायतनामा कर रहे हैं. पुलिस की कार्रवाई है. ऐसा शायद ही कभी देखा गया हो. दरअसल शवों का पोस्टमार्टम कराने से पहले उनका पंचनामा करना होता है. ये दिगर बात है कि बाबाओं के प्रवचन में जुटने वाली भीड़ पर प्रशासन अगर कड़ी नजर रखता तो ये मंजर न देखना पड़ता. भोले बाबा के नाम से मशहूर इस प्रवचन करने वाले बाबा के सतसंग में भारी भीड़ आती है.
बाबा का आशिर्वाद पाने के चक्कर में भगदड़ हुई
सतसंग की जगह अब मरघट में तब्दील हो चुकी है. मौत के मुंह से लौटने वाले अवाक हैं. कुछ याद करने की कोशिश कर रहे हैं और बहुत कुछ याद नहींआ रहा है. श्रद्धा खींच कर सतसंग पंडाल तक ले गई थी. जुलाई के इस महीने के मुताबिक वहां भी उमस भरा माहौल तमाम श्रद्धा के बाद भी लोगों को परेशान कर रहा था. गाड़ियों की तीन चार किलोमीटर लंबी लाइने लगी थी. कार्यक्रम खत्म होते ही लोग वापस अपनी गाड़ियों तक पहुंचने को बेताब थे.
हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान से आई इतनी बड़ी भीड़ को इधर उधर निकलने से रोकने की पर्याप्त इंतजाम नहीं थे. उधर बाबा का अमला भी कार्यक्रम स्थल से रवाना हो रहा था. बहुत से उत्साही श्रद्धालु अपने बाबा का जो भी मिल रहा था उसे छूने की कोशिश में लगे थे. लोग बाबा का आशिर्वाद पाना चाहते थे. भीड़ धक्के से ही इधर उधर जा रही थी. इसी में भगदड़ मच गई.
समझ पाते इससे पहले दम तोड़ दिया
भगदड़ की स्थिति में लोग अपने स्वभाव के मुताबिक देखने और समझने की कोशिश करने लगे कि आखिर हुआ क्या. ये समझ में तो नहीं आया लेकिन बहुत सारे बूढे, बच्चे औरतें और मर्द एक दूसरे पर गिर पड़े. भीड़ में दब कर बहुत सारे लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. छोटा हाथी कहा जाने वाले टैंपों के डाले में लाशों के साथ ही बेहोश और घायल लोगों को लेकर कुछ लोग अस्पताल के लिए निकले. सोशल पर आ रही वीडियों से पता चलता है कि अस्पतालों में न तो सुविधिएं थी और न ही डॉक्टर.
इलाज में शुरू करने में भी वक्त गंवाया?
लोगों का ये भी आरोप है कि घायलों को इलाज मिलने में काफी वक्त लगा. समय रहते अगर इलाज हो पाता तो कुछ और लोगों को बचाया जा सकता था. इतना बड़ा हादसा होने के बाद अब अलग अलग अमले भेजे जा रहा है. पीएसी से लेकर एनडीआरएफ तक भेजी जा रही है. लेकिन अगर भीड़ का अंदाजा लगा कर उसके मुताबिक इंतजाम किया गया होता तो हादसा टाला जा सकता था.
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