खट्टर ने खटखटाया सैलजा का दरवाजा पाला बदलने पर BJP को कितना फायदा

Haryana Chunav: हरियाणा कांग्रेस में खेमाबंदी चरम पर है. सांसद और वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा नाराज बताई जा रही है. इस बीच भाजपा ने उनको ऑफर देकर राजनीति गरमा दी है.

खट्टर ने खटखटाया सैलजा का दरवाजा पाला बदलने पर BJP को कितना फायदा
हरियाणा विधानसभा के लिए चुनाव प्रचार जोरों पर है. चुनाव में मुख्य मुकाबला सत्ताधारी भाजपा और कांग्रेस के बीच है. बीते लोकसभा चुनाव में मिली शानदार सफलता के बाद कांग्रेस पार्टी कुछ ज्यादा ही उत्साहित दिख रही है. कांग्रेस ने राज्य की नौ सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे पांच पर जीत मिली थी. वोट प्रतिशत के मामले में दोनों दलों के बीच कांटे की टक्कर थी. लेकिन, बीच चुनाव कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है. राज्य की बड़ी नेता और सांसद कुमारी सैलजा प्रदेश नेतृत्व से नाराज बताई जा रही हैं. वह बीते एक सप्ताह से चुनाव प्रचार से दूर हैं. ऐसी रिपोर्ट हैं कि सीएम की रेस से बाहर किए जाने और समर्थक उम्मीदवारों के खिलाफ पार्टी के भीतर ही खेमाबंदी किए जाने से वह बेहद नाराज हैं. सैलजा की नाराजगी की एक और वजह उनके करीबी अजय चौधरी को नारनौंद सीट से टिकट न मिलना है. इस सीट कांग्रेस पार्टी ने जस्सी पेटवाड़ को टिकट दिया है. यह वही जस्सी हैं जिन्होंने कुमारी सैलजा पर जातिगत टिप्पणी की थी. सैलजा का मानना है कि जस्सी की टिप्पणी का राज्य के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा ने उचित विरोध नहीं किया. ऐसी भी रिपोर्ट हैं कि कांग्रेस आलाकमान के पसंद के करीब छह उम्मीदवारों का हुड्डा कैंप सहयोग नहीं कर रहा है. बल्कि उल्टे वे इन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बना रहे हैं. खट्टर का ऑफर इस बीच कांग्रेस की दलित चेहरा कुमारी सैलजा की नाराजगी के बीच भाजपा ने बड़ी चाल चल दी है. पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कुमारी सैलजा को बीजेपी में आने का ऑफर दे दिया है. दरअसर, हरियाणा कांग्रेस में खेमाबाजी कोई नई चीज नहीं है. पिछले चुनाव के वक्त भी राज्य कांग्रेस स्पष्ट तौर पर दो खेमों में बंटी थी. राज्य में कभी राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले अशोक तंवर प्रदेशाध्यक्ष हुआ करते हैं. वह भी दलित समुदाय से आते थे. उनका भी हुड्डा खेमे से कुछ खास नहीं बन पाया. हुड्डा के दबाव में 2019 के विधानसभा से कुछ माह पहले अशोक तंवर को प्रदेशाध्यक्ष से हटा दिया गया. फिर वह पार्टी से बगावत कर भाजपा में शामिल हो गए. अशोक तंवर भी दलित समुदाय से आते थे और उनको आगे बढ़ाने में राहुल गांधी का हाथ बताया जाता था. बीते लोकसभा चुनाव में अशोक तंवर भाजपा के टिकट पर सिरसा से कुमारी सैलजा के खिलाफ मैदान में थे. हालांकि, कुमारी सैलजा सिरसा से जीत दर्ज कराने में कामयाब हुईं. राज्य में दलित वोटर्स अब विधानसभा में कुमारी सैलजा की नाराजगी का क्या असर पड़ेगा यह तो समय ही बताएगा. लेकिन, वह भाजपा के ऑफर को स्वीकार करती हैं तो निश्चित तौर पर यह भाजपा के लिए एक बड़ा झटका होगा. राज्य में करीब 21 फीसदी दलित मतदाता हैं. इनके बीच कुमारी सैलजा एक बड़ी नेता हैं. राज्य की 90 में से 17 सीटों अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. अगर कुमारी सैलजा कांग्रेस से दूर होती है तो कांग्रेस के भीतर उनकी भरपाई करने वाला को बड़ा दलित चेहरा नहीं बचेगा. दूसरी तरफ राज्य में पहले ही मायावती की पार्टी बसपा ने इनेलो के साथ गठबंधन कर रखा है. राज्य में भीम आर्मी चंद्रशेखर की पार्टी ने जेजेपी के साथ किया. Tags: Assembly elections, CM Manohar Lal Khattar, Haryana election 2024, Kumari SeljaFIRST PUBLISHED : September 21, 2024, 16:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed