बुलंदियों पर बेटी : उत्तराखंड की सविता ने 16 दिन में फतह किया माउंट मकालू
बुलंदियों पर बेटी : उत्तराखंड की सविता ने 16 दिन में फतह किया माउंट मकालू
Mountaineer Savita: उत्तराखंड की बेटी सविता कंसवाल ने 16 दिन में दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची चोटी माउंट मकालू फतह कर ली है. सविता अब तक 12 चोटियों तक पहुंच चुकी है. अब उसका लक्ष्य है कि सातों महाद्वीप की सात ऊंची चोटियां चढ़ने के साथ 8000 मीटर से ऊंची 9 चोटियां भी फतह करे.
रिपोर्ट-बलबीर परमार
उत्तरकाशी. उत्तराखंड की 26 साल की जांबाज सविता कंसवाल ने महज 16 दिन में माउंट एवरेस्ट के बाद दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची चोटी माउंट मकालू फतह कर विश्व कीर्तिमान बनाया है. सविता नौ साल में अब तक 12 चोटियों को फतह कर चुकी है. सविता की इस उपलब्धि पर हर कोई फख्र कर रहा है.
सविता कंसवाल आज सभी सविता के हौसले की तारीफ कर रहे हैं, लेकिन यहां तक पहुंचना आसान नहीं था। 2013 से अब तक 12 चोटियों पर चढ़ चुकीं सविता विपरीत परिस्थितियों में भी लक्ष्य से नहीं भटकीं. सविता का कहना मेरी मदद करने वाले हर व्यक्ति ने मेरे साथ चढ़ाई की है. क्योंकि पहाड़ चढ़ने से पहले आर्थिक चुनौती के पहाड़ पर फतह हासिल करना भी काफी मुश्किल होता है. 6000 रुपए की पगार और पर्वत सा लक्ष्य
उत्तरकाशी जिले के लोंथरू गांव की रहने वाली सविता चार बहनों में सबसे छोटी हैं. एडवांस कोर्स के लिए पैसे नहीं थे, तो नौकरी करने लगीं. महज 6,000 रुपए की पगार में खर्च भी चलाना था और पैसे भी बचाने थे. 2016 में एडवांस माउंटेनियरिंग का कोर्स पूरा किया. 2019 में इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन के एवरेस्ट कैंप के लिए 1000 लोगों के बीच चुने गए 12 प्रतिभागियों में सविता भी एक थीं. सविता की लगातार सफलता के बाद उनका परिवार काफी खुश है. सविता ने बताया कि मुझे पूरे गांव का समर्थन भी मिल रहा है, जिससे आने वाले समय मे मेरा जो लक्ष्य है उसे हासिल करने की मेरी उम्मीद और तेज हो गई है.
उत्तराखंड की पर्वतारोही सविता कंसवाल अब तक कई चोटियां फतह कर चुकी हैं. परिवार ने किया था एनसीसी ट्रेनिंग का विरोध
सविता ने बताया कि उसकी सबसे बड़ी मुश्किल लड़की होना थी. इस कारण उसे घर के अंदर और बाहर लैंगिक भेदभाव का सामना करना पड़ा. घरवाले जब एनसीसी में शामिल होने पर भी ऐतराज जताएं, तब सोचिए कि उस घर में रहते हुए किसी लड़की के लिए जिंदगी में कुछ बड़ा पाने की लड़ाई लड़ना कितना कठिन हो गया होगा, लेकिन वह आम लड़की नहीं थी. उसने 6000 रुपए की नौकरी करके अपने लिए जूते नहीं, बल्कि लेस वाले सपने खरीदे और मुश्किल हालात को चुनौती देते हुए तय किया कि वह माउंट एवरेस्ट फतह करेगी. सरकार से सविता को उम्मीद
सविता ने कहा कि वह पहाड़ की बेटी है लगातार पहाड़ चढ़ रही है. उन्हें उम्मीद है हमारी सरकार भी पहाड़ की बेटी की मदद को आगे आएगी. हालांकि अब तक सूबे की सरकार ने सविता की कोई मदद नहीं की इसके बाद भी धामी सरकार से सविता को काफी उम्मीद है. सविता अभी तक माउंट त्रिशूल (7120 मीटर), माउंट तुलियान (4800 मीटर), माउंट लबूचे (6119 मीटर) की पीकमाउंट लोहत्से, माउंट चंद्रभागा, माउंट हनुमान टिब्बा और द्रोपदी का डांडा पीक पर जा चुकी हैं.
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Tags: Mountaineer, Uttarakhand newsFIRST PUBLISHED : July 12, 2022, 11:27 IST