Nainital: बड़े काम का है सिसौंण जानिए पहाड़ की इस बिच्छू घास के चमत्कारी गुण
Nainital: बड़े काम का है सिसौंण जानिए पहाड़ की इस बिच्छू घास के चमत्कारी गुण
Nainital News: बिच्छू घास से एक धार्मिक महत्व भी जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि इसकी जड़ों से बनी अंगूठी पहनने से शनि का प्रभाव कम होता है. वहीं, यह घास औषधीय गुणों के मामले में भी काफी आगे है.
रिपोर्ट- हिमांशु जोशी
नैनीताल. उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में एक ऐसी घास भी पाई जाती है जिसे छूने भर से लोग डरते हैं, लेकिन औषधीय गुणों में यह काफी आगे है. यह है पहाड़ में मिलने वाली बिच्छू घास, जिसे कुमाऊंनी भाषा में सिसौंण भी कहते हैं. 800 से 2000 मीटर की ऊंचाई पर मिलने वाली यह घास डंक मारने के लिए जानी जाती है. यह घास उत्तराखंड में ज्यादा पाई जाती है, तो कहीं ना कहीं यह उत्तराखंड की संस्कृति की पहचान से भी जुड़ी है.
बिच्छू घास का बॉटनिकल नाम अरर्टिका डाइओका है. यह घास कुमाऊं के नैनीताल, भीमताल, रानीबाग और अल्मोड़ा क्षेत्र में ज्यादा मात्रा में पाई जाती है. इस घास बहुत मात्रा में छोटे-छोटे कांटे पाए जाते हैं, जो इसे स्टिंगिंग इफेक्ट देते हैं. इस वजह से पुराने जमाने में इस घास का इस्तेमाल बच्चों को स्कूल भेजने और उनको पढ़ाई में मन लगवाने के लिए किया जाता था. इनके जब टुक्के निकलते हैं, तो उनकी सब्जी बनाकर भी खाया जाता है. जाड़ों के दिनों में यह शरीर को गरम रखने का भी काम करते हैं. पहले के जमाने में इस घास पर एक ककड़ी जैसा फल लगता था, जिसे पहले के लोग बड़े चाव से खाते थे.
बिच्छू घास में फॉरमिक एसिड भी मौजूद होता है, जो इसके स्टिंगिंग इफेक्ट को डेवलप करता है. पानी में डालने से इसके स्टिंगिंग इफेक्ट की क्षमता बढ़ जाती है. गांव में इस घास को उबालकर इसकी सब्जी बनाकर पालतू शाकाहारी जानवरों को भी खिलाई जाती है, जिससे उनका पाचन ठीक रहे.
कुमाऊं विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ ललित तिवारी बताते हैं कि बिच्छू घास औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. इस घास में फिनोलिक कंपाउंड्स, सेपोनिन, अमीनो एसिड मौजूद होते हैं. किसी भी अर्थराइटिस मरीज के लिए बिच्छू घास काफी कारगर साबित होती है.
समय के साथ बदला तरीका
बिच्छू घास से एक धार्मिक महत्व भी जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि इसकी जड़ों से बनी अंगूठी पहनने से शनि का प्रभाव कम होता है. आज के समय में बिच्छू घास को हर्बल टी बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. इसकी सब्जी और सूप भी बेहद ही स्वादिष्ट और गुणवत्ता से भरपूर होते हैं.
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Tags: Nainital newsFIRST PUBLISHED : August 24, 2022, 16:02 IST