Roorkee: 4 धातुएं लगेंगी और 4000 रुपये खर्च तब ढलेगा 175 रुपये का खास सिक्का जानें कब और क्यों होगा लॉन्च

25 नवंबर 2021 से 24 नवंबर 2022 के बीच रुड़की आईआईटी अपने 175 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है. लगातार कई तरह के आयोजन हो रहे हैं. इस यादगार साल को विशेष रूप से दर्ज करने के लिए संस्थान ने जो प्रस्ताव और डिज़ाइन भेजा था, वह भारत सरकार से अप्रूव हो गया है. देखिए एक खास रिपोर्ट.

Roorkee: 4 धातुएं लगेंगी और 4000 रुपये खर्च तब ढलेगा 175 रुपये का खास सिक्का जानें कब और क्यों होगा लॉन्च
रुड़की. आईआईटी रुड़की के इतिहास के एक खास पड़ाव पर एक और विशेष उपलब्धि इस मशहूर संस्थान के नाम दर्ज होने जा रही है. आईआईटी रुड़की के 175 साल आने वाले नवंबर के महीने में पूरे हो जाएंगे. इस मौके को यादगार बनाने के लिए मिश्रित धातुओं का 175 रुपये का सिक्का लॉन्च होगा. आईआईटी ने इस सिक्के के लिए जो प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा था, वह मंज़ूर हो गया है. इस सिक्के और आईआईटी के ऐतिहासिक पड़ावों की कुछ खास बातें आपकी दिलचस्पी बढ़ा सकती हैं. यह सिक्का करीब 35 ग्राम वज़न का होगा, जिसमें चांदी, तांबा, निकिल, जस्ता जैसी धातुओं का मिश्रण होगा. आईआईटी रुड़की के समारोह कमेटी के चेयरमैन अरुण कुमार ने बताया कि सिक्के में अशोक स्तंभ की आकृति होगी और सत्यमेव जयते के साथ साथ आईआईटी लिखा होगा. वहीं, आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. एके चतुर्वेदी ने कहा कि यह आईआईटी के लिए गौरव की बात है कि 175 साल पूरे होने पर केंद्र सरकार 175 रुपये का आकर्षक विशेष सिक्का जारी करेगी. काफी खास है इस सिक्के का डिज़ाइन अरुण कुमार ने इस सिक्के की और खासियतें बताते हुए कहा, 44 मिलीमीटर गोलाई के इस सिक्के के मुख्य भाग पर IIT रुड़की के मुख्य प्रशासनिक भवन जेम्स थॉमसन बिल्डिंग का फोटो होगा. इस फोटो के निचले हिस्से में 175 साल लिखा होगा. इसके साथ ही ऊपरी व निचले हिस्से पर अंग्रेज़ी में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान लिखा जाएगा. बिल्डिंग की आकृति के नीचे एक ओर 1847 और दूसरी ओर 2022 लिखा होगा. टकसाल में ढाले जाने वाले विशेष सिक्के में 50 फीसदी धातु चांदी होगी और 40 फीसदी तांबा. सिक्के में एक ओर हिंदी में भारत व दूसरी तरफ अंग्रेज़ी में इंडिया लिखा होगा. अरुण कुमार ने यह भी बताया कि सिक्के की अनुमानित लागत करीब चार हज़ार रुपये होगी. इस तरह का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था, कुमार के मुताबिक वह मंज़ूर हो गया है लेकिन यह अभी तय नहीं ​है कि इस सिक्के का प्रोडक्शन कब होगा और यह कब तक आईआईटी को मिलेगा. पहले डाक टिकट हो चुका है जारी 1847 में बना यह संस्थान 1854 तक ​सिविल इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम से जाना जाता था. फिर 1947 तक इसे थॉमसन कॉलेज कहा गया और तबसे अगले पांच दशक तक यह रुड़की यूनिवर्सिटी के तौर पर जाना गया. 2001 में भारत सरकार से इसे आईआईटी यानी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान का दर्जा मिला. गौरतलब है कि 1997 में आईआईटी रुड़की के 150 साल पूरे होने के मौके पर भारत सरकार ने डाक टिकट जारी किया था. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Iit roorkeeFIRST PUBLISHED : July 19, 2022, 13:03 IST